हेमंत सोरेन, अरविंद केजरीवाल ही नहीं… ईडी की रडार पर हैं ये मुख्यमंत्री और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अशोक गहलोत अशोक कुमार कौशिक झारखंड मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद हेमंत सोरेन को ईडी ने बुधवार, 31 जनवरी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया। अपनी गिरफ्तारी से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले पूर्व मुख्यमंत्रियों की लंबी सूची में शामिल हो गए। उनकी पार्टी के मंत्री चंपई सोरेन अगले मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। इसे लेकर अब यह सवाल उठने लगा कि आखिर देश में कितने मुख्यमंत्री सलाखों के पीछे गये हैं। हेमंत की गिरफ्तारी को लेकर चले घटनाक्रम पर विपक्षी दलों के कई मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्रियों की नजर होगी, क्योंकि कई ऐसे मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जो फिलहाल केंद्रीय जांच एजेंसी का सामना कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि इन मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों में कश्मीर से लेकर केरल तक के नेता शामिल हैं। आइए, जानते हैं कि देश में विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों पर क्या आरोप हैं? और कितने नेता जेल जा चुके हैं। अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति मामले से ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में शामिल हैं। ईडी की ओर से पूछताछ के लिए अरविंद केजरीवाल को अब तक चार समन भेजा जा चुका है। केजरीवाल एक भी समन के जवाब में पूछताछ के लिए जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं। रेवंत रेड्डी, मुख्यमंत्री तेलंगाना तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस नेता 2015 में तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) में थे। आरोप है कि रेवंत रेड्डी ने 2015 में एमएलसी चुनावों में अपने पक्ष में वोट देने के लिए एक नॉमिनेटेड विधायक को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत दी थी. पिनाराई विजयन मुख्यमंत्री केरल प्रवर्तन निदेशालय ने अप्रैल 2021 में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी जांच शुरू की। कनाडाई फर्म SNC लवलिन मामले में CBI की ओर से 1995 में चार्जशीट दायर किया गया था। बता दें कि मामला इडुक्की में जलविद्युत परियोजनाओं के आधुनिकीकरण से जुड़ा है। पिनाराई विजयन उस समय केरल के बिजली मंत्री थी। वाईएस जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री आंध्र प्रदेश आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी कई मामलों में जांच का सामना कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने 2015 में उनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA जांच शुरू की गई। बता दें कि जगन के खिलाफ जिस मामले में जांच चल रही है, वो उनके मालिकाना हक वाली भारती सीमेंट्स के वित्तीय मामलों से संबंधित है। भूपेश बघेल पूर्व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी सरकार के दौरान कोयला परिवहन, शराब की दुकानों के संचालन और महादेव गेमिंग ऐप में अनियमितताओं से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग के कम से कम तीन मामलों में ED की जांच का सामना कर रहे हैं। लालू प्रसाद यादव पूर्व मुख्यमंत्री बिहार तेजस्वी यादव पूर्व उपमुख्यमंत्री बिहार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव कथित IRCTC घोटाले और नौकरी के बदले जमीन मामले में मुख्य आरोपी हैं। मामला रेल मंत्री के रूप में लालू यादव की ओर से IRCTC के दो होटलों के रखरखाव के लिए किराए पर ली गई कंपनी को कथित लाभ देने से संबंधित है। वहीं, नौकरी के बदले जमीन मामले के तहत लालू परिवार पर रेलवे में नौकरी के बदले प्लॉट लेने का आरोप है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी लपेट जाने की तैयारी की जा रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा मानेसर भूमि सौदा मामला और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को पंचकुला में भूमि आवंटन मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ ED जांच पड़ताल कर रही है। ED पहले ही AJL मामले में हुड्डा और सीनियर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के खिलाफ शिकायत दर्ज कर चुकी है। अशोक गहलोत पूर्व मुख्यमंत्री राजस्थान ‘राजस्थान एम्बुलेंस घोटाला’ मामले में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत कांग्रेस सांसद कीर्ति चिदंबरम का नाम भी शामिल है। 2015 में दर्ज किया गया ये मामला 2010 में फर्जी तरीके से ज़िकित्जा हेल्थकेयर को ‘108’ एम्बुलेंस सेवा चलाने के टेंडर से जुड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सचिन पायलट और कीर्ति कभी इस कंपनी में डायरेक्टर थे। अखिलेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी चीफ और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ED और CBI दोनों केंद्रीय जांच एजेंसी का सामना कर रहे हैं। मामला गोमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ खनन ठेकों में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। मायावती पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश बहुजन समाज पार्टी चीफ और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का नाम फिलहाल किसी भी जांच एजेंसी की ओर से दर्ज किए गए मामले में शामिल नहीं है। लेकिन आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान कई प्रोजेक्ट्स और योजनाएं जांच के दायरे में हैं। फारूक अब्दुल्ला पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ साल 