भाजपा के तीन सासंदों पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा0 हर्षवर्धन, पूर्व मंत्री जयंत सिन्हा व गौतम गंभीर ने तो राजनीति से ही तौबा करके सन्यास ले लिया : विद्रोही

इंडिया एलायंस की लोकसभा चुनाव 2024 में जीत की ऐसी रणभेरी बजाई है जिससे भाजपा में भारी हताशा पैदा हो गई है : विद्रोही

मनोहरलाल खट्टर ने ऐसी तिकडमी चाले चली कि वे हरियाणा भाजपा के सर्वेसर्वा बनकर सभी बड़े भाजपा नेताओं को ठिकाने लगा चुके है जिसके चलते अंदरखाने ऐसे सभी भाजपा नेताओं में भारी रोष है : विद्रोही

04 मार्च 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने दावा किया रविवार को गांधी मैदान पटना बिहार में महागठबंधन की विशाल रैली में उमडी लाखों की भीड़ ने बिहार से देश में बदलाव की लहर की शुरूआत करके इंडिया एलायंस की लोकसभा चुनाव 2024 में जीत की ऐसी रणभेरी बजाई है जिससे भाजपा में भारी हताशा पैदा हो गई है। विद्रोही ने कहा कि इंडिया एलायंस के बढ़ते जनसमर्थन का ही यह परिणाम है कि आसनसोल-बंगाल से भाजपा ने जिस भोजपुरी गायक पवन सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया था, उसने घोषणा के 24 घंटे के अंदर ही हार के डर से चुनाव लडने से मना कर दिया। भाजपा के तीन सासंदों पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा0 हर्षवर्धन, पूर्व मंत्री जयंत सिन्हा व गौतम गंभीर ने तो राजनीति से ही तौबा करके सन्यास ले लिया। गुजरात के पूर्व डिप्टी सीएम नीतिन पटेल ने मेहसाना से चुनाव लडने से इनकार कर दिया। भाजपा नेताओं की यह हताशा बताती है कि वे समझ गए है कि भाजपा के प्रति जनता में भारी असंतोष है व कांग्रेस-इंडिया गठबंधन एलायंस के पक्ष में अण्डर करंट है। इसलिए वे क्या तो चुनाव लडने से ही भाग रहे है या राजनीति से सन्यास लेने में ही अपनी भलाई समझ रहे है।  

विद्रोही ने कहा कि भाजपा के बहुत से वरिष्ठ नेता, सांसद भाजपा छोडने को तैयार बैठे है, लेकिन ईडी, आईटी, सीबीआई के डर से चाहकर भी भाजपा छोडने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है क्योंकि वे जानते है कि भाजपा छोडते हीे ईडी छोपमारी करके उन्हे मनिलांड्रिंग में फंसाकर जेल भेज सकती है। इसलिए भाजपा नेता भाजपा छोडकर अन्य दल में जाने की बजाय राजनीति से ही सन्यास लेने का सुरक्षित रास्ता अपना रहे है। वहीं मथुरा से 16 अक्टूबर 1948 को जन्मी 75 वर्ष की आयु पार कर चुकी फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को तीसरी बार टिकट देकर मोदी जी ने खुद ही 75 वर्ष की आयु वालों को टिकट न देने के अपने दावे को जुमला बना दिया।  

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा में भाजपा में जिस तरह मनोहरलाल खट्टर सारी ताकत अपने हाथ में ले रहे है, उससे भाजपा नेता ही लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों की कब्र खोदने को तैयार है। खट्टर जी ने अपने निजी सहायक रहे नायब सिंह सैनी को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर औमप्रकाश धनखड को पहले ही ठिकाने लगा दिया। फिर अपने जी हजूरिये सुभाष बराला को न केवल राज्यसभा टिकट दिलवाया अपितु उन्हे भाजपा का हरियाणा का चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष भी बनवाया। वहीं भाजपा हरियाणा प्रभारी बिपल्ब देव को त्रिपुरा से लोकसभा टिकट मिल गया। इस तरह आज हरियाणा में खट्टर ही भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री है ही, साथ में पर्दे के पीछे वे ही भाजपा अध्यक्ष वे ही चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और वे ही अब हरियााण भाजपा के प्रभारी है। इस तरह मनोहरलाल खट्टर ने ऐसी तिकडमी चाले चली कि वे हरियाणा भाजपा के सर्वेसर्वा बनकर सभी बड़े भाजपा नेताओं को ठिकाने लगा चुके है जिसके चलते अंदरखाने ऐसे सभी भाजपा नेताओं में भारी रोष है और लोकसभा चुनाव में खट्टर को सबक सिखाने भाजपा उम्मीदवारों को हाराने और कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने अपना-अपना राजनीतिक भविष्य बचाने की रणनीति बना रहे है। हरियाणा की जनता के आशीर्वाद व भाजपा नेताओं के असंतोषे के चलते अब यह साफ दिख रहा है कि हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटे कांग्रेस-आप पार्टी गठबंधन ही जितेगा।    

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