प्रत्येक स्कूल वाहन की चेकिंग होगी, चालकों की फिटनेस की जांच करवाई जाएगी

स्कूल वाहनों और उनके चालकों का व्यापक स्तर पर सर्वेक्षण करेगा प्रशासन

अनफिट ड्राईवर नहीं चला सकेगा स्कूल वाहन, होगी कानूनी कार्यवाही

गुरूग्राम, 12 अप्रैल। गुरूग्राम जिला में सभी स्कूल वाहनों और उनके चालकों का व्यापक स्तर पर निरीक्षण किया जाएगा। जो भी स्कूल वाहन सुरक्षित नहीं पाया गया, उसे जब्त कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। कनीना में हुए स्कूल बस हादसे के बाद हरियाणा सरकार इस मामले में अब कई कड़े कदम उठाने जा रही है। यह बात डीसी निशांत कुमार यादव ने शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही।

इससे पहले हरियाणा के मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए गुरूग्राम सहित प्रदेश के सभी जिलों के डीसी, एसपी व अन्य अधिकारियों की मीटिंग ली। वीसी में डीजीपी शत्रुजीत कपूर, शिक्षा विभाग की एसीएस जी. अनुपमा, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। गुरूग्राम के पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा भी वीसी में शामिल हुए। मुख्य सचिव ने आदेश दिए कि हर एक जिला में आगामी दस दिनों में स्कूल वाहनों की चेकिंग होनी चाहिए। जो कोई वाहन सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के अनुरूप नहीं पाया जाता है, उसे बंद कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल वाहनों के चालक पूर्ण रूप से प्रशिक्षित और ड्राईविंग लाईसेंस धारक होने चाहिए। उनकी मेडिकल फिटनेस ठीक होनी चाहिए। कोई भी चालक अप्रशिक्षित या नशे का आदी पाया जाता है तो उसे फौरन स्कूल वाहन से हटाया जाए। इस मामले में किसी स्कूल की मान्यता रद्द करनी पड़े तो वह कार्रवाई भी की जाए। इस कार्य की वह स्वयं प्रतिदिन मॉनिटरिंग करेंगे।

डीसी निशांत कुमार यादव ने वीडियो कांफे्रंस के उपरांत अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा जिला में स्कूल बसों के सर्वेक्षण कार्य को तत्काल शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि शनिवार और रविवार को शेड्यूल बनाकर जिला में पांच स्थानों पर उपमंडल के अनुसार स्कूल बसों की निर्धारित स्थलों पर चेकिंग की जाएगी। इसके लिए उच्च स्तर पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जा रही हैं। जिनमें एसडीएम, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त, सीईओ जिला परिषद, आरटीए सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, ट्रैफिक पुलिस, हरियाणा रोडवेज व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे।
डीसी ने बताया कि जिला के गांवों और शहरों में करीब पांच सौ प्राइवेट स्कूल और 2600 स्कूल बसें हैं। इन स्कूल बसों के अलावा अभिभावक अपने स्तर पर जिन प्राइवेट वाहनों में बच्चों को भेजते हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी संबधिक प्राइवेट स्कूल प्रबंधन की रहेगी। जिला का एक भी बच्चा असुरक्षित वाहन में घर से स्कूल तक का सफर नहीं करेगा। इसके लिए जिला प्रशासन पूरे एक्शन मोड में है और आने वाले दिनों में सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी को लेकर प्रभावी परिवर्तन देखने को मिलेंगे।

सरकारी नियमों के अनुसार एक स्कूल वाहन में जीपीएस सिस्टम, स्वस्थ व प्रशिक्षित चालक-परिचालक, फस्ट एड बॉक्स, बस पर पीला रंग, स्कूल प्रबंधक के फोन नंबर, बस में सीसीटीवी कैमरा, 50 कि.मी. प्रति घंटा की गति का स्पीड गर्वनर होना आवश्यक है। बस में रंगीन शीशे या पर्दे नहीं लगे होने चाहिए। इस पर रिफलेक्टर टेप लगी होनी जरूरी है। बस की आरटीए ऑफिस से रूटीन में सरकारी नियम अनुसार पासिंग होनी चाहिए।

डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि स्कूल वाहनों की चेकिंग सख्ती से होनी चाहिए। इसमें किसी प्रकार की ढिलाई ना बरती जाए। इस अवसर पर एडीसी हितेश कुमार मीणा, आरटीए सचिव गजेंद्र सिंह, डीईओ कैप्टन इंदु बोकन कसाना, डीईईओ मनीराम आदि उपस्थित रहे।

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