ओलावृष्टि व बरसात से रबी फसलों को हुए भारी नुकसान की विशेष गिरदावरी करवाकर पर्याप्त मुआवजा देने की मांग : विद्रोही

हरियाणा के अनेक जिलों में किसानों को वर्ष 2020-21 व 2021-22 में नष्ट फसलों का लगभग 164 करोड़ रूपये का मुआवजा नही मिला। वहीं वर्ष 2023 का भी नष्ट फसलों का लगभग 253 करोड़ रूपये बीमा कम्पनियों की ओर से बकाया है : विद्रोही

प्रदेश के किसानों का 400 करोड़ रूपये से ज्यादा मुआवजा बीमा कम्पनियों की ओर बकाया है तो सहज अनुमान लगा ले कि फसल बीमा के नाम पर हरियाणा के किसानों को किस तरह लूटा जा रहा है : विद्रोही

03 मार्च 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने दक्षिणी हरियाणा सहित हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर तेज हवा, ओलावृष्टि व बरसात से रबी फसलों को हुए भारी नुकसान की विशेष गिरदावरी करवाकर पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा का यह दुर्भाग्य है कि पिछले पांच-छह सालों से लगातार मार्च माह में रबी फसलों पर ओलावृष्टि व बरसात से भारी मार पड़कर किसानों को भारी नुकसान होता आ रहा है। हरियाणा के 57 साल के राजनीतिक इतिहास में कभी भी पांच-छह साल से लगातार फरवरी, मार्च, अप्रैल माह में ओलावृष्टि नही हुई, लेकिन विगत छह सालों सेे मौसम में बदलाव से हरियाणा में ऐसा हो रहा है। जब फसल पकान की ओर होती है या पककर तैयार होती है तो भारी बरसात, ओलावृष्टि, तेज आंधी से रबी फसलों को नुकसान होने से घाटे की खेती में पिसते किसान पर कर्ज बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है।

विद्रोही ने कहा कि जब-जब ओलावृष्टि, भारी बरसात से किसानों की फसले बर्बाद होती है, भाजपा खट्टर सरकार पर्याप्त मुआवजा देने के दावे तो करती है लेकिन फसलों को नुकसान व गिरदावरी इस तरह फिक्सड की जाती है कि जिससे बीमा कम्पनियों को कम से कम मुआवजा देने पडे। इस वर्ष तो हालत यह है कि बीमा कम्पनियां फसल बीमा प्रीमियम लेकर भी किसानों को रबी फसलों का मुआवजा देने से मुकर गई। ऐसे जिलों में किसानों को नष्ट फसलों का मुआवजा कैसे मिलेगा और मिलेगा भी या नही, यह अलग समस्या है। 

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के अनेक जिलों में किसानों को वर्ष 2020-21 व 2021-22 में नष्ट फसलों का लगभग 164 करोड़ रूपये का मुआवजा नही मिला। वहीं वर्ष 2023 का भी नष्ट फसलों का लगभग 253 करोड़ रूपये बीमा कम्पनियों की ओर से बकाया है। सरकार के लाख दावों के बाद भी जब प्रदेश के किसानों का 400 करोड़ रूपये से ज्यादा मुआवजा बीमा कम्पनियों की ओर बकाया है तो सहज अनुमान लगा ले कि फसल बीमा के नाम पर हरियाणा के किसानों को किस तरह लूटा जा रहा है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा दावा करती रहती है कि उनके राज में किसानों को सबसे ज्यादा फसल मुआवजा मिला, लेकिन यह बताना भूल जाती है कि भाजपा ऐसी निर्भाग पार्टी है कि जिसके दस साल के राज में हर साल फसलों को प्राकृतिक आपदा से इतना भारी नुकसान हो रहा है जो हरियाणा में कभी भी किसी सरकार के राज में नही हुआ। कटु सत्य यही है कि विगत दस सालों के भाजपा राज में हरियाणा के किसानों की घोर उपेक्षा हो रही है और ऊपर से रामजी भी दस सालों से नाराज रहकर किसानों पर प्राकृतिक आपदा से उसकी फसलों पर कहर ढाता आ रहा है। 

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