– बम ब्लास्ट जैसी आपदा से निपटने के लिए जिला में 29 दिसंबर को आयोजित की जाएगी मॉक ड्रिल, एडीसी ने संबंधित अधिकारियों को उचित तैयारियों के दिए निर्देश गुरुग्राम, 26 दिसंबर। जिला में भूकंप व बम ब्लास्ट जैसी किसी भी प्रकार की आकस्मिक आपदा से निपटने के लिए जिला के सभी विभाग तत्पर रहें और जिलास्तर पर आपदा प्रबंधन की एक ठोस कार्य योजना बनाई जाए। जिससे कि कम से कम नुकसान आपदा के समय हो और प्रभावित लोगों की सही समय पर सहायता की जा सके। इसी उद्देश्य को लेकर मंगलवार को एडीसी हितेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक सम्पन्न हुई। एडीसी हितेश कुमार मीणा ने बैठक में कहा कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर महामारी और आपदाओं से निपटने के लिए मॉकड्रिल आयोजित की जाती है। ऐसी मॉकड्रिल से जिला प्रशासन के अमले के अलावा एनडीआरएफ व अन्य संबंधित एजेंसियों के तालमेल को भी दृढ़ता मिलती है। गुरुग्राम जिला में आपदा से निपटने की तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए 29 दिसंबर को प्रातः 11 बजे निर्धारित स्थान पर मॉकड्रिल की जायेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर प्राकृतिक अथवा अन्य किसी भी आपातकाल से निपटने की तैयारियों का आकलन करने के लिए मॉकड्रिल करवाई जाती है। जिला प्रशासन द्वारा 29 दिसंबर को निर्धारित स्थान पर मॉलड्रिल की जायेगी। इस मॉकड्रिल में जिला प्रशासन की मशीनरी के अलावा एनडीआरएफ, अग्निश्मन विभाग, वन विभाग, बिजली वितरण निगम, पुलिस के अलावा अन्य संबंधित विभाग भी भाग लेंगे।मॉक ड्रिल के दौरान आमजन को किसी प्रकार की परेशानी ना हो व लोगों में किसी प्रकार का पैनिक ना फैले इसके लिए मॉक ड्रिल से जुड़े सभी विभागों को उचित निर्देश दिए गए हैं। एडीसी ने कहा कि मॉक ड्रिल के लिए लघु सचिवालय में एक समर्पित कंट्रोल स्थापित किया जाएगा। जिससे इस पूरे ड्रिल पर नजर रखी जायेगी।एडीसी ने बताया कि इस ड्रिल में इस बात की जानकारी भी दी जाएगी कि मदद पहुंचने से पहले आपदा में फंसे लोगों को कैसे अपनी सुरक्षा करनी है। साथ ही मॉक ड्रिल के बाद इस बात की जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी कि एक्शन के वक्त किसका काम ठीक था और किस विभाग में सुधार की जरूरत है। इस रिपोर्ट के आधार पर इन विभागों के कामकाज में और चुस्ती लाई जाएगी। क्यों जरूरी है मॉक ड्रिलएडीसी ने कहा कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा से बेहतर तरीके से निपटने के लिए मॉक ड्रिल बेहद जरूरी है। मॉक ड्रिल के माध्यम से हम अपनी तैयारियों का आंकलन तथा समीक्षा कर आपदा के समय आपस में बेहतर समन्वय स्थापित कर राहत व बचाव कार्यों में तेजी ला सकते हैं। साथ ही आपदा के समय सीमित संसाधनों का कैसे उचित उपयोग हो इसका आंकलन करने के लिए मॉक ड्रिल प्रमुख माध्यम है। बैठक में डीआरओ पूनम बब्बर, सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव, डीडीपीओ वीरेंद्र सिंह, नगर निगम के डीआरओ विजय यादव, जीएम रोडवेज प्रदीप अहलावत, जिला आपदा प्रबंधन से प्रोजेक्ट ऑफिसर पूनम ,एनडीआरएफ व एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। Post navigation देश को विकसित बनाने में मील का पत्थर साबित होगी विकसित भारत संकल्प यात्रा: अरविंद सैनी वर्ष 2023 के दौरान विभिन्न अपराधों को अंजाम देने में सक्रिय गिरोहों के खिलाफ, गुरुग्राम पुलिस की कार्यवाही