विज का शपथ से इनकार, मनाने का प्रयास

कंवरपाल होंगे सबसे पावरफुल, मिड्‌ढा, निर्मल, ओपी का नाम आगे था, कांडा और 2 निर्दलीय भी बन सकते है मंत्री

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में कैबिनेट के विस्तार को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया वह थम सा गया। सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों के नामों को लेकर सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल और संगठन महामंत्री फणींद्र नाथ शर्मा ने बुधवार रात मंथन किया। साथ ही लोकसभा की 4 अन्य सीटों के प्रत्याशियों को लेकर भी चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार नायब सैनी के कैबिनेट विस्तार में कुछ देरी भी हो सकती है भाजपा आई कमान ने लोकसभा चुनाव में जुटने के लिए उनको कहा है। हालांकि सियासी गलियारों में अगले दो दिनों में कैबिनेट विस्तार की चर्चा ही चल रही थी, वह थम गई लेकिन सूत्रों के मुताबिक बीजेपी हाई कमान ने चुनाव तक कैबिनेट विस्तार नहीं करने को कहा है।

इधर पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने नायब कैबिनेट में शामिल होने से फिलहाल इनकार कर दिया है। हाईकमान द्वारा उनको मनाने का प्रयास किया जा रहा है। मंत्रिमंडल में गठन में देरी का एक कारण विज की नाराजगी भी बताई जा रही है। सरकार ने कैबिनेट विस्तार को टलता हुआ देख पांचों कैबिनेट मंत्रियों का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जल्द ही उन्हें विभागों का आबंटन कर दिया जाएगा।

अभी कंवरपाल को बड़े विभागों की जिम्मेवारी मिल सकती है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में कंवरपाल गुर्जर सबसे ज्यादा पावरफुल होंगे। इसके बाद मूलचंद शर्मा, रणजीत सिंह, जयप्रकाश दलाल और डॉक्टर बनवारी लाल को रखा गया है। मनोहर सरकार में कंवरपाल के पास एजुकेशन, टूरिज्म और फॉरेस्ट जैसी डिपार्टमेंट थे अब नए बंटवारे में उन्हें कई अहम बड़े विभागों की जिम्मेवारी मिल सकती है।

इसके अलावा मूलचंद शर्मा को भी पहले से ज्यादा विभाग मिल सकते हैं । बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह का कद बढाए जाने की चर्चाएं हैं। पूर्व में कृषि विभाग का काम देख रहे जयप्रकाश दलाल को राजस्व और पंचायत एवं विकास महकमा मिल सकता है। सहकारिता मंत्री का दायित्व निभाने वाले डॉक्टर बनवारी लाल को स्वास्थ्य महकमें की कमान मिल सकती है।

मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होने की संभावनाओं के बीच हरियाणा सचिवालय स्थित पूर्व मंत्रियों के दफ्तर बंद होने के साथ ही उनके नाम प्लेट उखाड़ दिए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली, कमलेश ढांडा, अनूप धानक, संदीप सिंह और ओम प्रकाश यादव के दफ्तर बंद कर दिए गए हैं। हांलांकि कुछ एक मंत्रियों के स्टाफ के कमरे शुक्रवार तक खुले रहेंगे लेकिन विभागीय फाइलों को वापस भेज दिया गया है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी मुख्यमंत्री ऑफिस सीएमओ में कुछ ज्यादा खास बदलाव नहीं करेंगे। सैनी ने अभी फिलहाल सिर्फ मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की नियुक्ति के ही आदेश जारी किए हैं। चर्चा है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की टीम के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, एपीएस डॉक्टर अमित अग्रवाल, आशिमा बराड़ के अलावा तबादलों का काम देख रहे वह ओएसडी सुधांशु अपने पद पर बने रहेंगे। सीएमओ में अभी ओएसडी एडवाइजर व प्राइवेट सेकेटरी की छुट्टी तय मानी जा रही है।

नायब सैनी ने गुरुवार को दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि नायब सैनी ने प्रदेशाध्यक्ष के नाते केंद्रीय नेतृत्व को लोकसभा चुनाव को लेकर भी फीडबैक दिया।

