किसानों के साथ गुरुवार को सरकार की एक और से एक दौर की और वार्ता होगी. केंद्र सरकार की तरफ से कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय चंडीगढ़ पहुंच गए हैं.

चंडीगढ़/ दिल्ली –  न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए एक नई कानून सहित कई मांगों को लेकर किसान एक बार फिर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आयोजन किया है. किसानों के मार्च का बुधवार को दूसरा दिन है. सरकार की तरफ से कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई सहमति नहीं बनी है. किसान आज फिर दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने के लिए व्यापक तैयारी की गयी है. कई जगहों पर बुधवार को भी पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले भी दागे गए. दिल्ली पुलिस बॉर्डर पर मुस्तैदी से डटी है. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था हाइ अलर्ट पर है. देखा जाए तो दिल्ली में हवा से लेकर जमीन तक पर पुलिस की मोर्चेबंदी है. सिंघु बार्डर पर पुलिस और पैरामिलिट्री के जवान डटे हुए हैं. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने कंडम बसों को खड़ा किया है.

हजारों किसान बुधवार सुबह एक बार फिर ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करने के लिए पंजाब-हरियाणा की दो सीमाओं पर डटे रहे. वहीं, अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस ने हरियाणा के जींद जिले में दाता सिंहवाला-खनौरी बॉर्डर पर भी आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस ने किसानों के ट्रैक्टर को रोकने के लिए भारी संख्या में अवरोधक लगाए हैं.

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बुधवार को कहा कि वे फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं.डल्लेवाल ने मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने बयान में कहा है कि केंद्र किसानों के साथ बातचीत के लिए तैयार है और किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए भी तैयार है. 

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि हम तमाम परिस्थितियों के बावजूद केंद्र सरकार से बातचीत को तैयार हैं. कल शाम 5:00 बजे मीटिंग तय हुई है, कल भी हम शांतिपूर्ण तरीके से बैठेंगे.प्रधानमंत्री से अपील है हमारे ऊपर हमला ना हो. कल होने वाली मीटिंग से पहले हमारी तरफ से कोई कार्यवाही नहीं होगी.

किसान संगठनों के “दिल्ली चलो” मार्च को लेकर देश के बड़े किसान संगठनों में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के बाद अब देश के सबसे बड़े किसान संगठन आरएसएस से जुडी भारतीय किसान संघ ने भी इसका विरोध करते हुए कहा है वो किसी भी हिंसक आंदोलन का समर्थन नहीं करती है.

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून सभी हितधारकों से परामर्श किए बिना जल्दबाजी में नहीं लाया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारी किसान समूहों से इस मुद्दे पर सरकार के साथ रचनात्मक चर्चा करने का आग्रह किया. 

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि किसान केंद्र सरकार की जिद है और उसके अड़ियल रवैये के कारण एक फिर से आंदोलन कर रहे है क्योंकि वह उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है.  उन्होंने कहा कि ‘‘कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में घोषणा की कि हमारी सरकार बनने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को एक कानूनी प्रावधान बनायेंगे. ‘

किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोकने के लिए पुलिस की तरफ से दिल्ली के सभी बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर प्रशासन की तरफ से LRAD (Long-range acoustic device) डिवाइस लगाया गया है. ये ऐसी आवाज पैदा करता है जो भीड़ में एक तरह की बेचैनी पैदा करता है. इससे लोगों की सुनने की क्षमता भी जा सकती है.  इस मशीन की आवाज से किसान बहरा हो सकते हैं. 

प्रदर्शनरत किसानों के राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करने के आह्वान के मद्देनजर बुधवार को भी यहां कड़ी सुरक्षा है और मध्य दिल्ली तथा हरियाणा के साथ लगती सीमाओं पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर अवरोधक लगाए गए हैं जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.  एक अधिकारी ने बताया कि सिंघु (दिल्ली-सोनीपत) और टिकरी सीमा (दिल्ली-बहादुरगढ़) पर यातायात की आवाजाही रोक दी गयी है. दंगा रोधी साजो-सामान के साथ सुरक्षाकर्मी तैनात हैं और स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. 

किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ने बुधवार को कहा कि भाजपा हमेशा किसानों की पार्टी रही है और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव सुनिश्चित करने के लिए कई बड़े काम किये हैं.

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