2022 में चार्जशीट दाखिल की थी। ED ने मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। आरोप है कि JKCA को गलत ढंग से नुकसान दिखाया गया। उमर अब्दुल्ला पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर फारूक अब्दुल्ला के बेटे और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला भी ED की जांच का सामना कर रहे हैं। ED ने 2022 में जम्मू-कश्मीर बैंक के वित्तीय मामलों और उसके डायरेक्टर्स की नियुक्ति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में उमर से पूछताछ की थी। महबूबा मुफ्ती, पूर्व मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी ED की जांच का सामना कर रही है। मामला जम्मू-कश्मीर बैंक से जुड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामले में छापेमारी के दौरान ED ने दो डायरी जब्त की थी, जिसमें मुफ्ती परिवार को किए गए कथित भुगतान का जिक्र है। नबाम तुकी पूर्व मुख्यमंत्री अरुणाचल प्रदेश अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी भी ED की जांच का सामना कर रहे हैं। दरअसल, जुलाई 2019 में CBI ने भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत तुकी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। CBI की FIR के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। आरोप है कि तुकी ने अपने भाई के साथ मिलकर हेराफेरी की थी। ओकराम इबोबी सिंह पूर्व मुख्यमंत्री मणिपुर भ्रष्टाचार के एक मामले में CBI ने नवंबर 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी। दरअसल, मणिपुर डेवलपमेंट सोसाइटी में 332 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया था। इसी मामले में तलाशी के लिए CBI इबोबी सिंह के ठिकानों पर पहुंची थी। CBI की ओर से दर्ज मामले के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने PMLA के तहत मामला दर्ज किया था। शंकर सिंह वाघेला पूर्व मुख्यमंत्री गुजरात गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ED और CBI दोनों जांच एजेंसियों का सामना कर रहे हैं। आरोप है कि केंद्रीय कपड़ा मंत्री रहने के दौरान शंकर सिंह वाघेला ने मुंबई में सरकारी जमीन का सौदा किया था, जिससे राजस्व को 709 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। 2015 में CBI और 2016 में ED ने वाघेला के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अजीत पवार डिप्टी सीएम महाराष्ट्र राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजीत पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम हैं. अजीत पवार, महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के संचालन में कथित अनियमितताओं के संबंध में ED की जांच का सामना कर रहे हैं. ये नेता जा चुके हैं जेल देश में (पूर्व) मुख्यमंत्रियों की लंबी सूची जो सलाखों के पीछे हैं, उनमें बिहार के लालू प्रसाद यादव और तमिलनाडु की जे जयललिता शामिल हैं । अपने-अपने राज्यों ये दो मुख्यमंत्री बहुत शक्तिशाली नेता रहे हैं। अन्य मुख्यमंत्रियों में चंद्रबाबू नायडू (आंध्र प्रदेश), ओम प्रकाश चौटाला (हरियाणा), मधु कोड़ा (झारखंड) शामिल हैं। लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के साथ 2013 में चारा घोटाले में दोषी ठहराया गया था। फिलहाल उनको और उनके बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी मामले में जांच चल रही है। लालू प्रसाद यादव 1990 से 1997 के बीच दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। जयललिता 1991 से 2016 के बीच कई बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रह चुकीं जयललिता को 1996 में भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 2014 में दोषी ठहराया गया और जेल में डाल दिया गया। ओम प्रकाश चौटाला ओम प्रकाश चौटाला को 2013 में शिक्षक भर्ती मामले में दोषी ठहराया गया था और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 2022 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें चार साल की जेल की सजा सुनाई गई। उन्होंने 1989 और 2005 के बीच कई बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। चंद्रबाबू नायडू चंद्रबाबू नायडू को पिछले साल 2023 में उनके कार्यकाल के दौरान आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम में 317 करोड़ के कथित घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। वह 2014 से 2019 के बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। मधु कोड़ा 2006 से 2008 के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री रहे मधु कोड़ा को 2009 में खनन घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि मधु कोड़ा झारखंड में हुए खनन घोटाले में शामिल थे। जांच एजेंसियों का आरोप था कि मधु कोड़ा जब राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने झारखंड में लौह अयस्क और कोयला खनन के ठेके अवैध रूप से आवंटित करने के लिए भारी रिश्वत ली थी। केवल राष्ट्रपति और राज्यपाल के लिये छूट केवल राष्ट्रपति और राज्य के राज्यपाल ही अपने पद पर बने रहने तक नागरिक और आपराधिक कार्यवाही से मुक्त होते हैं, और उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा दी जाती है। एक मौजूदा मुख्यमंत्री को ऐसी कोई सुरक्षा प्राप्त नहीं है और यदि किसी जांच एजेंसी के पास ऐसी कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त कारण हैं तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। Post navigation नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की राह में बहुत बड़ा कदम साबित होगा:रामबिलास शर्मा 24 घंटे से मुंडावर के गांव में घूम रहा है बाघ 2303, 2 हफ्ते से आवासीय क्षेत्र में घूम रहा है टाइगर ……