9 साल 4 महीने 15 दिन तक छुक छुक करती डबल इंजन हरियाणा सरकार

हरियाणा विधानसभा अथवा सरकार के कार्यकाल में 228 दिन ही शेष बचे

मोटरसाइकिल बेकाबू हुई और सीएम मनोहर को सत्ता की सवारी से उतारना पड़ा

गठबंधन तोड़ने के नफे नुकसान का आने वाले समय में पता लगेगा 

पंचायती राज और नगर निकायों की व्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम 12 मार्च । 9 साल 4 महीने और 15 दिन तक छुक छुक करती डबल इंजन की हरियाणा सरकार । एक दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी हरियाणा के गुरुग्राम में पहुंचे । द्वारका एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया और सीएम मनोहर को  पीएम मोदी ने मोटरसाइकिल पर हरियाणा भ्रमण की याद भी दिलाई । लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि मोटरसाइकिल बेकाबू हो गई और सीएम मनोहर को सत्ता की सवारी से उतारना ही पड़ गया । सीधे और सरल शब्दों में लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से ठीक पहले हरियाणा की सत्ता से सीएम मनोहर लाल गायब हो गए या कर दिए गए। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी हरियाणा के सीएम की कुर्सी पर पदासीन हुए । अब यह देखना भी रोचक होगा कि शेष बचे 228 दिन में नए सीएम नायब सैनी क्या कुछ नायाब हरियाणा के लिए कर सकेंगे। हरियाणा के राजनीतिक घटनाक्रम पर कांग्रेस नेत्री एवं सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पर्ल चौधरी ने यह बात कही ।

उन्होंने कहा सत्ता की चौसर पर मोहरे बदलना और सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी से राजनीतिक गठबंधन तोड़ने के नफे नुकसान का आने वाले समय में पता लगेगा । सीएम मनोहर लाल खट्टर  के कार्यकाल को हरियाणा के इतिहास का काला अध्याय के रूप में याद किया जाएगा।

अधिकारी वर्ग के अलावा विभिन्न सरकारी विभागों के कर्मचारी सरकार के द्वारा किए गए वादों को पूरा किया जाने को लेकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। 

कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कहा समाज के हर वर्ग को इस सरकार ने अपनी नीतियों से तंग किया जिसमें  महत्वपूर्ण हैं, अन्त्योदय की बात करने वाली मनोहर सरकार ने पंचायती राज और नगर निकायों की व्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। गुरुग्राम और मानेसर सरीखे प्रदेश के नगर निगमों में एससी वर्ग के प्रतिनिधित्व को कम करने का पूरा चक्रव्यूह रच डाला है। ओबीसी वर्ग के आरक्षण के लिए आय सीमा को 8 लाख के राष्ट्रीय स्तर से दुर्भर कर 6 लाख कर देना, मनोहर सरकार के पिछड़ा वर्ग के प्रति कुनीतियों का नायाब उदाहरण है। इसी कड़ी में सीएम खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में जाट आरक्षण के दौरान हुई हिंसा और मौजूदा कार्यकाल में मेवात में हुई हिंसा मनोहर सरकार के लचर कानून व्यवस्था के सबूत हैं। मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार था की सबको सुरक्षा दे पाना सरकार के लिए संभव नहीं है

उन्होंने कहा प्रदेश में युवा वर्ग के लिए रोजगार के साधन मुहैय्या नहीं करवाये गए। जब कभी भी नौकरियों के लिए परीक्षा करवाए गए तो अधिकतर समय प्रश्न पत्र लीक कर या फिर करवा दिया गया !

 सरकारी स्कूलों में आवश्यकतानुसार शिक्षकों की बहाली नहीं की गई। पटौदी हल्के पूरे हरियाणा राज्य  में सरकारी स्कूलों की हालत खस्ताहाल हो  रखी है । पूरे प्रदेश में और खासकर हरियाणा के खजाने में सबसे अधिक राजस्व देने वाले गुरुग्राम में स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री  ने 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में हरियाणा के हर जिले में पंचकूला के तर्ज पर मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाने की बात की थी । जबकि गुरुग्राम में मौजूद अस्पताल को भी सुचारू रूप से नहीं चला सके। यूँ तो मुख्यमंत्री आए दिन नशा मुक्ति अभियान पर करोड़ों रूपों के विज्ञापन छपवा चुके हैं । लेकिन उसका रिजल्ट यह है कि पूरे गुरुग्राम में हर जगह दारू के ठेके सूरज ढलते ही जगमगाते दिखते हैं। प्रदेश के अनाज मंडियों में किसानों के फसल को खरीदते समय उन्हें खून के आंसू बहाने के लिए मनोहर सरकार ने मजबूर किया था

कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कहा चाहे महात्मा गांधी का जन्मदिन हो या फिर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा पर स्वच्छता की बात करनी हो ! मनोहर सरकार ने जबानी जमा खर्च के अलावा कुछ भी नहीं किया। आज पूरा हरियाणा प्रदेश कचरे का प्रदेश बन चुका है और गुरुग्राम का नया नाम कूड़ा ग्राम ज्यादा उचित लगता है । कचरे की यह हालत हो गई की सरकार को अपने ही आईएएस अधिकारियों पर जुर्माना लगाना पड़ा। परिवार पहचान पत्र और प्रॉपर्टी आईडी के नाम पर अधिकारियों ने समाज के हर तबके को तंग किया। पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन पर उनकी जनसभा में भीड़ जुटाना के लिए हरियाणा रोडवेज की बसों को विशेष रूप से गांव-गांव में भेजा गया। मंदिरों के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा सरकार ने पिछले हफ्ते जब मानेसर में बाबा भीष्म मंदिर को ध्वस्त किया था,  उसी दिन मनोहर सरकार का जाना निश्चित हो गया था। अब देखना यह है की 228 दिनों के बचे विधानसभा कार्यकाल में भाजपा क्या नायाब करतब दिखा पाती है। वही भाजपा को अबकी बार जमुना पार का नारा देकर हरियाणा प्रदेश की जनता से वोट मांगने वाली और चुनाव के बाद उसी भाजपा के साथ  सरकार बनाने वाली जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला, देश के पहले सेवानिवृत अग्निवीर  बन गए हैं। मौजूदा राजनीतिक हालात में इस बात की प्रबल संभावना बनी हुई है कि अबकी बार बीच मझदार डूबेगी भाजपा सरकार।

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