25 लाख मतदाताओं के साथ गुड़गांव हरियाणा का सबसे बड़ा लोकसभा हलका

4.63 मतदाताओं के साथ बादशाहपुर सबसे बड़ा विधानसभा हलका जबकि 1.55 लाख मतदाताओं  के साथ  नारनौल सबसे छोटा

अप्रैल – मई 2024 में निर्धारित 18 वीं लोकसभा आम चुनाव के मतदान से पूर्व मतदाता संख्या में  हो सकती है  और बढ़ोतरी — एडवोकेट हेमंत

हालांकि गुड़गांव जिले का नाम वर्ष 2016 में बदलकर  गुरुग्राम कर दिया गया था, परन्तु लोकसभा और विधानसभा हलके के  सन्दर्भ में आज भी इसे गुड़गांव ही कहा जाता है — एडवोकेट हेमंत

चंडीगढ़   –  भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सी.ई.ओ.) द्वारा  प्रदेश  के सभी 22 ज़िलों में कुल रजिस्टर्ड मतदाताओं की ताज़ा संख्या को इस वर्ष 1 जनवरी 2024 की योग्यता तिथि के आधार पर अपडेट किया गया एवं फाइनल मतदाता सूचियों का प्रकाशन गत  माह  22 जनवरी 2024  को  किया गया  जिनके आधार पर  हरियाणा में अब कुल 1 करोड़ 98 लाख 34 हजार 602 मतदाता हैं. इस कुल संख्या में सभी 90 विधानसभा हलकों के  ट्रांसजेंडर (किन्नर), दिव्यांग, ओवरसीज (एन.आर.आई.) और सर्विस मतदाता भी शामिल हैं. 

गत वर्ष प्रदेश में मतदाताओं की कुल   संख्या  1 करोड़ 96 लाख 58 हजार 234 थी.  इस प्रकार बीते  एक वर्ष में  पूरे प्रदेश में 1 लाख 76 हजार 368 मतदाता  बढ़े हैं.

बहरहाल, इसी बीच  पंजाब एवं हरियाणा  हाईकोर्ट के एडवोकेट  हेमंत कुमार ने भारतीय चुनाव आयोग से आधिकारिक आंकड़े प्राप्त कर उनका अध्ययन और विश्लेषण कर  बताया कि जहाँ तक प्रदेश के 10 लोकसभा हलकों का विषय है, तो इस आधार पर गुड़गांव  लोकसभा क्षेत्र  मतदाताओ की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा हलका है जहाँ वर्तमान में  कुल मतदाता 25 लाख 5 हज़ार 345 है.

उन्होंने  बताया कि हालांकि गुड़गांव जिले का नाम वर्ष 2016 में बदलकर  गुरुग्राम कर दिया गया था, परन्तु लोकसभा और विधानसभा हलके के  सन्दर्भ में आज भी इसे गुड़गांव ही कहा जाता है एवं अगली परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही इसका नाम बदलकर गुरुग्राम किया जा सकता है. बहरहाल, गुड़गांव लोकसभा हलके में वर्तमान गुरुग्राम जिले के चारों विधानसभा हलके – गुडगाँव, सोहना, बादशाहपुर और पटौदी, मेवात (नूंह) जिले की  तीनों विधानसभा सीटें‌ – नूहं, फिरोजपुर‌ झिरका  और पुनहाना और रेवाड़ी जिले के अंतर्गत पड़ने वाले    बावल  और  रेवाड़ी  विधानसभा हलके  शामिल हैं.  

ताज़ा  आंकड़ों  अनुसार गुरुग्राम ज़िले के अंतर्गत पड़ने वाले  बादशाहपुर विधानसभा हलके में  4 लाख 63 हजार 549 मतदाता है एवं मतदाताओं की दृष्टि से यह प्रदेश का सबसे बड़ा विधानसभा हलका‌ है. 

बहरहाल गत वर्ष जनवरी, 2023 में गुरुग्राम ज़िले के चारों विधानसभा हलकों की मतदाता संख्या 13 लाख 5 हज़ार 282 थी जो अब बढ़कर 13 लाख 90 हज़ार 147  हो गयी है. इस प्रकार गत एक वर्ष में गुरुग्राम ज़िले में  मतदाताओं की संख्या 84 हज़ार 865 अर्थात करीब 85 हज़ार बढ़ गई है.

गुड़गांव के बाद मतदाताओ की दृष्टि से प्रदेश का दूसरा  सबसे बड़ा लोकसभा हलका फरीदाबाद है जहाँ  23 लाख 60 हज़ार 983 मतदाता है. फरीदाबाद लोकसभा सीट पर फरीदाबाद जिले के 6 विधानसभा हलके  — पृथला, फरीदाबाद एन.आई.टी., बड़खल, बल्लभगढ़,फरीदाबाद  और तिगांव एवं पलवल जिले के तीन विधानसभा हलके – हथीन, होडल और पलवल पड़ते हैं. 

जनवरी, 2023 में फरीदाबाद  ज़िले के 6 विधानसभा हलकों की मतदाता संख्या 16 लाख 53 हज़ार 198 थी जो अब बढ़कर 16 लाख 78 हज़ार 826  हो गयी है. इस प्रकार गत एक वर्ष में फरीदाबाद    ज़िले में  मतदाताओं की संख्या 25 हज़ार 628  बढ़ गई है.

फरीदाबाद के बाद  तीसरा सबसे बड़ा लोकसभा हलका करनाल है जहाँ 20 लाख 78 हज़ार 7 मतदाता है. करनाल लोकसभा सीट में करनाल जिले के पांच विधानसभा हलके — करनाल, नीलोखेड़ी, इंद्री, घरौंडा और असंध जबकि पानीपत जिले के चार विधानसभा हलके – पानीपत शहरी, पानीपत ग्रामीण, इसराना और समालखा शामिल है.

