एफपीओ, फसल खरीद, मुआवजे व फसल बीमा घोटाले कर किसानों से करोड़ों की लूट कर रही है सरकार- हुड्डा

कलस्टर-2 के सभी 7 जिलों के किसानों को सरकार ने किया फसल बीमा से वंचित- हुड्डा

भिवानी, 25 जनवरीः पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार को घपले व घोटालों की इतनी बुरी लत लग गई है कि उसने अन्नदाता को भी नहीं बख्शा। मौजूदा सरकार के दौरान किसानों के साथ लगातार फसल खरीद, मुआवजा, फसल बीमा और एफपीओ जैसे घोटाले हो रहे हैं। आज भिवानी दौरे के दौरान किसानों ने हुड्डा को बताया कि फसल बीमा के मुआवजे में सिर्फ घोटाले ही नहीं बल्कि किसानों के साथ आवंटन में भेदभाव भी हो रहा है। सरकार सिर्फ अपने चहिते गिने-चुने लोगों को ही मुआवजा देती है और बाकी लाखों किसान एजेंसी व सरकार का मुंह ताकते रह जाते हैं।

हुड्डा आज सांसद धर्मवीर सिंह के पिता श्री भले राम जी के निधन पर शोक प्रकट करने भिवानी पहुंचे थे। साथ ही उन्होंने रामलीला में हनुमान की भूमिका निभाने वाले कलाकार श्री हरीश कुमार के घर पहुंचकर उनके परिवारजनों से भी मुलाकात की। हरीश कुमार के निधन पर उन्होंने शोक प्रकट किया व परिवार को ढांढ़स बंधाया।

इसके बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि इसबार सरकार ने जानबूझकर कलस्टर-2 में पड़ने वाले 7 जिलों के करीब 3 लाख किसानों की फसल बीमा से वंचित कर दिया है। क्लस्टर-2 के अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम जिले का बीमा करने के लिए सरकार ने किसी कंपनी को जिम्मेदारी ही नहीं सौंपी। ऐसे में सरसों, गेहूं, जौ और सूरजमुखी की फसल को अगर कोई नुकसान होता है तो उसकी भरपाई करने वाला कोई नहीं होगा। पिछली बार भी खरीफ की फसल के लिए क्लस्टर-2 में कोई बीमा कंपनी नहीं थी। जबकि जुलाई 2023 तक करीब 2 लाख किसानों के खातों से प्रीमियम की राशि काट ली गई थी।

हुड्डा ने मुआवजा आवंटन में घोटाले व भेदभाव की जांच और कलस्टर-2 के किसानों बीमा कवर देने की मांग उठाई। साथ ही उन्होंने एकबार फिर एफपीओ घोटाले की सीबीआई जांच का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एफपीओ के नाम पर किसानों के साथ सैकड़ों करोड़ का घोटाला हुआ है। किसानों के करोड़ों रुपए हड़पने के लिए फर्जी किसानों के नाम पर फर्जी एफपीओ बनाए गए। जिन रूपयों का इस्तेमाल किसानों के उत्थान के लिए होना चाहिए था, वह सीधे घोटालेबाजों की जेब में गया। ड्रिप सिंचाई पर सरकार की तरफ से मिलने वाली 85% तक सब्सिडी भी किसानों को देने की बजाय घोटालेबाजों ने डकार ली।

पूरे प्रदेश में इतने बड़े स्तर पर घोटाला हुआ कि मामला केंद्र सरकार तक पहुंच गया। लेकिन केंद्र सरकार को भी गुमराह करने के लिए बीजेपी-जेजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सीआईडी की जांच के नाम पर पूरे घोटाले पर लीपा-पोती की गई व गुनहगारों को बचाया गया। खुद केंद्र सरकार को प्रदेश सरकार की जांच पर भरोसा नहीं हुआ और उसने पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए कहा है।

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