नौकरी में बाहरी राज्यों के युवाओं की पहचान छिपाना चाहती है सरकार

सरकार को श्वेत पत्र जारी कर बताए  किस विभाग में किस पद पर कितने बाहरी युवाओं को दी नौकरी

चंडीगढ़, 15 जनवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि एक ओर हरियाणा में बेरोजगारी सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है तो दूसरी ओर सरकार ने बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों पर इतनी मेहरबान है कि उन्हें बिना डोमिसाइल के लिए आवेदन करने का हक दे रही है। ऐसा कर सरकार एक ओर जहां प्रदेश के बेरोजगारों के हकों को छीनकर उनके साथ अन्याय कर रही है तो दूसरी ओर सरकार नौकरी में भर्ती होने वाले बाहरी राज्यों के युवाओं की पहचान छिपाना चाहती है। एक ओर सरकार प्राइवेट सेक्टर में 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को नौकरी देने का अपना वादा पूरा नहीं कर पाई और यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश का बेरोजगार इस झूठी और वायदा फरेब सरकार को कभी माफ नहीं करेगा, समय आने पर वह बदला जरूर लेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि किस किस विभाग में किस पद पर कितने बाहरी युवाओं को नौकरी दी गई है।

मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि सरकार एक ओर बिना पर्ची खर्ची और पारदर्शिता के साथ नौकरी देने का दावा कर रही है जबकि नौकरियों में भ्रष्टाचार, बार बार पेपर लीक और अपने तुगलकी फैसलों को लेकर सदा चर्चा में रहने वाला हरियाणा लोकसेवा आयोग (एचपीएससी) एक बार फिर चर्चा में है। इस बार एचसीएस (न्यायिक सेवा) में भर्ती मामले में सरकार बाहरी राज्यों के उम्मीदवार पर ज्यादा मेहरबान दिखाई दे रही है। एक ओर जहां अपने ही प्रदेश में बेरोजगारों की कतार लगी हुई है वहीं सरकार का नया फरमान आया है कि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी स्वत्: हस्ताक्षरित डोमिसाइल देकर आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा कि इस फरमान से हरियाणा के युवाओं को ज्यादा नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार देने में फिसड्डी साबित हो रही है। दूसरे राज्यों की अपेक्षा बेरोजगारी दर हरियाणा में ज्यादा है। उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने 75 प्रतिशत युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में नौकरी देने का वादा किया था पर नौकरी नहीं दे पाई और मामला अब अदालत में विचाराधीन है सरकार भी यही चाहती थी कि कैसे भी मामला लटक जाए ताकि उन्हें अपनी बात रखने का मौका मिल जाए।

उन्होंने कहा कि पहले भी सरकार बाहरी राज्यों के युवाओं को हर प्रकार की नौकरी में प्राथमिकता देती रही है, अब सरकार को नौकरी पाने वाले बाहरी युवाओं की  पहचान छिपाना चाहती है। ऐसा कर सरकार प्रदेश के युवाओं का हक छीन रही है।  सरकार को हरियाणा के युवाओं को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एचकेआरएन के माध्यम से सरकार जो भर्ती कर रही है उसमें भी भेदभाव और भाई भतीजावाद हावी है। अपने चहेतों को नौकरी पर रखा जा रहा है। एचकेआरएन में नौकरी दिलाने वाले हर जिला में एजेंट सक्रिय है फिर भी सरकार दावा कर रही है कि वह बिना पर्ची खर्ची के नौकरी दे रही है।  उन्होंने कहा कि सरकार  की नीयत बाहरी राज्यों के युवाओं को नौकरी देना है और यह सब संघ के दबाव में किया जा रहा है। पहले भी संघ के दवाब में प्रमुख पदों में नियुक्यिां हुई है।  बिजली निगम की भर्तियों पर भी सवाल उठा था।  प्रदेश में जो भी सुशासन सहयोगी रखे गए थे वे सब के सब बाहरी थे क्या प्रदेश के युवाओं में सुशासन चलाने की योग्यता नहीं थी। उन्होंने कहा कि सरकार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि किस किस विभाग में किस पद पर कितने बाहरी युवाओं को नौकरी दी गई है।

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