इलक्टोरल बांड घोटाला भारत के राजनीतिक इतिहास में सबसे बडा भ्रष्टाचार, घोटाला व रिश्वत कांड है : विद्रोही

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि विगत पांच सालों में इलक्टोरल बांड के माध्यम से लिए गए चंदे का पूरा विवरण स्टेट बैंक चुनाव आयोग को 13 मार्च तक दे और चुनाव आयोग इसका पूरा विवरण चुनाव आयोग की वेबसाईट पर सार्वजनिक करे : विद्रोही

भाजपा को मिला 6554 करोड रूपये कालाधन है और मनी लांड्रिग का एकदम साफ मामला है। अब ईडी जांच क्यों नही करती? विद्रोही

16 फरवरी 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने वर्ष 2017 में इलक्टोरल बांड से राजनीतिक चंदा लेने की योजना को असंवैद्यानिक बताकर राहुल गांधी जी व कांग्रेस की इस बात पर मोहर लगा दी है कि इलक्टोरल बांड स्कीम पूंजीपतियों के लिए काम के बदले रिश्वत लेने की मोदी-भाजपा की लूट स्कीम है। विद्रोही ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि इलक्टोरल बांड स्कीम आरटीआई एक्ट व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने इलक्टोरल बांड को रद्द करकेे साफ कहा कि इससे क्विड परो क्यू की झलक दिखती है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि विगत पांच सालों में इलक्टोरल बांड के माध्यम से लिए गए चंदे का पूरा विवरण स्टेट बैंक चुनाव आयोग को 13 मार्च तक दे और चुनाव आयोग इसका पूरा विवरण चुनाव आयोग की वेबसाईट पर सार्वजनिक करे। 

विद्रोही ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद पांच सालों में किस-किस पंूजीपति ने किस-किस दल को कितना चंदा इलक्टोरल बांड के माध्यम से दिया है, यह 13 मार्च को पता चल जायगा। वहीं यह भी पता चल जायेगा कि किस-किस पूंजीपति ने इलक्टोरल बांड के माध्यम से चंदा देकर मोदी-भाजपा से क्या-क्या लाभ लिया है। विगत पांच सालों में अकेली भाजपा को ही इलक्टोरल बांड सेे 6554 करोड़ रूपये की रिश्वत पंूजीपतियों से मिली है। भाजपा ने इस इलक्टोरल बांड का अधिकांश हिस्सा चुनावों में खर्च करने की बजाय कांग्रेस-विपक्ष के विधायकों व सांसदों को खरीदने, भाजपा के कार्यालय व सम्पतियां बनाने तथा भाजपा की विभिन्न राष्ट्रीय, प्रदेश व जिला ईकाइयों के खातों में यह रिश्वत का पैसा फिक्सड डिपोजिट एकाऊंट में जमा किया है।

विद्रोही ने कहा कि फैसले में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इलक्टोरल बांड के माध्यम से दिया गुप्त दान एकतरह से मनी लांड्रिंग ही है। वहीं सीजेआई जस्टिस चंन्द्रचूड ने इस चंदे को कालाधन बताया है। इस प्रकार भाजपा को मिला 6554 करोड रूपये कालाधन है और मनी लांड्रिग का एकदम साफ मामला है। अब ईडी जांच क्यों नही करती? भाजपा को 6554 लाख करोड़ रूपये की यह रिश्वत किसने दी और भाजपा ने इसके एवज में सत्ता दुरूपयोग से क्या-क्या गैरकानूनी काम पूंजीपतियों के हित में किये? इलक्टोरल बांड घोटाला भारत के राजनीतिक इतिहास में सबसे बडा भ्रष्टाचार, घोटाला व रिश्वत कांड है जो मोदी-भाजपा ने सत्ता बल पर किया है। वहीं यह भी तय है कि यदि 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-विपक्ष की सरकार बनी तो इस रिश्वत कांड की न केवल विस्तृत जांच होगी अपितु मोदी-अमित शाह, जयप्रकाश नड्डा जैसे भाजपा नेताओं को अपने पंूजीपति मित्रों के साथ जेल की हवा भी खानी पडेगी।

You May Have Missed

error: Content is protected !!