गुडग़ांव, 4 फरवरी (अशोक): बिजली चोरी के मामले में निचली अदालत के फैसले को बिजली निगम की अपील की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जसवीर सिंह की अदालत ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए बिजली निगम की अपील को खारिज कर दिया है।

जिले के सोहना क्षेत्र के उपभोक्ता मोहम्मद इशक खान के अधिवक्ता क्षिजित मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 जनवरी 2022 को उसके आवास पर लगा हुआ बिजली का मीटर बिजली निगम के कर्मचारियों ने चैक किया था और उस पर आरोप लगाया था कि वह लाइन से डायरेक्ट तार डालकर बिजली की चोरी कर रहा था और उस पर एक लाख 38 हजार 6 रुपए का जुर्माना भी लगा दिया था और उस पर दबाव बनाया गया कि वह जुर्माना राशि जमा कर दे, अन्यथा उसका बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा।

अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता ने बिजली निगम के खिलाफ सोहना अदालत में केस दायर कर दिया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज प्रचेता सिंह की अदालत ने उपभोक्ता को आदेश दिया था कि वह 49 हजार 802 रुपए बिजली निगम को जमा करा दे, ताकि उसका बिजली का कनेक्शन बिजली निगम न काट सके। अदालत ने बिजली चोरी का मामला गलत पाया था और बिजली निगम को आदेश दिए थे कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि को आगामी बिजली के बिलों में समायोजित कर दी जाए।

बिजली निगम ने निचली अदालत के आदेश को जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी। इस पर अदालत ने सुनवाई करते हुए निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए अपील को खारिज कर दिया है। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता अब बिजली निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अदालत में मानहानि का केस दायर करने की तैयारी में लग गया है। बिजली निगम आए दिन इस प्रकार के बिजली चोरी के मामले बनाता आ रहा है, जो अधिकांश अदालत में गलत ही साबित हो रहे हैं। 

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