डिप्टी सीएम दुष्यंत का जवाब यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन

एमएलए जरावता ने 27 एकड़ जमीन को रिलीज करने की उठाई मांग

एक बार फिर गर्म हुआ पचगांव और मानेसर की जमीनों का मुद्दा

किसानों के द्वारा पिछले 612 दिन से लगातार धरना दिया जा रहा

फतह सिंह उजाला 

पटौदी 21 फरवरी । पटौदी एमएलए एवं भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने विधानसभा स्पीकर के माध्यम से मानेसर और पचगांव की जमीनों के मुद्दे को हरियाणा सरकार के समक्ष बजट सत्र के दौरान विधानसभा में उठाया । उन्होंने 1128 एकड़ जमीन का मुआवजा और अधिग्रहण से लेकर मौजूदा समय तक ब्याज दिया जाने की मांग भी सरकार के समक्ष रखी । इसके साथ ही 27 एकड़ जमीन को रिलीज करने की तरफ ध्यान आकर्षित किया गया । विधानसभा में  एमएलए एडवोकेट जरावता के द्वारा 1128 एकड़ 912 एकड़ और 27 एकड़ जमीन जो की मानेसर और पंचगांव इलाके की है, इसका मुद्दा जोर-जोर से उठाया गया। जमीनों के मुद्दे पर जवाब देते हुए डिप्टी स्पीकर दुष्यंत चौटाला ने बताया संबंधित जमीनों और मुआवजे के मामले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में विचाराधीन है । कोर्ट का जो भी फैसला आएगा सरकार इस फैसले के अनुसार कदम उठाएगी। औद्योगिक क्षेत्र मानेसर तथा दिल्ली गुरुग्राम जयपुर नेशनल हाईवे पर पचगांव इलाके की जमीनों का मामला एक बार फिर से गर्म होता दिखाई दे रहा है। गौर तलब है कि जमीनों के मुद्दे को लेकर प्रभावित किसानों के द्वारा पिछले 612 दिन से लगातार धरना दिया जा रहा है।

विधानसभा में स्पीकर से मुखातिब होते हुए पटौदी एमएलए जरावता ने कहा जमीनों का अवार्ड 2011 में हो गया था। अवार्ड के बाद पेमेंट जमा होनी चाहिए थी, उसके बाद ही कब्जा लिया जाना था। 2011 में अवार्ड हो गया, 200 करोड रुपए बैंक में जमा भी किए गए । लेकिन अगले ही दिन 170 करोड़ रूपया निकाल लिया गया । मामला कोर्ट में चले जाने की वजह से कब्जा नहीं लिया जा सका। इसके साथ ही  एल ए सी और डी आर ओ के कहने पर मुहावजा का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने कहा जमीन अधिग्रहण के समय और मौजूदा दौर में जमीनों के रेट में अंतर है । इस दौरान के 10-12 वर्ष का ब्याज का भुगतान प्रभावित किसानों को किया जाना चाहिए । पटौदी एमएलए जरावता ने कहा 968 करोड़ रूपया बैंक में जमा मानकर मुआवजा पर किसानों को ब्याज का भुगतान किया जाए । इसी कड़ी में पटौदी एमएलए एडवोकेट जरावता ने ध्यान दिलवाया की 912 एकड़ में से 445 एकड़ जमीन बिल्डर से लेकर हरियाणा सरकार को दे दी गई। इस 445 एकड़ जमीन का मुआवजा और ब्याज का भुगतान होना चाहिए । इसी प्रकार से 27 एकड़ जमीन को भी रिलीज करने का मुद्दा उठाया गया। उन्होंने कहा इस जमीन पर 300 मकान आवास इत्यादि बने हुए हैं।

इन्हीं मुद्दों और सवालों का जवाब देते हुएडिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के द्वारा बताया गया कोर्ट के आदेश अनुसार सर्वे हो चुका है। 27 एकड़ में 116 ही निर्माण होना पाया गया । औद्योगिक विकास के लिए संबंधित जमीन पर प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण है । इनमें से कुछ जमीन केएमपी के साथ लगती है , जहां पर प्रोजेक्ट प्रस्तावित है । इसी प्रकार से जो गैप ईयर के दौरान ब्याज की डिमांड की गई, उस दौरान जमीनों पर किसानों का ही कब्जा था । इस मामले के साथ किसानों का ही मामला, कोर्ट का जो भी फैसला आएगा सरकार उसी के अनुसार कदम भी उठाएगी।

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