राम मंदिर के लिए सीता ने दस साल तक जुटाए थे रुपये, गुल्लक तोड़कर दिया था दान

भगवान राम की ससुराल से उपहार भेजेगा महावीर मंदिर, 10 हजार भक्तों में प्रसाद बांटेगा पटना का इस्कॉन

रामलला की आंखों में काजल लगाएंगे पीएम मोदी-पहनाए जाएंगे सोने के वस्त्र, अयोध्या में 15 जनवरी से शुरू हो जाएगा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव

सबसे पहले ये पांच लोग कर सकते हैं राम लला का दर्शन, गर्भगृह में रहेंगे मौजूद

अशोक कुमार कौशिक 

अयोध्या को सजाया जा रहा है। चारों तरफ श्रीराम के जयकारे लग रहे हैं। तोरणद्वार बनाए जा रहे हैं और पुष्पवर्षा की भी तैयारी है। हो भी क्यों न सदियों पुराना इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से राम भक्तों का इंतजार खत्म हो जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में खुद पीएम मोदी रामलला की प्रतिमा से पर्दा हटाएंगे, उनकी आंखों में काजल लगाएंगे और पूजन करेंगे।

एयरपोर्ट से लेकर रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया जाएगा। इस पावन दिन का हिस्सा बनने के लिए देश के कई बड़े चेहरों को न्योता भेजा गया है। राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए दुनिया भर से लोग आ रहे हैं। इसी बीच इस अवसर से जुड़ी एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है।

इन पांच लोगों का नाम शामिल

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सबसे पहले पांच लोग राम लला की मूर्ती का दर्शन करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के समय पांच लोग गर्भगृह में मौजूद रह सकते हैं। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और मुख्य आचार्य का नाम शामिल है। इस समय मंदिर का पट बंद रहेगा। सबसे पहले भगवान को आईना दिखाया जाना है।

पूरे शहर में तैयारी तेज

बता दें इस मौके पर दुनिया भर से लोग अयोध्या पहुंचने वाले हैं। जिसे लेकर शहर में तेजी से काम चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं। वहीं लोगों के आगमन में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए भी खास तैयारी की जा रही है। अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर को करेंगे। एयरपोर्ट के साथ ही रेलवे स्टेशन को भी काफी भव्य तरीके से तैयार किया गया है। करोड़ो रुपए के खर्च के बाद रेलवे स्टेशन भवन को मंदिर के रूप में बनाया गया है। यह भवन आधुनिक सुविधाएं से लैस है।

राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस समारोह के लिए तैयारियां आखिरी चरण में हैं। जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे यहां काम कर रहे मजदूर जोश और उत्साह के साथ काम को और तेजी से निपटाते जा रहे हैं। यहां काम कर रहे मजूदर इसे अपना सौभाग्य मान रहे हैं।

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी, लेकिन इसका पूजन सात दिन पहले 15 जनवरी से शुरू हो जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा पूजन के साथ ही भगवान को सोने के वस्त्र धारण कराए जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान गर्भग्रह में पीएम मोदी के अलावा उत्तर प्रदेश के सीएम येागी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंद बेन पटेल भी रहेंगी। इसके अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत के भी उपस्थित रहने की चर्चा है। पूजन राम जन्म भूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास कराएंगे।

पीएम मोदी होंगे मुख्य यजमान

राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य यजमान पीएम नरेंद्र मोदी होंगे। राम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी ही रामलला की प्रतिमा से पर्दा हटाएंगे। इसके बाद वह भगवान की आंखों में काजल भी लगाएंगे। इसके बाद रामलला की प्रतिमा का सोने के वस्त्र धारण कराए जाएंगे और 56 भोग लगाया जाएगा। इस सबसे पहले राम लला को नगर भ्रमण कराया जाएगा।

पुरानी प्रतिमा के साथ रहेगी नई प्रतिमा

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम सिर्फ नई प्रतिमा का होगा। आचार्य सत्येंद्र के मुताबिक पुरानी मूर्ति भी साथ ही रहेगी। नई प्रतिमा पुरानी से बड़ी होगी और एक ही जगह स्थापित रहेगी, जबकि पुरानी प्रतिमा चल रहेगी, यानी नगर भ्रमण व अन्य कार्यक्रमों में इस प्रतिमा का भ्रमण कराया जा सकेगा। पूजन कार्यक्रम 84 सेकेंड के शुभ मुहूर्त में होगा, लेकिन पूरा पूजन लंबा चलेगा। प्राण प्रतिष्ठा से पहले नवग्रह की पूजा होगी जो प्राण प्रतिष्ठा से कुछ दिन पहले ही शुरू हो जाएगी।

