चंडीगढ़, 1 मार्च- हरियाणा सरकार ने सीएम विंडो कार्यक्रम की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए नई मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की हैं, जिसका उद्देश्य सीएम विंडो पोर्टल पर दर्ज शिकायतों और समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री के सीएम विंडो सलाहकार श्री देवेन्द्र सिंह द्वारा सभी प्रशासनिक सचिवों और उपायुक्तों को लिखे पत्र में कहा है कि सीएम शिकायत पोर्टल को ऑटो अपील सिस्टम (एएएस) के साथ एकीकृत किया गया है। हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत अधिसूचित सेवा संबंधी कमियों से संबंधित सभी शिकायतें तुरंत ऑटो अपील सिस्टम को भेज दी जाएंगी। इसके बाद शिकायतें विभाग के उपयोगकर्ता नोडल अधिकारी के खाते में दिखाई देने लगेगी, जो इसे एएएस के नामित अधिकारी को आगे भेज देगा। आरटीएस अधिनियम के अंतर्गत सेवा में कमी आती है तो ऐसा करने के बाद नामित अधिकारी द्वारा की जाने वाली संबंधित शिकायतों से यह पता चलेगा कि नागरिक ने उचित माध्यम से सेवा के लिए आवेदन किया है या नहीं। उस समय नोडल अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि नामित अधिकारी शिकायत प्राप्त होने के 30 दिनों के अन्दर नागरिक को कॉल करेगा और उसे उचित माध्यम से सेवा के लिए आवेदन करने की सुविधा देगा। एक बार यह सेवा लागू हो जाने पर अधिकारी आवेदन के प्रासंगिक विवरण के साथ एक अंतरिम उत्तर अपलोड करेगा। इसके बाद किसी भी अधिकारी या सीएम कार्यालय के अधिकारी को ऑटो अपील सिस्टम शिकायत वापस करने की अनुमति नहीं होगी। अपडेट एसओपी के अनुसार अब कॉल सेंटर से फीडबैक, रिकॉर्डिंग और टिप्पणियां सीएम कार्यालय द्वारा की गई कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) जमा करने से पहले प्रशासनिक सचिव और सभी अधिकारियों के लिए उपलब्ध होंगी। क्योंकि शिकायत करने वाले अधिकारी द्वारा अपलोड की गई एटीआर तत्काल वरिष्ठ अधिकारी के अलावा कॉल सेंटर को भेज दी जाएगी। यदि, विभाग के समाधान के दावे और कॉल सेंटर द्वारा प्राप्त नागरिक की प्रतिक्रिया के बीच विरोधाभास होगा तो यह समझा जाएगा कि वांछित शिकायत का समाधान नहीं हुआ है। ऐसे मामले को प्रशासनिक सचिव द्वारा आवश्यक स्पष्टीकरण हेतु विभाग के नामित अधिकारी को वापस भेजने की आवश्यकता होगी। इस बदलाव को पोर्टल में भी शामिल कर लिया गया है। इसलिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए पदानुक्रम में अधिकारी व वरिष्ठ अधिकारियों को कोई एटीआर भेजने से पहले नागरिक की प्रतिक्रिया से गुजरना पड़ेगा। संशोधित एसओपी में यह भी कहा गया है कि अब सीएम विंडो पोर्टल के माध्यम से प्राप्त सभी शिकायतों का तदनुसार वर्गीकरण करना होगा। यह वर्गीकरण शिकायतों में पहचान करने, विशिष्ट बिंदुओं को संबोधित करने और हल करने के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण में सक्षम होगा। इससे मौजूदा नीति व्यवस्था में आवश्यक हुआ तो नीतिगत बदलावों को लागू करने में भी मदद मिलेगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी विशेष नीति, योजना से संबंधित बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त होती हैं, तो विभाग को उस विशेष नीति में इस तरह से संशोधन करना पड़ सकता है ताकि नागरिक की शिकायतों को कम किया जा सके। अन्य श्रेणी के तहत शिकायतों को आदर्श रूप से शून्य या न्यूनतम पर लाया जाना चाहिए और इसे प्राप्त करने के लिए प्रशासनिक सचिवों को अब अपने संबंधित खातों में अपनी श्रेणियां बनाने का अधिकार दिया गया है। Post navigation भाजपा 400 पार का यही समय है और सही समय है : धनखड़ चर्चा है: मुख्यमंत्री खट्टर के लिए आसान नहीं होंगे लोकसभा चुनाव