-कमलेश भारतीय

आज जब राजनीति पर नज़र डालता हूँ, तब खुद से सवाल पूछता हूँ कि लड़ाई किसके लिए होने जा रही है? विचारधारा के लिए या चौधर‌ के लिए? चाहे दो केन्द्रीय दलों की बात करें या हरियाणा में चौटाला परिवार की बात करें – सवाल एक ही है कि विचारधारा या फिर चौधर‌? भाजपा का नारा मोदी की गारंटी पर चार सौ पार और कांग्रेस या विपक्ष का नारा- संविधान बचाना है ! बयानबाजी बढ़ती और कटु होती जा रही है । भाजपा का दावा कि संविधान‌ सम्मत ही सब कुछ हो रहा है और विपक्ष कह रहा है कि सीबीआई, ईडी, निर्वाचन आयोग व अन्य संस्थाओं को पालतू तोते बना लिया है‌ ! पहले तो कांग्रेस मुक्त का नारा दिया, बात बनती न देख कांग्रेस युक्त भाजपा ही लगने लगी । आकड़े भी हैं कि कम से कम सत्तर प्रतिशत कांग्रेसी भाजपा में आ चुके हैं, जिससे विचारधारा की बात तो उड़नछू हो गयी ! अब चार सौ पार का नारा है, जिसके पार जाना है तो फिर विचारधारा का क्या काम ? साम, दाम, दंड और भेद सब आजमा कर देख लो, कोई कसर न‌ रह जाये कहीं !

इधर हरियाणा में और खासतौर पर हिसार में यह बात उठ रही है कि आखिर चौ देवीलाल की विचारधारा पर कौन खरा उतरेगा या उतर रहा है ? एक ही चौटाला परिवार और तीन तीन प्रत्याशी इसी कुनबे से ! है न नया रिकाॅर्ड ! तीनों चौ देवीलाल के नाम के साथ मैदान में !

पहले आये चौ देवीलाल के छोटे बेटे भाजपा के प्रत्याशी के रूप में चौ रणजीत सिंह और अब घोषणा हुई है जजपा की श्रीमती नैना चौटाला की, जो इस समय बाढड़ा से विधायक हैं । मूलरूप से आदमपुर के गांव दड़ौली की निवासी हैं । फिर आने वाली हैं प्रताप चौटाला के बेटे रवि की धर्मपत्नी सुनयना चौटाला, जो बिना घोषणा के अपना चुनाव प्रचार शुरू कर चुकी हैं, टिकट पर इनेलो हाईकमान की मुहर लगनी बाकी है ! इस तरह तीन तीन प्रत्याशी चौ देवीलाल की विचारधारा के सहारे मैदान में आ रहे हैं और यह मालूम नहीं कि विचारधारा पर चल कौन रहा है ? क्योंकि सुनयना का कहना है कि जजपा ने तो चौ देवीलाल के नाम के सहारे राजनीति तो की लेकिन उनकी विचारधारा से दूर ही रही ! बड़ा दिलचस्प मुकाबला होगा- ससुर, जेठानी और देवरानी में ! चौ रणजीत चौटाला तो कह चुके हैं कि चौटाला परिवार बहुत बड़ा है और इसके सदस्य पहले भी आमने सामने चुनाव लड़ चुके हैं, इसलिए यह चर्चा कोई मायने नहीं रखती । ‌इसके बावजूद हमारा सामाजिक संबंध बना हुआ है । ‌सही कहा । इनेलो के अभय चौटाला भी राजनीति में परिवार के बारे में किये जाने वाले सवालों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते कहते हैं कि राजनीति की बात करो, देवीलाल की विचारधारा की बात करो और हमारी राजनीति अलग है और हम चौ देवीलाल की विचारधारा पर चलते हैं ! यह बहुत दिलचस्प होगा जब तीनों प्रत्याशी चौ देवीलाल के फोटो लगायेंगे ! इसी तरह यदि कांग्रेस बृजेन्द्र सिंह को टिकट देती है तो वे सर छोटूराम की विरासत को आगे बढ़ायेंगे व उनकी विरासत की विचारधारा की बात भी चलेगी !

खैर! विचारधारा और चौधर की जंग दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जायेगी !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075

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