यह आंदोलन नई मांग के लिए नहीं है, यह ‘‘वादा पूरा करो’’ आंदोलन है: अभय सिंह चौटाला

सभी कायदे कानून को ताक पर रख कर अन्नदाता के साथ दुश्मनों जैसा बर्बरतापूर्ण रवैया अपना कर तानाशाही कर रही भाजपा सरकार: अभय सिंह चौटाला

कहा – किसान विरोधी भाजपा का उदाहरण पूरे देश के सामने है कि भाजपा सरकार ने बड़े उद्योगपतियों के 15 लाख करोड़ के कर्जे माफ कर दिए लेकिन किसानों के कर्जे माफ करने और एमएसपी का कानून बनाने में आनाकानी कर रही है

अन्नदाता चिलचिलाती धूप, कड़ाके की ठंड और तूफान जैसी असहनीय परिस्थितियों में भी खेतों में मेहनत करके अन्न पैदा करता है और भाजपा सरकार जिन 84 करोड़ लोगों को वोट लेने के लिए अन्न दे रही है, उस अन्न को भी यही किसान पैदा करते हैं

चंडीगढ़, 21 फरवरी। इनेलो प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि किसान कोई नई मांग को लेकर आंदोलन नहीं कर रहे हैं बल्कि प्रधानमंत्री ने जिस एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने का वादा किया था उस वादे को पूरा करवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन विडंबना यह है कि एक तरफ वादाखिलाफी भी खुद कर रहे हैं और दूसरी तरफ ओच्छे हथकंडे अपना कर किसानों को ही बदनाम किया जा रहा है। बुधवार को पुलिस की गोली से पंजाब के एक नौजवान की मौत हो गई। इससे पहले भी आंसू गैस के कारण तीन मौतें हो चुकी हैं। एक तरफ तो भाजपा सरकार किसानों के साथ बातचीत करने का नाटक कर रही है वहीं दूसरी तरफ किसानों के साथ दुश्मनों जैसा बर्बरतापूर्ण व्यवहार कर रही है। यहां तक की जिस ड्रोन और पैलेट गन का पुलिस इस्तेमाल नहीं कर सकती, उसे इस्तेमाल करके सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पुलिस फोर्स जो हथियार इस्तेमाल करती है वो बी.पी.आर.एंड डी(ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट) से स्वीकृत(अप्रूव) होते हैं और हरियाणा की पुलिस जो ड्रोन इस्तेमाल कर रही है वो अनाधिकृत है। भाजपा सरकार तानाशाह बनकर सभी कायदे कानून को ताक पर रख कर मनमर्जी कर रही है और पुलिस द्वारा किसानों पर सरेआम अनअप्रूव घातक हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा से ही किसान और कमेरों की विरोधी और बड़े कारपोरेट घरानों के हित में रही है। किसान विरोधी भाजपा का उदाहरण पूरे देश के सामने है कि भाजपा सरकार ने बड़े उद्योगपतियों के 15 लाख करोड़ के कर्जे माफ कर दिए लेकिन किसानों के कर्जे माफ करने और एमएसपी का कानून बनाने में आनाकानी कर रही है। किसान वार्ता करने को तैयार हैं लेकिन उनकी मुख्य मांग जो प्रधानमंत्री ने लागू करने का वादा किया था उसे न मान कर सरकार विश्वासघात कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह अन्नदाता ही है जो चिलचिलाती धूप, कड़ाके की ठंड और तूफान जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी खेतों में मेहनत करके अन्न पैदा करता है और सबसे बड़ी बात जिन 84 करोड़ लोगों के वोट लेने के लिए अन्न दे रही है, उस अन्न को भी यही किसान पैदा करते हैं। अन्नदाता की इस तरह से बेकद्री सहन नहीं की जा सकती।

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