प्रेरणा के संस्थापक डा. जय भगवान सिंगला ने साहित्य के क्षेत्र में विशेष पहचान बनाई

डा. सिंगला की कृति दा सीक्रेट ऑफ़ हैपीनेस की हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने की सराहना।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 14 जनवरी : प्रेरणा वृद्धाश्रम एवं प्रेरणा संस्था के संस्थापक डा. जय भगवान सिंगला ने व्यवसायी और समाजसेवी होने के साथ मात्र 11 वर्ष के अंतराल में 40 पुस्तकों की रचना कर पूरे साहित्यिक क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है। उनकी 40वीं पुस्तक का हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के हाथों लोकार्पण हुआ।

डा. सिंगला की अंग्रेजी पुस्तक दा सीक्रेट ऑफ़ हैपीनेस की मूल कृति का हिंदी अनुवाद खुशी अपनी मुट्ठी में पुस्तक है। जिसका लोकार्पण हिमाचल राज भवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल जी ने किया। राज्यपाल ने पुस्तक के बारे में कहा कि यह पुस्तक अवसाद से ग्रसित समाज को अवश्य ही एक नई दिशा देने में मिल का पत्थर साबित होगी। उल्लेखनीय है कि इन की मूल कृति जो हिंदी भाषा में है का अनुवाद हरियाणा के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा. अशोक मंगलेश चरखी दादरी वालों ने किया है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राजभवन में गुजरात के वरिष्ठ साहित्यकार डा. जसभाई पटेल और डा. अशोक मंगलेश तथा राज्यपाल के सचिव भी मौजूद रहे।

You May Have Missed

error: Content is protected !!