गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज:

शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में पीड़ित को पुलिस कैसे कैसे परेशान करती है इसका जीते जागते कई मामले इन दिनों गुरुग्राम पुलिस के थानों में दबें पड़ें है। जिनमें पहले तो पुलिस पीड़िता को कई-कई महीनों तक समझौता करने का दबाव डालती रहती है। जब बात नहीं बनती है तो पुलिस आरोपियों से मिली भगत करके पीड़िता को ही किसी फर्जी मामले में फंसा कर राजनीतिक व समाज का डर दिखाकर दर-दर की ठोकरे खिलाकर भिखारी बना रही है। वहीं पुलिस सभी नियम कानून को ताक पर रखकर अपनी फर्जी वाहवाही बटोरने के चक्कर में दुष्कर्म की शिकार पीड़िता की पहचान भी मीडिया के सामने उजागर कर रहे हैं। जबकि मामला कोर्ट में पेंडिंग हो।

कानून के जानकार बताते हैं कि पीड़िता की पहचान उजागर करना सीधा-साधा कानून की धारा 228 ए के तहत अपराध है। लेकिन गुरुग्राम पुलिस के कुछ लापरवाह भ्रष्ट अधिकारी केवल मीडिया में बने रहने के लिए कुछ फर्जी भ्रष्ट यूट्यूबर को बढ़ावा देने के लिए देश के कानून के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में हाई कोर्ट की एक पीड़ित वकील ने प्रदेश के डीजीपी को भी पत्र गत दिनों लिखा था। मगर गुरुग्राम पुलिस दोषियों और फर्जी यूट्यूब को बचाने के चक्कर में वकील को ही तरह-तरह से प्रताड़ित कर रही है। जिनके पीछे प्रदेश के कुछ भाजपा नेताओं तथा वकीलों का भी पुलिस पर दबाव बताया जा रहा है। जिनकी दर्जनों शिकायत भी सरकारी अधिकारियों और बार काउंसिल आफ इंडिया सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची हुई है।

सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि गुड़गांव ईस्ट जोन के सेक्टर- 45 थाना क्षेत्र में करीब 2 महीने पहले एक युवती को एक युवक ने साथ शादी का झांसा देकर लिव इन रिलेशन में रखा तथा कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। उसके बाद उसको अकेला छोड़कर रफू चक्कर हो गया। जिनके परिजनों ने थाने व पुलिस अधिकारियों के कई चक्कर लगाए लेकिन पुलिस केवल मामले में समझौता करने का दबाव बनती रही । पीड़िता की शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया। वही सूत्र से यह भी जानकारी मिली है कि इस मामले में गुरुग्राम पुलिस का एक राजेश नामक कर्मचारी आरोपियों से साज बाज रहा है।

पुलिस से परेशान पीड़ित कर रहे हैं हाई कोर्ट का रुख

गुरुग्राम पुलिस की प्रताड़ना से परेशान पीड़ित न्याय की आस में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट का भी रख कर रहे हैं। ऐसा ही एक कारनामा गुरुग्राम पुलिस ने हाई कोर्ट की एक वकील के साथ भी कर दिखाया है। जिसने एक वकील पर रेप का आरोप लगाया था। जिसमें पुलिस ने कई महीनो तक कोई मामला दर्ज नहीं किया, जब मामला काफी ऊपर तक पहुंचा तो पुलिस ने एक थाने में रेप का मामला के दर्ज किया तो पीड़ित वकील पर दूसरे थाने में पैसे मांगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा पीड़ित शिकायतकर्ता पर ही दर्ज करा दिया। जिसमें मामला यहीं तक नहीं रुका पीड़ित वकील ने आरोपी वकील की शिकायत जब बार काउंसिल में की तो बर काउंसिल के सदस्यों ने भी उसे जमकर प्रताड़ित किया। यहां तक कि उसकी सार्वजनिक तौर पर भी उसको अपमानित किया। जिस पर पीड़ित वकील ने बार काउंसिल आफ इंडिया तथा सुप्रीम कोर्ट में भी न्याय के लिए गुहार लगाई है। वहीं मिली भगत से उसे पर दर्द की गई फिर को रद्द करने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में भी याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई है। जिसमें गुड़गांव पुलिस की आईओ प्रमिला को भी माननीय अदालत ने व्यक्तिगत तौर पर 24 अप्रैल को उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। जिसमें पीड़िता ने उसके उपर दर्ज मुकदमों को रद्द करने की गुहार न्यायालय से लगाई है। वहीं सरकार सहित पुलिस विभाग व 10 अन्य को पार्टी बनाया है।

मामला चाहे जो भी कुछ हो लेकिन पीड़िता की पिटीशन के अनुसार गुड़गांव पुलिस की आईओ प्रमिला को हाईकोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा।

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