इस बीच चर्चा है रही कि सीएम नायब सैनी अब कैबिनेट में जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन बनाएंगे। ऐसे में पंजाबी, वैश्य, यादव व कई अन्य जातियों को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। अभी सीएम समेत कैबिनेट में 6 मंत्री हैं। मंत्री पद के लिए अनिल विज, कृष्ण लाल मिड्ढा, निर्मल रानी का नाम आगे चल रहा था। ओपी यादव, लक्ष्मण यादव, सीताराम यादव या अभय यादव में से किसी एक को मंत्री पद दिया जा सकता था। लक्ष्मण यादव इसलिए रह सकते थे कि रेवाड़ी जिले से डा.बनवारी लाल को मंत्री बनाया जा चुका। वही अभय सिंह यादव को झंडी इसलिए रखा जा सकता था कि राव इंद्रजीत सिंह उन्हें नहीं चाहते। ओम प्रकाश यादव या सीताराम यादव में से एक की लॉटरी लगनी थी। ओम प्रकाश यादव के पास राज्य मंत्री का अनुभव है।

निर्दलीय विधायकों में इनका नाम था आगे

वहीं, हलोपा के गोपाल कांडा और निर्दलीय नयन पाल रावत को भी मंत्री बनाये की चर्चा रही। निर्दलीय रणधीर गोलन व धर्मपाल गोंदर में से भी किसी एक को मंत्री बनाए जाने की चर्चा रही। 

जातीय-क्षेत्रीय संतुलन बनाने की थी तैयारी

पंजाबी कोटे से 2 नाम: विज के विभाग बढ़ सकते थे

अनिल विज: अभी पंजाबी कोटे से कोई मंत्री नहीं है। अनिल विज को कैबिनेट में शामिल कर विभाग बढ़ाए जाने की चर्चा रही। हालांकि उन्होंने मंत्रिमंडल में शामिल होने से साफ इन्कार कर दिया था।

कृष्ण लाल मिड्ढा: जींद विधायक डॉ. कृष्ण लाल मिढ्ढा भी मंत्री बन सकते हैं। इससे जींद क्षेत्र को साधा जा सकता है।

अहीरवाल बेल्ट: इंद्रजीत की पसंद का मंत्री होगा

ओपी यादव: अहीरवाल से राव इंद्रजीत की पसंद का मंत्री बनेगा। नारनौल विधायक ओपी यादव को फिर मौका संभव है।

अभय यादव: ओपी यादव मंत्री नहीं बने तो नांगल चौधरी के विधायक अभय सिंह यादव या सीताराम यादव मंत्री बन सकते हैं।

वैश्य समाज: ज्ञानचंद गुप्ता व कांडा के नाम चर्चा में

ज्ञानचंद गुप्ता: डॉ. कमल गुप्ता को दोबारा मंत्री नहीं बनाया तो पंचकूला विधायक ज्ञानचंद गुप्ता मंत्री बन सकते हैं।

गोपाल कांडा: ज्ञानचंद मंत्री नहीं बने तो कांडा मंत्री बन सकते हैं। सिरसा जिले से दूसरे मंत्री बनाने पर पेंच फंस सकता है।

महिला कोटा: एक मंत्री पद, गन्नौर विधायक आगे

पिछले मंत्रिमंडल में शामिल कमलेश ढांडा को दोबारा मौका नहीं मिला तो गन्नौर विधायक निर्मल रानी और बड़खल विधायक सीमा त्रिखा में से एक को मंत्री बनाये जाने की बात चली। निर्मल के आसार ज्यादा थे।

निर्दलीय: दो और को भी दिया जा सकता है मंत्री पद

नयन पाल रावत: रणजीत चौटाला के बाद 2 और निर्दलीय विधायक मंत्री बनाए जाने चर्चा रही। बाकी 5 निर्दलीयों में से किसे मंत्री बनाया जाए, यह चुनौती रही। पृथला विधायक नयन पाल रावत का नाम आगे था। पूंडरी के रणधीर गोलन व नीलोखेड़ी के धर्मपाल गोंदर में से एक मंत्री बनाए जाने की बातें चली।

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