जयराम विद्यापीठ में भागवत कथा प्रारम्भ से पूर्व परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी एवं ट्रस्टी शोभा यात्रा में सिर पर भागवत पुराण रखकर कथा स्थल पर पहुंचे

हर मनुष्य को समर्पण के साथ सदा भगवान से जुड़े रहना चाहिए : आचार्य श्याम भाई ठाकर।

दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर से जयराम विद्यापीठ में कथा स्थल पर पहुंची भागवत कथा शोभा यात्रा।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 17 दिसम्बर : ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव 2023 के उपलक्ष्य में देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सानिध्य में भागवत पुराण की कथा प्रारम्भ हुई। कथा के पहले दिन अनेकों संत महापुरुषों व कथा वाचक श्याम भाई ठाकर के साथ परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी सिर पर भागवत पुराण रखकर शोभा यात्रा में कथा स्थल में पहुंचे। कथा से पूर्व दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर से विद्यापीठ तक भव्य शोभा यात्रा बैंड बाजों के साथ निकाली गई। शोभा यात्रा में सिर पर पवित्र कलश धारण किए महिलाओं का नेतृत्व किया।

परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी व विख्यात कथावाचक आचार्य श्याम भाई ठाकर व विद्यापीठ के सभी ट्रस्टियों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ व्यासपीठ पर भागवत पुराण को स्थापित किया गया। इस अवसर पर स्वामी महेश मुनि, संत ज्ञानेश्वर, रोशन पुरी, निर्मल अखाडा सहित अनेक संत मौजूद थे। कथा प्रारम्भ से पूर्व परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि वह गीता जयंती पर अपने परम पूज्य गुरु प्रात: स्मरणीय ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से ही गीता के संदेश को जन जन तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने संत मोरारी बापू के साथ अपनी यादों को ताजा करते हुए गुजरात से आए कथावाचक श्याम भाई ठाकर से भी कहा कि युवाओं के कल्याण एवं नशे से मुक्ति के लिए प्रेरणा दी जाए। विद्यापीठ का कार्य तो गीता प्रेमियों की सेवा करना है।

पहले दिन की कथा में आचार्य श्याम भाई ठाकर ने व्यासपीठ से कहाकि हर मनुष्य को सदा समर्पण के साथ भगवान से जुड़े रहना चाहिए न केवल खुद बल्कि अपने परिजनों को भी जोड़े रखना चाहिए। भगवान की मदद से हर काम आसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि भगवान की नजर यदि प्राणी पर नहीं है, तो छोटा सा भी काम भी पहाड़ दिखाई पड़ने लगता है, ऐसा भी नहीं है कि मनुष्य के जीवन में कोई दुख नहीं आएंगे जो आपके भाग्य में लिखा है। वो तो होकर ही रहेगा, लेकिन इन दुखों से लड़ना भगवान आसान कर देता है। आचार्य ठाकर ने कथा में कहा कि हम सभी के जीवन से मुस्कान दूर होती जा रही है, जो समाज के लिए चिंता का भी विषय है। मनुष्य के जीवन की एक मुस्कराहट कई काम आसान करा देती है। उन्होंने कहा कि जीवन में अपने परिवार में किसी भी प्रकार की अनैतिक कार्य की कमाई को नहीं आने दे यदि आप अपने जीवन में अनैतिक कमाई के प्रवेश को रोकने में सफल रह पाते हैं, तो आपका जीवन सुखमय रहेगा, उन्होंने उपस्थित जनसमूह से भागवत कथा से जुड़े रहने के लिए कहा।

कथा में श्रवण गुप्ता, राजेंद्र सिंघल, के.के. कौशिक, कुलवंत सैनी, टेक सिंह लौहार माजरा,राजेश सिंगला, सेवानिवृत एस.डी.एम. प्रेम सिंह, सेवानिवृत आयुक्त टी.के. शर्मा, ईश्वर गुप्ता, महेंद्र सिंगला, जयराम शिक्षण संस्थान के निदेशक एस.एन. गुप्ता, महिला मंडल की संगीता शर्मा व संतोष यादव, रणबीर भारद्वाज, राजेश लेखवार शास्त्री, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक इत्यादि भी मौजूद थे।

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