–नुक़सान के लिए एक माह के भीतर हो तीस हज़ार रूपए प्रति एकड़ मुआवज़े का भुगतान -बोले, सरकार पीड़ित किसानों के आंसू पोंछने के लिए उठाए प्रभावी और निर्णायक कदम किसान की भी बड़ी दर्दनाक कहानी है, शरीर पर पसीना और आंखों में पानी है।कभी ड्रोन और आंसू गैस से प्रहार, कभी मंदे भाव की मार और कभी कुदरत का अत्याचार ! चंडीगढ़ ,3 मार्च – कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि शासन-प्रशासन से लेकर प्रकृति तक हर कोई मेहनतकश किसान की परीक्षा ले रहा है। पिछले हफ्ते जहां मनोहरलाल खट्टर व दुष्यंत चौटाला की पुलिस किसानों पर आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट बरसा रही थी, कल कुदरत ने बेमौसमी बरसात व ओले बरसा कर लाखों एकड़ में लहलहाती फसलें चौपट कर दी। सुरजेवाला ने कहा कि कल खट्टर साहब जब भाजपा कार्यकर्ताओं को इकट्ठे करके अबकी बार 400 पार के नारे लगा रहे थे, ठीक उसी समय प्रदेश के किसानों की गेहूं और सरसों की फसलों पर बेमौसमी ओले बरस रहे थे। इस भयंकर ओलावृष्टि के कारण पकने को तैयार खड़ी रबी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। सुरजेवाला ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन मे इससे भयंकर ओलावृष्टि नही देखी। खेतों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे व खेत ना होकर कोई ग्लेशियर हों। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में, विशेषकर दक्षिणी और पश्चिमी हरियाणा में सरसों की फसल पककर कटाई के लिए तैयार खड़ी थी। पूरे हरियाणा में गेहूं की फसल में बालियां आ चुकी हैं। फल-सब्जियां हों या गेहूं-सरसों की फसल, इस बेमौसमी बरसात और भयंकर ओलावृष्टि ने कुछ भी नही छोड़ा। ओलावृष्टि से बर्बाद फसल खेतों में बिछी पड़ी है। किसान की उम्मीदें रबी की फसल पर ही टिकी होती हैं क्योंकि खरीफ की फसल से तो खर्चा भी मुश्किल से निकलता है। कुदरत ने इस बार रबी की फसल पर ही पानी फेर दिया। रणदीप ने कहा कि प्रदेश के लाखों किसानों ने 4 महीने से गेहूं और सरसों की फसल को अपने खून पसीने से सींचा है। हज़ारों रुपये बिजाई तथा खाद और सिंचाई पर ख़र्च हो चुके हैं। कल की ओलावृष्टि ने सरसों की 90% फसल और गेहूं की 80% फसल तबाह कर दी है। किसान की कमाई की उम्मीद तो छोड़िए उसकी लागत भी पानी मे गई। ऐसी परिस्थितियों में किसान को केवल सरकार का ही सहारा है। सुरजेवाला ने कहा है कि खट्टर साहब को चुनावी रैलियों और मीटिंग्स से निकलकर उन लाखों किसानों के आंसू पोंछने चाहिए जिन्होंने उन्हें 10 साल से प्रदेश का सत्ताधीश बनाया हुआ है। रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के नुकसान की गिरदावरी के आदेश तुरन्त जारी करे और 10 दिन के भीतर गिरदावरी करवाकर 30 दिन के भीतर पूरी तरह बर्बाद फसल पर 30 हज़ार रुपये प्रति एकड़ की दर से और 50% से कम बर्बाद फसल पर 20 हज़ार रुपए की दर से किसान भाइयों को मुआवजा दिया जाए। इस मुआवजे से किसान का घाटा तो पूरा नही होगा लेकिन, इस कठिन समय मे उन्हें दुबारा ज़िंदगी को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी। खट्टर सरकार को ये समझना होगा कि किसान हरियाणा के समाज की ही नही, हरियाणा की अर्थव्यवस्था की भी रीढ़ हैं। अगर किसान कमजोर होगा तो हरियाणा की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होगी। हर दिन किसान समाज का पेट भरता है आज किसान की रोजी-रोटी की सुरक्षा करनी होगी। Post navigation बीमा कम्पनियां फसल बीमा प्रीमियम लेकर भी किसानों को रबी फसलों का मुआवजा देने से मुकर गई : विद्रोही हिट एंड रन कानून रद्द करने की मांग को लेकर राजनीतिक दलों को ज्ञापन देंगे : पूनिया