अधिकारियों को सफाई कर्मचारियों के प्रति होना होगा अधिक संवेदनशील

 सीवर की सफाई करते समय मृत्यु हो जाने पर एक सप्ताह के अंदर आश्रित परिवार को दी जाए आर्थिक सहायता- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग

चंडीगढ़, 2 फरवरी-राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती अंजना पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान की सफाईकर्मियों के योगदान के बिना कल्पना भी नहीं की जा सकती। कोरोना काल के दौरान सफाई कर्मचारियों ने न सिर्फ देश को स्वच्छ बनाने में अहम योगदान दिया, बल्कि अपनी जान की परवाह न करते हुए उन मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार भी किया, जिनके शव लेने से परिवार के लोग पीछे हट गए थे। जब देश का प्रधानमंत्री सफाई कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक सोच रखता है, तो अधिकारियों को भी सफाई कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील होना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की ओर से भेजे गए पत्र को अधिकारी गंभीरता से लें और उसका जवाब जल्द भिजवाना सुनिश्चित करें।

श्रीमती पंवार सफाई कर्मचारियों तथा उनके आश्रितों के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक स्तर का अध्ययन करने तथा उनके पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा करने के लिए हरियाणा के दौरे पर आई हैं। इस दौरान उन्होंने आज यहां चंडीगढ़ में सफाई कर्मचारी आयोग के प्रतिनिधियों व विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सामाजिक अधिकारिता, अनुसूचित जातियां, पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग (सेवा) के आयुक्त एवं सचिव श्री पंकज अग्रवाल व महानिदेशक व मुख्यमंत्री की अतिरिक्त सचिव श्रीमती अशिमा बराड़ भी उपस्थित थी।

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार अब सीवर की सफाई के लिए किस भी मानव को नहीं उतारा जा सकता है। एमएस (मैनुअल स्कैवेंजर्स अधिनियम) के तहत सीवर की सफाई मानव की बजाय मशीनों से कराई जाए, ताकि लोगों की बेशकीमती जान बच सके। उक्त अधिनियम की सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ सीवर की सफाई के ठेकेदारों व विभिन्न विभागों को जानकारी होनी चाहिए। पहले सीवर में सफाई करते समय अगर सीवरमैन की मौत हो जाती है तो उसके आश्रितों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद का प्रावधान था, जिसे अब सर्वोच्च न्यायालय ने बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया है।

उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को मौसम के अनुसार, जूते, गर्म कपड़े, रैन कोट, दस्ताने व अन्य सामग्री मुहैया कराई जाए, ताकि वे बीमारी से बच सकें। इसके अलावा शहरों के विभिन्न इलाकों में हाजिरी रजिस्टर केंद्र की स्थापना की जाए और वहां पर पुरुषों व महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, पीने के पानी व कपड़ों के चेंज के लिए चेंजिंग रूम बनाए जाएं। ताकि वे घर से साफ-सुथरे कपड़े पहन कर आएं और कपड़े बदल कर काम पूरा करके वापस साफ कपड़े पहन कर घर जाए। इससे सफाईकर्मी व उनके परिवार वाले बीमारी से बच सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज व वाराणसी में सफाई कर्मचारियों का सम्मान करने का संदेश पूरे देश को दिया तो, अधिकारियों को भी इसकी पालना करनी चाहिए। श्रीमती पंवार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सफाई कर्मचारियों की आर्थिक सहायता से संबंधित लंबित मामलों का निपटारा जल्द से जल्द किया जाए।

उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों के पुनर्वास के लिए उन्हें मकान देना चाहिए या उनके लिए अलग से कालोनी की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके अलावा उनके लिए वहां पर अच्छे स्तर के सामुदायिक केंद्र का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि वे अपने सामाजिक कार्यक्रम कर सकें। इसके अतिरिक्त उनके बच्चों की शिक्षा का भी प्रबंध किया जाए।

उन्होंने कहा कि सफाईकर्मी स्वरोजगार को अपनाएं। स्वरोजगार के लिए राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा एक लाख से 50 लाख रुपये का तक ऋण दिया जाता है। इसी प्रकार हरियाणा में उच्च शिक्षा के लिए सफाई कर्मचारियों के बच्चों को 10 लाख रुपये का ऋण दिया जाता है।

इस मौके पर सेवा विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री पंकज अग्रवाल ने श्रीमती अंजना पंवार को अवगत कराया कि सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री अति गंभीर हैं। सफाई कर्मचारियों की भलाई के लिए प्रदेश सरकार एक पॉलिसी बनाएगी। हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग का गठन वर्ष 2017 में किया था। सीवर में सफाई करते समय सफाई कर्मचारियों की मृत्यु के हरियाणा में 124 मामले सामने आए थे, जिनमें से 90 मामलों आश्रित परिवारों को आर्थिक सहायता दी गई तथा 10 मामलों में आंशिक आर्थिक सहायता दी गई है। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को पालिसी बनाने के लिए नोडल विभाग बनाया गया है। जिला स्तर पर भी तीन महीने में कम से कम एक बार उपायुक्त या उन द्वारा नामित अधिकारी सफाई कर्मचारियों के मुद्दों पर समीक्षा बैठक करेंगे।

बैठक में पहुंचने पर विभिन्न सफाई कर्मचारी यूनियनों के पदाधिकारियों ने श्रीमती पंवार का स्वागत किया और मांगपत्र सौंपे। इस अवसर पर हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की प्रबंध निदेशक श्रीमती गीता भारती, सेवा विभाग के विशेष सचिव नवदीप सिंह, हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष कृष्ण गोपाल, उपाध्यक्ष आजाद सिंह और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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