किसानों के साथ षड्यंत्र रचते हुए चली जा रही शतरंजी चालें

भाजपा की केंद्र सरकार पहले ही लेना चाह रही किसानों की अग्निपरीक्षा

चंडीगढ़, 21 फरवरी।  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने किसानों के साथ षड्यंत्र रचने की शुरुआत कर दी है। किसानों को वार्ता का झांसा देकर उन पर गोलियां चलाई जा रही हैं, जान लेने की शुरुआत कर दी है। तीन कृषि कानूनों के दौरान जिस तरह का इम्तिहान केंद्र सरकार ने किसानों का लिया था, अब फिर उसी तरह की अग्निपरीक्षा लेना चाह रही है। लेकिन, किसान इनकी शतरंजी चालों को समझ चुके हैं।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान संगठन केंद्र सरकार को उसका वादा याद दिलाने के लिए 08 दिन से कड़ाके की ठंड, बारिश व ओलावृष्टि के बीच सड़क पर बैठे हैं। एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने का वादा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों को उठाने के समय प्रधानमंत्री ने किया था, लेकिन आज तक इस दिशा में कुछ भी नहीं हुआ। सरकार अपने वादे को याद करते हुए एमएसपी की गारंटी देने के बजाए किसानों के साथ मीटिंग-मीटिंग खेल रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात रखना चाहते हैं। वे देश की राजधानी दिल्ली पहुंचना चाहते हैं, लेकिन अपने आकाओं के इशारे पर कीलें गाड़कर, रास्ते रोक कर, सड़को पर कंक्रीट की दीवार खड़ी करके भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार उनकी राह में अड़चनें खड़ी कर रही है। केंद्र सरकार ने जब भी बातचीत के लिए किसानों को आमंत्रित किया तो उन्होंने भी सहर्ष इसे स्वीकार करते हुए सिरे चढ़ाने की भरसक कोशिश की। लेकिन, केंद्र की मंशा से अब किसान वाकिफ हो चुके हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि शंभू या खनौरी बॉर्डर पर अभी तक किसानों ने न तो कोई बेरिकेट तोड़ा है और न ही सुरक्षा बलों के लिए किसी तरह की परेशानी का कारण बने हैं, फिर भी बुधवार को दिनभर दोनों बॉर्डर पर आंसूगैस के सैकड़ों गोले दागे गए। कभी प्लास्टिक व रबड़ की गोलियां दागी गई तो कभी असली गोलियां बरसाई गई। यह सब किसानों को उकसाने के लिए किया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों के बीच से जनहानि व चोटिल होने को लेकर जिस तरह की सूचनाएं आ रही हैं, वह हर किसी को झकझोर देने के लिए काफी हैं  लेकिन, पत्थर दिल हो चुकी भाजपा और इसकी केंद्र सरकार पुलिस के सहारे किसानों का दमन करना चाहती है। अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को गोली से शांत करके खुद के तानाशाह होने का सबूत पेश कर रही है  जबकि, बेहतर तो यह रहे कि प्रधानमंत्री तुरंत आगे आएं और किसानों की मांगों को माने जाने का ऐलान करें।

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