चंडीगढ़, 18 दिसंबर – हरियाणा विधान सभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आज दो विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन (संशोधन) विधेयक,2023 व हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक,2023 शामिल हैं।हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन (संशोधन) विधेयक,2023 हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन अधिनियम,2017 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन (संशोधन) विधेयक,2023 पारित किया गया है। इसके तहत, हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन अधिनियम, 2017 के अधिनियम 35 की धारा 2 व 3 में संशोधन किया गया है। प्रदेश में पहली जुलाई, 2017 से जीएसटी कानून के तहत एक नयी कराधान प्रणाली लागू की गई। आबकारी व कराधान विभाग द्वारा प्रदत कानूनों के तहत कर, जुर्माना और शास्ति सहित बकाया भारी राशि देय है, जिसे कई स्तरों पर विवादित मांगों एवं बकाया देनदारों की कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण वसूल कर पाना कठिन है। कम बकायों एवं मुकदमेबाजी से मुक्त जीएसटी शासन में आगे बढऩे और बकाया राशि की वसूली में तेजी लाने के लिए हरियाणा राज्य में विभाग द्वारा प्रशासित विभिन्न नियमों के तहत व्यवस्थापन स्कीम लागू करने की आवश्यकता महसूस की गई। चूंकि विभाग द्वारा प्रशासित कानूनों के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं था, जिसके तहत विभाग, शासित विभिन्न अधिनियमों के तहत बकाया राशि के व्यवस्थापन के लिए एक स्कीम ला सके। इसलिए सरकार द्वारा एक या अधिक स्कीमों को अधिसूचित करने के लिए हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन अधिनियम, 2017 को अधिनियमित किया गया, जिसमें ‘‘बकाया देय’’ में 31 मार्च, 2017 तक की अवधि के बकाया परिभाषित किये गए। यह कानून पहली बार अध्यादेश के माध्यम से अधिनियमित किया गया तथा बकाया देयों की वसूली के लिए पहली एकमुश्त व्यवस्थापन स्कीम 31 मार्च, 2017 तक के देयों के लिए अध्यादेश के तहत शुरू की गई। वित्तीय वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही की अवधि इस अधिनियम और योजना के दायरे के बाहर रह गई। अब सरकार ने 30 जून, 2017 तक की शेष अवधि को भी इस अधिनियम के तहत लाने का निर्णय लिया है, इसलिए इस अधिनियम में संशोधन जरूरी है। हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन अधिनियम, 2017 (2017 का हरियाणा अधिनियम संख्या 35) की धारा 2( ii) ‘‘बकाया देय’’ तथा धारा 3 में विभाग द्वारा प्रस्तावित संशोधन को मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा मंत्रिमंडल की प्रत्यायोजित शक्तियों का प्रयोग करते हुए 13 दिसम्बर,2023 को मंजूरी दे दी गई है।हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक,2023 हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम,2006 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक,2023 पारित किया गया। राज्य के युवाओं को उच्चतर शिक्षा में बेहतर अवसर प्रदान करने हेतू शैक्षणिक संस्थाओं के विस्तार की अत्यंत आवश्यकता है। उच्चतर शिक्षा में विद्यार्थियों की अप्रत्याशित वृद्धि को समायोजित करने की व्यवस्था में और 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुसार प्राप्त करने के लिए भी हमें सभी स्तरों पर वर्ष 2030 तक संस्थाओं की संख्या में वृद्धि करने की आवश्यकता है। उच्चतर शिक्षा में इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार का हस्तक्षेप पर्याप्त नहीं होगा। हमें निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रमुख रूप में शामिल करने की आवश्यकता है। उच्चतर शिक्षा और इसके मानकों के पैमाने की क्षमता का विस्तार करने में सरकार की पहल के अनुपूरक में हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2006 को अनिवार्यत: लाया गया है। इसके अतिरिक्त अधिनियम में वर्णित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतू जिला झज्जर में संस्कारम् विश्वविद्यालय स्थापित करने के उद्देश्य से एक प्रस्ताव का प्रतिपादन किया गया है। Post navigation चरखी दादरी के गांव घसौला में मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन चयनित वर्तमान राज्य सरकार के 9 साल के कार्यकाल में लगभग 1 लाख 6 हजार भर्तियां हुई