-बहल खंड के बीईओ शिवकुमार को सौंपा भिवानी खंड शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार

भिवानी, 07 मार्च। शिक्षा विभाग ने गलत दस्तावेजों के सहारे फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले में फंसे युद्धवीर सिंह से कार्यवाहक भिवानी खंड शिक्षा अधिकारी का चार्ज वापस ले लिया है। जिसकी जगह अब बहल खंड के कार्यवाहक खंड शिक्षा अधिकारी शिवकुमार को भिवानी के कार्यवाहक खंड शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। दरअसल शिक्षा निदेशालय ने 5 जनवरी 2024 को भिवानी जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर ऐसे शिक्षा अधिकारी का नाम मांगा था, जिसके खिलाफ कोई शिकायत व अनुशासनात्मक मामला लंबित न हो। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी भिवानी ने तथ्य छीपाकर फर्जी दिव्यांग मामले में दोषी युद्धवीर सिंह का नाम की अनुशंसा मुख्यालय को भेज दी। जिसके बाद स्कूली शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र कुमार ने 23 जनवरी को युद्धवीर सिंह को भिवानी खंड का कार्यवाहक खंड शिक्षा अधिकारी नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिए।

इस मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के संस्थापक सदस्य बृजपाल सिंह परमार ने शिक्षा निदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी भिवानी की शिकायत मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार व मुख्य सचिव हरियाणा सरकार व अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा विभाग को शिकायत दी। इस शिकायत के बाद शिक्षा निदेशक जितेंद्र कुमार ने शिकायत झूठी होने पर शिकायतकर्ता पर ही एफआईआर दर्ज किए जाने की बात भी व्हाटसअप मैसेज कर दी थी। शिकायत में आरोप लगाए गए थे कि युद्धवीर सिंह को फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले में दोषी पाया गया था। जिसके बाद युद्धवीर सिंह द्वारा विभाग से अनुचित तरीक से लिए गए लाभ भी वापस जमा कराने के आदेश हो चुके हैं, बावजूद इसके उन्हें भिवानी खंड का कार्यवाहक खंड शिक्षा अधिकारी नियुक्त कर दिया गया। इस मामले में स्कूली शिक्षा निदेशक ने कड़ा संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से बहल के कार्यवाहक खंड शिक्षा अधिकारी को भिवानी का भी अतिरिक्त कार्यभार सौंपने का आदेश दिया है।

रोहतक पीजीआई में भी काफी नोटिसों के बाद जांच के लिए नहीं हुए पेश

फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले में राज्य आयुक्त दिव्यांगजन हरियाणा ने दोषी करार दिया था। जिसके बाद शिक्षा निदेशालय ने रोहतक पीजीआई को युद्धवीर सिंह का मेडिकल कराने के निर्देश दिए थे। शिक्षा निदेशालय ने युद्धवीर सिंह को काफी बार पीजीआई में जांच कराने के नोटिस दिए गए। जबकि पीजीआई रोहतक ने भी शिक्षा निदेशालय को यह सूचना दी थी कि जांच के लिए युद्धवीर सिंह पीजीआई में पेश नहीं हो रहे हैं। युद्धवीर सिंह की दिव्यांगता की यूडीआईडी भी खारिज हो चुकी है।

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