सरयू से जल से शुद्ध होगा मंदिर, लगाया जाएगा 56 भोग

प्राण प्रतिष्ठा से पहले सरयू नदी से जल लाकर मंदिर को शुद्ध किया जाएगा। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के मुताबिक 15 से ही अनुष्ठान शुरू हो जाएगा। रामलला को 56 भोग लगाया जाएगा। मुख्य पुजारी के मुताबिक जब भगवान राम लंका विजय कर अयोध्या लौटे थे उस दिन अयोध्या के हर घर में भोग बना था। इसीलिए 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में 56 भोग लगाने का कार्यक्रम रखा गया है।

सजाए जा रहे स्वागत द्वार

इसके लिए अयोध्या में काफी पहले से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। स्वागत द्वार सजाए जा रहे हैं। मंदिर के प्रथम तल का निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है। रामनगरी का रूप रंग बेहद अलग और अनोखा नजर आ रहा है। चौक चौराहे भगवान श्रीराम की प्रतिमा से सजे हैं। अयोध्या नगरी के प्रवेश द्वार पर सात घोड़ों पर सवार सूर्यदेव खुद राम भक्तों के स्वागत को खड़े हैं।

वहीं, दूसरी तरफ यहां किन्नरों में भी अलग ही उत्साह नजर आ रहा है। वह कई सौ साल से चली आ रही परंपरा को निभा रही हैं। भगवान राम को गाली देते हुए रोज वह गाना गाती हैं। अब उन्हें बस इंतजार है उस पल का जब रामलला विराजमान होंगे। वह कहती हैं कि यह देखकर वह धन्य हो जाएंगी। 

‘कभी नहीं सोचा था, यहां काम करने का मौका मिलेगा’

मंदिर के लिए काम कर रहे गोरखपुर के पंकज कुमार पासवान ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा, “जो हो रहा है अच्छा हो रहा है। यहां विश्व का सबसे भव्य मंदिर होगा। यह हमारी सात पीढ़ियों के अच्छे कर्म हैं जो हम यहां काम करने को आए हैं, नहीं तो हमने कभी नहीं सोचा था कि यह मौका मिलेगा।”

‘रुपयों के लिए नहीं, प्रभु की सेवा के लिए कर रहे काम’

सुल्तानपुर के एक मजदूर ने बताया कि “बड़े सौभाग्य वाले लोगों को ही यहां दर्शन का मौका मिलेगा। हम खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं कि यहां दो साल से भगवान की सेवा में लगे हुए हैं और हमें यहां काम करने का मौका मिला है

” अधिकतर मजदूरों ने बताया कि “वे यहां रुपयों के लिए काम नहीं कर रहे हैं। वे बस प्रभु राम की सेवा के लिए यहां हैं. पैसा तो बहुत मिलेगा, लेकिन जो सम्मान यहां मिलेगा वो कहीं नहीं मिलेगा।” 

‘घरवालों को भी लगता है अच्छा’

मजदूरों के एक और समूह ने बताया कि “हम दो साल से यहां काम कर रहे हैं। बहुत अच्छा लगता है कि भगवान के लिए काम करने का मौका मिला। घर वालों को भी अच्छा लगता है कि हम इस मंदिर के लिए काम कर रहे हैं। हम लोगों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि प्रभु राम के मंदिर निर्माण में हमारा हाथ होगा।”

कनक भवन में किन्नरों ने बढ़ाई रौनक

मंदिर निर्माण के बीच यहां के कनक भवन में अलग ही नजारा नजर आता है। यहां किन्नरें भगवान राम को गाली देने की वर्षों पुरानी परंपरा को निभा रही हैं। किन्नर शिवानी कहती हैं, “रामजी हमारे जीजा जी लगते हैं, हम लोग मिथिला से हैं। इसलिए हमारी परंपरा है कि हम उन्हें गाली देते हैं।” चंद्रकला नाम की किन्नर ने भावुक होते हुए बताया, “उनके चरणों में सेवा करके, उनको रिझा के जीवन यापन कर रहे हैं। मंदिर बनने के बाद हम सखियों का भाग्य खुल जाएगा। हम तो यही चाहते हैं कि ठाकुर जी जल्दी विराजमान हो जाएं।”

अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनाने के लिए लाखों रुपये दान देने वाले बहुत हैं, मगर सोनभद्र की सीता का योगदान भी कम नहीं है। अपने आराध्य देव के मंदिर के लिए सीता ने दस वर्षों तक एक-एक रुपये जुटाए थे। मंदिर निर्माण के लिए जब संग्रहण अभियान शुरू किया तो उन्होंने गुल्लक तोड़कर यह धनराशि समर्पित की थी। अब वर्षों बाद टेंट से निकलकर प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में विराजमान होने को लेकर वह काफी खुश हैं। उनकी इच्छा है कि वह शीघ्र अयोध्या पहुंचकर नए मंदिर में अपने प्रभु के दर्शन करें।

राबर्ट्सगंज नगर के शीतला मंदिर के समीप मिट्टी के बर्तन बेचने वाली सीता देवी की प्रभु श्रीराम में गहरी श्रद्धा है। अपने आराध्य को टेंट में देखकर सीता मन ही मन दुखी होती थीं। उन्हें पूरा भरोसा था कि उनके प्रभु का भव्य मंदिर जरूर बनेगा। जब ऐसा होगा, तो उसमें अपना भी योगदान सुनिश्चित करने के लिए वह वर्षों से गुल्लक में पैसे एकत्रित कर रही थीं। हर रोज अपनी आमदनी में से घरेलू खर्चों के बाद एक से दो रुपये प्रभु श्रीराम के लिए गुल्लक में डालती थीं। करीब दो साल पहले जब मंदिर निर्माण के लिए आरएसएस ने धन संग्रहण अभियान शुरू किया तो सीता ने अपना गुल्लक उनके सामने रख दिया। गुल्लक फोड़ने पर उसमें से नौ हजार रुपये निकले। करीब दो हजार रुपये बेटे ने मिलाकर मंदिर निर्माण के लिए 11 हजार की राशि अर्पित की थी। उनकी श्रद्धा देख हर कोई हैरान रह गया था। अब जब मंदिर मूर्त रूप ले चुका है और उसमें प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी शुरू हुई तो सीता देवी काफी उत्साहित हैं। बुधवार को नगर में निकले पूजित अक्षत कलश शोभायात्रा में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सीता देवी का कहना है कि प्रभु श्रीराम ने उनकी हर इच्छा पूरी की। अब उन्हें शीघ्र भव्य मंदिर में देखने की इच्छा है। वह जल्द ही अयोध्या भी जाएंगी।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर  के उद्घाटन समारोह को लेकर पटना का महावीर मंदिर भगवान राम के लिए उनकी ससुराल से मिथिला का पाग, पान और मखाना के साथ कई उपहार भेजेगा। 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन पर 15 जनवरी से 15 फरवरी तक सुबह से रात तक वहां राम रसोई का संचालन होगा।

महावीर मंदिर के आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि क्षमता के अनुसार, भक्त बैठकर प्रसाद ग्रहण करेंगे। इसके अलावा भीड़ बढ़ने पर प्रसाद का पैकेट वितरित किया जाएगा।

भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण करेगा इस्कॉन

वहीं, भगवान श्रीराम की सेवा में इस्कॉन मंदिर पटना की ओर से भी अयोध्या में महाप्रसाद का वितरण सुबह से रात तक चलेगा। इस्कान मंदिर, पटना के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास ने बताया कि इस्कान मंदिर की ओर से 15 जनवरी से 15 फरवरी तक 10 हजार भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया जाएगा।

अयोध्या भेजा जाएगा 10 ट्रक चावल

इस दौरान भक्तों को चावल, दाल, सब्जी, पकौड़ा, पापड़ समेत अन्य व्यंजन मिलेंगे। प्रसाद ग्रहण करने को लेकर किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगेगा। इस कार्य को लेकर देश-विदेश के इस्कान मंदिर का सहयोग मिला है। बिहार से 10 ट्रक चावल अयोध्या भेजा जाएगा। चावल की आपूर्ति कम होने पर फिर व्यवस्था की जाएगी।

क्या बोले इस्कॉन पदाधिकारी ?

कृष्ण कृपा दास ने बताया कि भगवान श्रीराम की सेवा करने का अवसर इस्कॉन मंदिर को मिला है, इससे सौभाग्य की बड़ी बात नहीं हो सकती है। प्रसाद को बनाने के लिए मंदिर से जुड़े विभिन्न राज्यों के कुशल कारीगर का सहयोग लिया जाएगा। अयोध्या में भक्तों को महाप्रसाद ग्रहण करने को लेकर कोई परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा।

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