देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न को भी चुनाव व वोट से जोडकर हथियार बनाया जाये तो यह भारत रत्न से सम्मानित होने वाली महान हस्तियों का सम्मान होगा या अपमान? विद्रोही यदि मोदी-भाजपा सरकार को कर्पूरी ठाकुर, चौ0 चरण सिंह, पीवी नरसिन्हा राव का दिल से सम्मान करते है तो भारत रत्न सम्मान ठीक लोकसभा चुनाव 2024 से पहले न देकर पिछले वर्ष भी दे सकते थे : विद्रोही 10 फरवरी 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने पूर्व प्रधानमंत्री किसान रहनुमा चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिन्हा राव व कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का स्वागत करते हुए आमजनों से यह भी आग्रह किया कि वे यह भी विचारे कि भारत रत्न देने का यह सम्मान वास्तव में इन महान हस्तियों का सम्मान है या वोट बैंक की औच्छी गंदी राजनीति का हिस्सा है? विद्रोही ने कहा कि चौ0 चरण सिंह जीवनभर गांधीवाद व किसान हित के प्रति समर्पित रहे और भारत रत्न के हकदार है जिस पर कोई दोराय नही है। वहीं पीवी नरसिन्हा राव का भी भारत में आर्थिक बदलावों में महत्वपूर्ण योगदान रहा। सवाल उठता है कि लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पूर्व ही पिछडे वर्ग के लिए जीवनभर लडने वाले कर्पूरी ठाकुर, किसान मसीहा चौ0 चरण सिंह व पीवी नरसिन्हा राव को भारत रत्न देने के पीछे इन महान हस्तियों के प्रति सम्मान की भावना है या इन महान हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित करके लोकसभा चुनाव में वोट हडपने की मंशा है। विद्रोही ने कहा कि यदि मोदी-भाजपा सरकार को कर्पूरी ठाकुर, चौ0 चरण सिंह, पीवी नरसिन्हा राव का दिल से सम्मान करते है तो भारत रत्न सम्मान ठीक लोकसभा चुनाव 2024 से पहले न देकर पिछले वर्ष भी दे सकते थे। भारत रत्न देने के सम्मान के पीछे की मंशा क्या है? यह मैं देश, किसानों, पिछडे वर्ग के लोग के विवेक पर छोडता हूूं। विद्रोही ने कहा कि सभी वर्गो, समुदायों, धर्मो, क्षेत्रों की महान हस्तियों का राजनीति व क्षुद्र विचारों से ऊपर उठकर सम्मान करना चाहिए। इसमें कभी न दोराय हो सकती है और न होगी, पर आमजनों को यह भी गंभीरता से विचारना होगा कि यदि देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न को भी चुनाव व वोट से जोडकर हथियार बनाया जाये तो यह भारत रत्न से सम्मानित होने वाली महान हस्तियों का सम्मान होगा या अपमान? वहीं भारत रत्न सम्मान वोट बैंक की औच्छी गंदी राजनीति से जोडना भारत रत्न की प्रतिष्ठा को घटाता है या बढ़ाता है? Post navigation अब एसआरके समर्थकों को भी कांग्रेस कमेटियों में जगह हरियाणा सरकार ने एचसीएस कार्यकारी शाखा में दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर देने के लिए सिविल सेवा नियमों में किया संशोधन