भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के प्रति लगातार बढ़ रहा है लोगों में विरोध

कर्मचारी बुरी तरह नाराज, जनता खुद को कर रही ठगा सा महसूस

विपक्ष की बोलती बंद करने को भाजपा कर रही है ईडी का इस्तेमाल

चंडीगढ़, 05 जनवरी।  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के प्रति प्रदेश के लोगों में नाराजगी व विरोध हर रोज बढ़ रहा है। यही कारण है कि विरोध, धरने, प्रदर्शन का एक टेंट उखड़ने से पहले ही दूसरा टेंट कहीं न कहीं गाड़ दिया जाता है। इस सरकार की वादा खिलाफी से कर्मचारी बुरी तरह तंग हो चुके हैं, जबकि जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि जब भी कोई कर्मचारी संगठन अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए हड़ताल, धरने या प्रदर्शन का सहारा लेता है तो अंत: परेशानी आम जनता को ही उठानी पड़ती है। सरकार कर्मचारियों के साथ किए गए वादे पूरे करने में असमर्थ रही है। जो भी कर्मचारियों की मांगें हैं, उन्हें सरकार अनसुना करती है। इसलिए धरना, प्रदर्शन करना कर्मचारियों की मजबूरी बन जाता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब भी किसी कर्मचारी संगठन का मांग पत्र आए तो उस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। कर्मियों की मांगों पर विचार करते हुए उन्हें मान लेना चाहिए। फिलहाल पटवारी व कानूनगो हड़ताल पर हैं, जिससे तहसील कार्यालयों का काम ठप हो गया है। सरकार पूर्व चली हड़ताल के दौरान हुए समझौते को लागू कर देती तो इस हड़ताल की नौबत ही नहीं आनी थी।

कुमारी सैलजा ने कहा कि इससे पहले अतिथि अध्यापकों पर यमुनानगर में लाठियां भांज कर उन्हें चुप कराने का प्रयास किया गया। इस लाठीचार्ज का उद्देश्य सिर्फ यही था कि वे भाजपा को 2014 में चुनाव से पहले पहली कलम से पक्के करने का वायदा याद न दिलाएं। वहीं, हिट एंड रन कानून के तहत किए नए प्रावधानों के विरोध में हिसार, करनाल, कैथल, सिरसा समेत कई जगहों पर अभी भी ड्राइवर हड़ताल पर चल रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 01 जनवरी से राशन डिपो संचालकों की भी प्रदेशव्यापी हड़ताल चल रही है, जिससे गरीब परिवारों के सामने उनके घर का चूल्हा जलाने का संकट खड़ा हो सकता है। कई जगह पर सफाई कर्मी अभी भी हड़ताल पर चल रहे हैं। इससे साफ है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार प्रत्येक वर्ग में अपना विश्वास खो चुकी है और प्रदेश की जनता अब सिर्फ चुनाव के इंतजार में है, ताकि सत्ता से उखाड़ कर फेंक सके।

‘ईडी की रेड विपक्षी की बोलती बंद करने को’
प्रदेश में विभिन्न पार्टियों से जुड़े नेताओं पर ईडी की रेड पर कुमारी सैलजा ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। जब भी किसी राज्य में चुनाव नजदीक होते हैं तो ईडी वहां पर डेरा डाल लेती है। विपक्षी की बोलती बंद करने के लिए भाजपा ईडी का इस्तेमाल करती है। हरियाणा से पहले कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि राज्यों में भी चुनाव से पहले इसी तरह से रेड की गई थी। केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि आज तक उसने भाजपा के कितने नेताओं के यहां रेड की? जवाब देना चाहिए कि जिन लोगों पर ईडी रेड करती है, और फिर वे भाजपा ज्वाइन कर लेते हैं तो फिर कैसे दूध के धुले घोषित कर दिए जाते हैं?