‘…तो क्या मैं खड़े होकर ताली बजाऊंगा, यह मर्यादा के खिलाफ’, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाएंगे शंकराचार्य निश्चलानंद

डेढ़ वर्ष से भी अधिक का समय लगेगा मंदिर बनने में, इतनी जल्दबाजी क्यों?

पीएम मोदी द्वारा रामलला की मूर्ति को स्पर्श करना ही मर्यादा के खिलाफ

धर्म स्थलों पर बनाए जा रहे कॉरिडोर की आलोचना, पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है

अशोक कुमार कौशिक 

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इसी बीच पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. शंकराचार्य निश्चलानंद ने पीएम मोदी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, वह भगवान की मूर्ति को स्पर्श करें और मैं वहां खड़े होकर ताली बजाऊं, यह मर्यादा के खिलाफ है। 

शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से खासे नाराज हैं। वे बोले- मोदी गर्भगृह में प्राणप्रतिष्ठा करेंगे और हम बाहर ताली बजाते बैठे रहेंगे ये उचित नहीं है। प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम संतों का काम है, वहां नेता क्या करेंगे?

तंज कसते हुए शंकराचार्य ने कहा- अभी डेढ़ वर्ष से भी अधिक का समय लगेगा मंदिर बनने में। इतनी जल्दबाजी क्यों है आप समझ सकते हैं आगे चुनाव हैं। इन सब उत्सव में मैं जाना उचित नहीं समझता।

वे इस बात से नाराज़ हैं कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम में गर्भगृह में मोदी होंगे। उनका कहना है कि ये प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम संतों का काम है, वहां नेता क्या करेंगे? 

उन्होंने कहा कि वे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, उन्हें अपने पद की गरिमा का ध्यान है, इसलिए उन्होंने कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला किया है। शंकराचार्य निश्चलानंद ने कहा, पीएम मोदी द्वारा रामलला की मूर्ति को स्पर्श करना ही मर्यादा के खिलाफ है। ऐसे में वह मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा के उल्लंघन के साक्षी नहीं बन सकते। उन्होंने कहा, राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए। 

शंकराचार्य निश्चलानंद ने बताया कि उन्हें आमंत्रण मिला है। इस पर लिखा है कि वे एक ही व्यक्ति के साथ आयोजन में आ सकते हैं। उन्होंने बताया, इसके अलावा उनसे किसी भी प्रकार का कोई संपर्क नहीं किया गया। उन्होंने कहा, यही वजह है कि मैं आयोजन में नहीं जाऊंगा। 

उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर जिस तरह की राजनीति हो रही है, वह नहीं होनी चाहिए। इस समय राजनीति में कुछ सही नहीं है। निश्चलानंद ने धर्म स्थलों पर बनाए जा रहे कॉरिडोर की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, आज धर्म स्थलों को पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है। इस तरह इन्हें भोग-विलासता की चीजों को जोड़ा जा रहा है, जो ठीक नहीं है। 

इस दौरान उन्होंने इस्लाम को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, मोहम्मद साहब हो या ईसा मसीह, सबके पूर्वज सनातनी थे। 

दरअसल, पीएम मोदी को श्रीराम जन्मभूति तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य यजमान के रूप में आमंत्रित किया है। ऐसे में संभावना है कि प्रधानमंत्री अपने हाथों से ही रामलला की मूर्ति को गर्भ गृह में सिंहासन पर विराजमान करवाएंगे। शंकराचार्य निश्चलानंद ने ट्रस्ट के इसी फैसले को लेकर विरोध जताया।

आज शुक्रवार को रायपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान शंकराचार्य ने खुलकर अपनी बात कहे। वे बोले- इतने सालों बाद रामलाल प्रतिष्ठित हो रहे हैं बहुत अच्छी बात है । बरसों से उलझा हुआ काम संभाल रहा है। लेकिन शास्त्रीय विधि से उनकी प्रतिष्ठा नहीं होगी यह तो सिद्ध हो गया।

मोदी की कूटनीति पर किये कटाक्ष

मोदी की कूटनीति और राजनीती पर कटाक्ष करते हुए शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा भाजपा के शासनकाल में भी हिंदुओं को क्रिश्चियन बनाने का प्रकल्प चल रहा है। गौ हत्या को प्रोत्साहन देने के कारण मोदी मुसलमानों के भी अनुग्रह पात्र बने हुए हैं। हिंदुओं को ईसाई बनाने का प्रकल्प तेज गति से चल रहा है इसाइयों के अनुग्रह पात्र बने हैं। आरएसएस की नजरों में भी हैं कि राम मंदिर इत्यादि के काम हो रहे तो हिंदुओं को भी अपने अनुकूल किए हुए हैं, इनकी कूटनीति को समझना सामान्य बात है क्या।

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