विद्रोही ने इसके दो ताजा उदाहरण देते हुए बताया भाजपा विधायक दल बैठक में जिस तरह अनिल विज ने वाकआऊट किया,राव इन्द्रजीत सिंह का है। वीरवार को हिसार में मीडिया से बात करते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने खुद को मुख्यमंत्री न बनाने पर अप्रत्यक्ष रूप से रोष प्रकट करा 15 मार्च 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा में कांग्रेस से कहीं ज्यादा गुटबाजी, रोष भाजपा में है। यह दूसरी बात है कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है जिसके चलते कांग्रेस नेता खुलकर अपनी बात मीडिया व जनता के सामने रख देते है। जबकि भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदी है इसलिए भाजपा में नेता घुट-घुटकर रहते है और इशारों-इशारों में ही अपना रोष प्रकट करते है। विद्रोही ने इसके दो ताजा उदाहरण देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को बदलकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने वाली भाजपा विधायक दल बैठक में जिस तरह अनिल विज ने वाकआऊट किया व नये मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह का बहिष्कार करके अघोषित रूप से अपना रोष सार्वजनिक करके जताया कि भाजपा में भी गुटबाजी है, लेकिन ईडी, सीबीआई के डर से अपनी बात खुलेआम कहने की भाजपा नेताओं में हिम्मत नही है। दूसरा उदाहरण राव इन्द्रजीत सिंह का है। वीरवार को हिसार में मीडिया से बात करते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने खुद को मुख्यमंत्री न बनाने पर अप्रत्यक्ष रूप से रोष प्रकट करते हुए कहा कि जिस दक्षिणी हरियाणा के बल पर हरियाणा में दो बार भाजपा की सरकार बनी है, उस दक्षिणी हरियाणा के लोग भी चाहते है कि उनका नेता हरियाणा का मुख्यमंत्री बने। विद्रोही ने कहा कि राव इन्द्रजीत सिंह यही नही रूके, उन्होंने आगे यह भी कहा कि जिस उदारता से दक्षिणी हरियाणा लगातार दो लोकसभा चुनावों व दो विधानसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया है, उस अनुपात में दक्षिणी हरियाणा का विकास नही हुआ और इस क्षेत्र के साथ सौतेला भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया। अनिल विज व राव इन्द्रजीत सिंह के सार्वजनिक बयान व आचरण से सहज अनुमान लगा ले कि भाजपा में गुटबाजी भी है और नेताओं में रोष भी है, पर डर के कारण न तो वे खुलकर अपनी बात कह पाते है और न ही अपना रोष प्रकट कर पाते है। भाजपा में बहुत से अन्य वरिष्ठ नेता भी है जो अपनी उपेक्षा से क्षुब्ध है, पर कहने की हिम्मत नही है। एक तो मोदी-शाह से वे डरते है कि कहीं कुछ बोलकर रोष दिखया तो कहीं ईडी, सीबीआई, आईडी की रेड न करवा दे और भाजपा इस समय सत्ता में है, इसके सत्ता का फेवीकोल उन्हे बोलने, रोष दिखाने से रोकता है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं में अपनी उपेक्षा, भेदभाव का रोष तो है ही साथ में केवल तीन जातियों के संघीयों का सत्ता पर वर्चस्व होने के कारण सत्ता की सारी मलाई चाट रहे है, उसका प्रदर्शन भाजपा नेता-कार्यकर्ता ही लोकसभा चुनाव में दिखायेगे और लोकसभा चुनाव में भाजपा को पता चल जायेगा कि हरियाणा के आमजन ही नही अपितु भाजपा कार्यकर्ता व नेता भी भाजपा में खुश नही है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-इंडिया गठबंधन की भारी जीत तय है। Post navigation सत्ता में रही जेजेपी के सामने एक नहीं अनेक चुनौतियां; ………… पार पाएंगे दुष्यंत चौटाला ? हरियाणा कैबिनेट में जातीय-क्षेत्रीय संतुलन बनाने की थी तैयारी, अब देरी……….. हाई कमान ने लोकसभा चुनाव में जुटने को कहा