कांग्रेस महिला सशक्तिकरण की नई दिशा तय करने के साथ उनके सपनों को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करेंगी : कुमारी सैलजा

चंडीगढ़, 11 अप्रैल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस की गारंटीया महिला सशक्तिकरण की नई दिशा तय करेंगी और उनके सपनों को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करेंगी। उन्होंने कहा कि इसके पहले हमने भागीदारी न्याय, किसान न्याय और युवा न्याय घोषित किए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी गारंटी खोखले वादे और जुमले नहीं होते, हमारा कहा पत्थर की लकीर होता है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा का बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा एक जुमला ही है, भाजपा ने महिला हितों की अनदेखी की है, महिला विरूद्ध अपराध के आंकड़े बताते है कि महिलाएं सुरक्षित नहीं है, महिलाओं के अधिकारों पर कैंची चलाई जा रही है। पर कांग्रेस ने महिलाओं के उत्थान को लेकर पांच बड़ी गारंटियां की है। कांग्रेस की सरकार बनने पर महालक्ष्मी योजना लागू की जाएगी। गरीब परिवार की एक महिला को बिना शर्त एक लाख प्रतिवर्ष प्रदान किए जाएंगे। सबसे जरूरतमंद परिवारों को हितग्राहियों की पहचान की जाएगी। यह राशि परिवार को महिला बुजुर्ग के बैंक खाते में भेजी जाएगी, परिवार को बुजुर्ग महिला नहीं होने पर परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य को खाते में राशि भेजी जाएगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आधी आबादी, पूरा हक योजना है जिसके तहत केंद्र सरकार में सभी नई भर्तियों में आधा हिस्सा (50 प्रतिशत) महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा। इससे समाज में महिलाओं को बराबरी का पूरा हक मिलेगा। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति सम्मान योजना के तहत आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी और मिड-डे मील बनाने वाली महिलाओं के मासिक वेतन में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना किया जाएगा। अधिकार मैत्री योजना के तहत सभी पंचायत में एक अधिकार मैत्री नियुक्त किए जाएंगे जो महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देंगे और इन अधिकारों को लागू करने में मदद करेंगे। सावित्री बाई फुले हॉस्टल योजला के तहत केंद्र सरकार देश भर में कामकाजी महिलाओं के लिए प्रत्येक जिले में कम से कम एक हॉस्टल जरूर खोलेगी। महिलाओं को वेतन में होने वाले भेदभाव को रोकने के लिए समान काम समान वेतन का सिद्धांत लागू किया जाएगा। महिलाओं को दिए जाने वाले संस्थागत ऋण की मात्रा भी वृद्धि की जाएगी।

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