गुरूग्राम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह मेें पहुंचे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
छात्र-छात्राओं को उच्च चरित्रवान बनने एवं विनम्रता रखने की प्रेरणा दी

गुरूग्राम, 5 मार्च। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि ज्ञान की महत्ता धन से भी अधिक है। डिग्री लेने के बाद भी युवा स्वयं को एक विद्यार्थी ही समझें और अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करें व स्वयं को कुशल बनाएं।

राज्यापल श्री बंडारू दत्तात्रेय आज गुरूग्राम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह के बाद विद्यार्थी के लिए नए जीवन की शुरूआत होती है, जिसमें वह स्वयं के लिए योग्य रोजगार की तलाश करता है। शिक्षित युवा केवल नौकरी के लिए ही नहीं प्रयास करे, अपितु स्वयं को इतना सक्षम बनाएं कि वे दूसरों को रोजगार देने वाले बने। विद्यार्थियों को सफल जीवन बिताने के लिए अपने चरित्र को हमेशा शुद्घ रखना चाहिए। चरित्रवान युवा ही देश की असली संपत्ति है। युवाओं को अपने संस्कार, माता-पिता व गुरू को कभी नहीं भूलना चाहिए। बुजुर्गों से हमें जो पावन संस्कार मिले हैं, उनको व्यवहारिक जीवन में हमेशा याद रखें। उच्च पद पर पहुंचने के बाद भी विनम्रता का त्याग कभी नहीं करें। विनम्रता और ईमानदारी जैसे गुणों के दम पर ही मनुष्य की प्रतिष्ठा और अधिक बढ़ती है।

राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आज विश्वविद्यालय में 46 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिए गए, जिनमें से 39 छात्राएं थीं। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति का सम्मान होगा तो समाज का भी विकास होगा। महिलाओं का आगे बढऩा हमारे सामाजिक परिवर्तन की दिशा में सकारात्मक संदेश है। इस अवसर पर राज्यपाल ने विभिन्न संकायों के 655 छात्र-छात्राओं को स्नातक व स्नात्कोत्तर की उपाधि प्रदान की। राज्यपाल ने इस मौके पर गुरूग्राम विश्वविद्यालय की स्मारिका का भी विमोचन किया।

हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि ज्ञानवान समाज की देश की प्रगति और समृद्घि में अपना योगदान दे सकता है। हमारे देश में गुरूकुल की प्राचीन परंपरा ने भारत को विश्वगुरू की उपाधि दी हुई थी। अब शिक्षा जगत में हो रही उन्नति से हम फिर से विश्वगुरू बनने की राह पर अग्रसर हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वïान पर युवाओं से भारत को विकसित राष्टï्र बनाने की दिशा में अपना सर्वोत्तम योगदान देने की अपील की। गुरूग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2017 में की गई थी। विश्वविद्यालय ने अल्प समय में ही उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।

इस अवसर पर गुरूग्राम यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डा. राजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक रमेश कुमार गर्ग, विश्वकर्मा विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राज नेहरू, समाजसेवी पवन जिंदल, डीपी भारद्वाज, डा. सुजाता साही, प्रताप यादव, अशोक दिवाकर, प्रो.राकेश योगी, जगदीश ग्रोवर, प्रो.रंजना अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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