 जनवरी, 2023 में करनाल   ज़िले के 5 विधानसभा हलकों की मतदाता संख्या 11 लाख 69 हज़ार 213 थी जो अब बढ़कर 11 लाख 85 हज़ार 797  हो गयी है. इस प्रकार गत एक वर्ष में करनाल   ज़िले में  मतदाताओं की संख्या 16 हज़ार 584  बढ़ गई है.

हालांकि दूसरी ओर पानीपत जिले  में गत एक वर्ष में 2685 मतदाता घट गये है. 

करनाल के बाद मतदाताओ के आधार पर  अम्बाला लोकसभा हलका चौथा सबसे बड़ा है जहाँ 19 लाख 78 हज़ार 278 मतदाता है. अम्बाला लोकसभा हलके में अम्बाला जिले के चार विधानसभा हलको – अम्बाला शहर, अम्बाला कैंट, नारायणगढ़ और मुलाना एवं पंचकूला जिले के दो — कालका और पंचकूला तथा यमुनानगर जिले के जगाधरी, यमुनानगर,साढौरा हलके शामिल है.

 जनवरी, 2023 में अम्बाला  ज़िले के 4 विधानसभा हलकों की मतदाता संख्या 9 लाख 466  थी जो अब घटकर  8 लाख 69 हज़ार 779  रह  गयी है. इस प्रकार गत एक वर्ष में अम्बाला  ज़िले में  मतदाताओं की संख्या 30 हज़ार 687  घट  गई है.

अम्बाला के बाद सबसे बड़ा सिरसा लोकसभा हलका है जहाँ 19 लाख 24 हज़ार 259 मतदाता है. इस हलके में सिरसा जिले के पांचों

 विधानसभा हलके – कालांवाली, डबवाली, रानियां, सिरसा और ऐलनाबाद, फतेहाबाद जिले के तीन — रतिया, टोहाना और फतेहाबाद और जींद जिले का नरवाना विधानसभा हलका शामिल है.

सिरसा के बाद रोहतक लोकसभा हलका पड़ता है जहाँ 18 लाख 87 हज़ार 457 मतदाता हैं. इस हलके में रोहतक जिले के चारों विधानसभा हलके – महम, गढ़ी सांपला किलोई, रोहतक और कलानौर हलके, झज्जर जिले के चार – बहादुरगढ़, बादली,झज्जर और बेरी हलके एवं रेवाड़ी जिले का कोसली विधानसभा हलका शामिल है.  रोचक बात यह है कि पिछले  एक वर्ष में रोहतक  ज़िले में  मतदाताओं की संख्या 4228 जबकि झज्जर जिले में  2455 घट  गई है.

उसके बाद प्रदेश में कुरुक्षेत्र लोकसभा हलका है जहाँ 17 लाख 81 हज़ार 95 मतदाता हैं. इस हलके में कुरुक्षेत्र जिले के चारों विधानसभा हलके – लाडवा, शाहबाद, थानेसर और पेहोवा एवं कैथल जिले के चारों हलके – गुहला, कलायत, कैथल और पूंडरी  एवं यमुनानगर जिले का रादौर हलका शामिल है. गत एक वर्ष में कैथल   ज़िले में  मतदाताओं की संख्या 3560 जबकि कुरुक्षेत्र  जिले में  1700 घट  गई है.

उसके बाद भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा हलका है जहाँ 17 लाख 98 हजार 796 मतदाता है. इस हलके में भिवानी जिले के तीन — लोहारु, भिवानी और तोशाम, चरखी दादरी के दो – बाढ़डा और दादरी एवं  महेंद्रगढ़ जिले के चार – अटेली, महेंद्रगढ़, नारनौल और नांगल चौधरी विधानसभा हलके शामिल है.

उसके बाद हिसार लोकसभा हलका है  जहाँ  17 लाख 72 हज़ार 219 मतदाता है. इस हलके में हिसार जिले के सात लोकसभा हलकों — आदमपुर, उकलाना, नारनौंद, हांसी, बरवाला, हिसार और नलवा एवं जींद जिले का उचाना कलां और भिवानी जिले का बवानी खेड़ा विधानसभा हलका शामिल है.

सबसे कम मतदाता सोनीपत लोकसभा हलके में 17 लाख 47 हज़ार 463 है. इस हलके में सोनीपत जिले के चारों विधानसभा हलके –गनौर, राई, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना और बरोदा जबकि जींद जिले के तीन- जुलाना, सफीदों और जींद विधानसभा हलका शामिल है.

हेमंत ने  यह भी बताया कि हालांकि  दिसम्बर, 2021 में  देश की संसद द्वारा  निर्वाचन विधि  (संशोधन) कानून, 2021 पारित किया गया था जिसे  1 अगस्त, 2022 से लागू किया गया. इसके द्वारा   लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 में अन्य संशोधनों के साथ ही   यह  भी  प्रावधान किया गया है कि हर वर्ष केवल 1 जनवरी को ही नहीं बल्कि  1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को भी 18 वर्ष  की आयु पूरे करने वाले स्थानीय निवासियों  का नाम सम्बंधित क्षेत्र की मतदाता सूचियों में शामिल किया जा सकता है जिससे आगामी तीन माह अर्थात अप्रैल-मई 2024 में निर्धारित 18 वीं लोकसभा आम चुनाव के मतदान  से‌‌ पूर्व  मतदाता संख्या में और बढ़ोतरी हो  सकती है.

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