एक मजबूत मुख्यमंत्री जब एम्स जैसे स्वास्थ्य संस्थान की निश्चित शिलान्यास की तारीख अहीरवाल की जनता को बताने की बजाय शिलान्यास की तारीख पर तारीख देकर जनता को ठग रहे है, ऐसा मुख्यमंत्री मजबूत मुख्यमंत्री है या ठग मुख्यमंत्री ? विद्रोही

कांग्रेस सरकार ने सत्ता छोडने पहले 200 एकड़ जमीन अधिग्रहित करके उसकी चारदिवारी भी करवाई थी, परन्तु एक मजबूत मुख्यमंत्री 10 वर्ष में बिनौला में रक्षा विश्ववि़द्यालय के निर्माण में एक ईंट भी नही लगवा पाये : विद्रोही

19 जनवरी 2024 – प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को कथित रूप से मजबूत मुख्यमंत्री बताये जाने पर गदगद भाजपाई-संघीयों व खट्टर जी से स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाण प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने सार्वजनिक सवाल पूछा कि यदि मुख्यमंत्री इतने ही मजबूत है तो विगत छह माह से प्रधानमंत्री से माजरा-रेवाडी एम्स शिलान्यास की तारीख तक क्यों नही ले पाये? विद्रोही ने कहा कि कथित रूप से एक मजबूत मुख्यमंत्री जब एम्स जैसे स्वास्थ्य संस्थान की निश्चित शिलान्यास की तारीख अहीरवाल की जनता को बताने की बजाय शिलान्यास की तारीख पर तारीख देकर जनता को ठग रहे है, ऐसा मुख्यमंत्री मजबूत मुख्यमंत्री है या ठग मुख्यमंत्री, यह हरियाणा की जनता स्वयं निर्णय करे। एक मजबूत मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की प्रधानमंत्री कितनी सुनते है, यह इसी से पता चलता है कि कांग्रेस-यूपीए सरकार द्वारा घोषित बिनौला गुरूग्राम में रक्षा विश्वविद्यालय की शुरूआत 10 साल पहले हुई थी। कांग्रेस सरकार ने सत्ता छोडने पहले 200 एकड़ जमीन अधिग्रहित करके उसकी चारदिवारी भी करवाई थी, परन्तु एक मजबूत मुख्यमंत्री 10 वर्ष में बिनौला में रक्षा विश्ववि़द्यालय के निर्माण में एक ईंट भी नही लगवा पाये। 

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री इतने मजबूत है कि कांग्रेस-यूपीए सरकार द्वारा घोषित सोनीपत रेलवे कोच फैक्ट्री एक रेल मरम्मत की दुकान बनकर रह गई। बाढ़सा में दिल्ली एम्स के विस्तार की बनाई गई कांग्र्रेस राज की योजना जमीन पर उतारने की बजाय मजबूत मुख्यमंत्री खट्टर जी की मेहरबानी से हवा में उड़ गई। इसी तरह हरियाणा में कांग्रेस राज में बनाई विभिन्न रेल व मैट्रो परियोजनाएं हवा में उड़ गई। खट्टर जी ऐसे मजबूत मुख्यमंत्री है कि प्रथम व द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियोंं का एक बहुत बडा हिस्सा नागपुर के संघीयों की पर्ची-खर्ची पर हरियाणा से बाहर के राज्यों के युवाओं को देकर प्रतिभाशाली हरियाणवी युवाओं के साथ धोखाधडी कर रहे है। खट्टर जी इतने ही मजबूत मुख्यमंत्री है तो उनके सीएमओ में राजनीतिक आधार पर नियुक्तिों में हरियाणा से बाहर से अधिकांश संघी ही क्यों है जो हरियाणा के बारे में क, ख, ग तक नही जानते। खट्टर के मुख्यमंत्रीे बनने के बाद महत्वपूर्ण संवैद्यानिक संस्थाओं, रेग्यूलेटरी के अध्यक्ष पदों पर हरियाणा से सम्बन्धित अनुभवी लोगों की नियुक्तियां करने की बजाय हरियाणा से बाहर के संघीयों को नियुक्तियां देकर प्रदेश के खजाने को सत्ता बल पर क्यों लूटा जा रहा है। विद्रोही ने कहा कि मजबूत मुख्यमंत्री खट्टर जी को हरियाणा में एसवाईएल को लेकर पांच साल पहले हुई सर्वदलीय बैठक के निर्णय अनुसार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को प्रधामंत्री से मिलने के लिए पिछले पांच साल से समय तक क्यों नही ले पाये। यद ऐसा ही व्यक्ति मजबूत मुख्यमंत्री है तो कठपुतली मुख्यमंत्री कैसे होते है, यह बताना भी बेमानी है। 

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