आरटीआई में मांगी थी शहरी वार्डाें की मतदाता सूची की जानकारी

अखिल भारतीय एक्टिविस्ट सदस्य प्रताप सिंह ने सूचना आयोग के समक्ष की थी अपील

भिवानी, 16 जनवरी। राज्य सूचना आयोग ने भिवानी नगर परिषद पर जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी नहीं देने पर 25 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। अखिल भारतीय एक्टिविस्ट मंच के सदस्य राजस्थान के अलवर निवासी एडवोकेट प्रताप सिंह ने भिवानी नगर परिषद से 15 दिसंबर 2020 में शहर के विद्या नगर और सेक्टर 13 में शहरी मतदाताओं की सूची जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी थी। नगर परिषद ने ये सूचना नहीं दी।

अखिल भारतीय एक्टिविस्ट मंच के सदस्य भिवानी के विकास नगर निवासी बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि मंच के सदस्य एडवोकेट प्रताप सिंह द्वारा भिवानी नगर परिषद से आरटीआई में मांगी गई सूचना उपलब्ध नहीं कराने के बाद इसकी प्रथम अपील शहरी निदेशक के समक्ष की थी। इसके बावजूद भी भिवानी नगर परिषद ने आरटीआई कार्यकर्ता को कोई सूचना मुहैया नहीं कराई। इसके बाद मामले की द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग के समक्ष की गई। जिस पर राज्य सूचना आयुक्त 13 मई 2022 को सूचना देने के निर्देश दिए थे। फिर मांगी गई सूचना नहीं देने पर 1 जुलाई 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इस पर भी नगर परिषद भिवानी ने कोई जवाब नहीं देने पर राज्य सूचना आयुक्त प्रो डाॅ जगबीर सिंह ने भिवानी नगर परिषद पर 25 हजार रूपये का जुर्माना लगाते हुए कार्यकारी अधिकारी को 13 मई 2022 को दिए गए आदेशों की पालना के संबंध में सूचना देने के भी आदेश दिए हैं।

राज्य सूचना आयुक्त आदेशों के अनुसार 15 दिन के अंदर निःशुल्क रजिस्टर्ड डाक के जरिए आरटीआई कार्यकर्ता क ेपते पर सूचना भी भेजी जाएगी। वहीं नगर परिषद भिवानी पर लगाई गई 25 हजार रूपये जुर्माना राशि भी सूचना आयोग के खाते में जमा करानी होगी।

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