अनुसूचित वर्ग अथवा दलित समाज अपना हक हक लेकर ही रहेगा

जिला निर्वाचन और राज्य चुनाव आयुक्त को निलंबित करने की पुरजोर मांग

भाजपा और जजपा गठबंधन सरकार का दलित प्रेम का असली चेहरा सामने आया

20 प्रतिशत के अनुपात में कम से कम सा सीट दलित वर्ग के लिए हो रिजर्व

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम 5 जनवरी । ” गुरुग्राम नगर निगम चुनाव के लिए की वार्ड बंदी में दलित समाज के आरक्षित सीट किसी भी प्रकार कम नहीं होगी ” । सीएम मनोहर लाल खट्टर  के पूर्व ओ एस डी जवाहर यादव ने सीएम खट्टर की तरफ से  ट्विटर पर ताल ठोक दावा करते हुए यही बयान जारी  है । जवाहर यादव के द्वारा जो कुछ कहा गया हालांकि उसकी स्वयं सीएम खट्टर या फिर मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से आधिकारिक पुष्टि की गई या नहीं की गई,  यह भी अपने आप में सवाल है । गुरुवार को जिला चुनाव अधिकारी अथवा जिला उपायुक्त व अन्य संबंधित अधिकारियों की मौजूदगी में गुरुग्राम नगर निगम चुनाव के लिए विभिन्न वार्डों का आरक्षण का ड्रा निकल गया और 24 घंटे के अंदर ही जवाहर यादव की यह प्रतिक्रिया भी सामने आ गई। असल में पूर्व ओएसडी यादव के ट्वीट ने हरियाणा की मनोहर सरकार के बहरेपन होने का खुलासा कर दिया है। बड़ा सवाल यही है कि अनुसूचित वर्ग या फिर दलित समाज के हक को मारने वाली कमेटी के अध्यक्ष सहित हरियाणा के चुनाव आयुक्त को क्या गठबंधन सरकार निलंबित कर सकेगी बाबा भीमराव अंबेडकर के संविधान के मुताबिक गुरुग्राम नगर निगम चुनाव में अनुसूचित वर्ग या फिर दलित वर्ग के लिए कम से कम सात विभिन्न वार्ड आरक्षित होने चाहिए । संबंधित कमेटी और जवाबदेय-जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा इस तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हुए पूरी तरह से आंखें बंद रखी गई है। यह तीखी प्रतिक्रिया पूर्व कांग्रेस एमएलए भूपेंद्र चौधरी की पुत्री कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी के द्वारा पत्रकारों से बात करते हुए व्यक्त की गई है।

गौर तलब है कि बीती 21 जुलाई को बाबा साहब अंबेडकर के अनुयाई और विभिन्न अंबेडकर समाज के वरिष्ठ नेतागण एवं बुद्धिजीवी वर्ग ने पटौदी के पूर्व विधायक स्वर्गीय भूपेंद्र चौधरी की बेटी पर्ल चौधरी  की अध्यक्षता में बड़े ही स्पष्ट तौर पर सरकार को समझाते और चेताया था । अगर हरियाणा सरकार ने दलित समाज कि आरक्षण के लोकतांत्रिक अधिकार के साथ छेड़खानी करने की हिमाकत की तो न सिर्फ गुरुग्राम में बल्कि हरियाणा सहित पूरे भारतवर्ष में आंदोलन किया जाएगा । इसके बाद संभवत भाजपा नेतृत्व वाली  सरकार शायद तीन राज्यों में अपनी हाल की जीत से अहंकारी हो गई  और उन्होंने गुरुग्राम में नगर निगम चुनाव की वार्ड बंदी और आरक्षण ड्रा में दलित समाज की सीटों को तीन करने की नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया। इतना ही नहीं ड्रॉ भी निकाल दिया ।

अब 6 नहीं 7 सीटें गुरुग्राम में  लेकर रहेंगे

लेकिन जैसे ही सरकार के कुछ जो अपने लोग हैं उनको दलित समाज के अंदर ज्वालामुखी जैसे उभरते आक्रोश की बात पहुंचते  वह घबरा गए । 24 घंटे के अंदर ही ट्विटर पर आकर  इस निर्णय की भर्त्सना करने और वापस लेने की मंशा जाहिर कर गए । कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी और समाज चिंतक परमेश्वर रंजन ने ट्विटर पर सीएम मनोहर लाल खट्टर और उनके परम सहयोगी बादशाहपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे जवाहरलाल यादव  को जवाब भेज दिया । आप और आपकी भाजपा पार्टी दलित समाज के साथ नूरा कुश्ती खेलने बंद कर दे। 20 प्रतिशत के हिसाब से अब 6 नहीं 7 सीटें हम गुरुग्राम नगर निगम चुनाव के लिए  लेकर रहेंगे। 

कितने अधिकारियों की तनख्वाह काटी गई ?

कांग्रेस नेत्री  चौधरी ने कहा मुख्य मुद्दा यह है की महात्मा गांधी जी द्वारा जो ग्राम स्वराज की बात की गई थी और जिसे भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने संविधान में जगह दिलाने की कोशिश की। उन प्रजातांत्रिक मूल्यों को भाजपा सरकार पिछले 2 साल से कुछ ना कुछ बहाना करके टालने में लगी हुई है। अगर कोई शिक्षक कभी दफ्तर 5 मिनट लेट जाएं तो उसकी हाजिरी काट ली जाती है, अगर कोई डॉक्टर या कोई अन्य सरकारी कर्मचारी टूटे सड़कों और ट्रैफिक जाम के कारण  दफ्तर लेट जाए तो उसकी तनख्वाह काट ली जाती है। तो फिर जो पिछले 2 साल से  गुरुग्राम नगर निगम के चुनाव नहीं करवाये गए या फिर मानेसर नगर निगम के बनने के बाद से चुनाव नहीं करवाए गए या पटौदी जाटोली मंडी परिषद के चुनाव नहीं करवाए गए या फिर फर्रुखनगर निगम के चुनाव 6 महीने से नहीं करवाए गए, उसके लिए जो जिम्मेदार सरकारी महकमा है। उसमें कितने अधिकारियों की तनख्वाह काटी गई ?

व्यक्तिगत रूप से खर्चे की वसूली की जाए

नए वार्ड बंदी के नाम पर और यह पीपीपी कार्ड का खेल, खेल कर सरकार ने 2 साल में जितनी भी मीटिंग की है , उसमें जितना चाय पानी का खर्चा हुआ है, जितना उस कमेटी के सदस्यों ने तेल का टीए डीए बनाया है, सरकार को चाहिए उन सब से व्यक्तिगत रूप से खर्चे की वसूली की जाए। क्योंकि इस कमेटी ने पिछले 2 साल में सिर्फ और सिर्फ एक ही काम किया है कि किस तरीके से दलित समाज के लोकतांत्रिक अधिकारों पर कुल्हाड़ी चलाई जाए ?पर्ल चौधरी ने सीएम मनोहर लाल खट्टर जी से यह मांग की है कि वह तुरंत प्रभाव से हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त और वार्ड बंदी में सम्मिलित कमेटी के अध्यक्ष को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए । एक तयशुदा कार्यक्रम के अंतर्गत अगले 45 से 60 दिनों के अंदर हरियाणा के सभी नगर निगमों में चुनाव करवाया जाए । उन्होंने कहा, हरियाणा का अनुसूचित वर्ग बाबा साहेब अम्बेडकर की अध्यक्षता में निर्मित संविधान की रक्षा के लिए, सभी संवैधानिक अधिकारों को मनवाने का हुनर जानता है।

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