1976 से पहले  गजेटेड और नॉन गजेटेड अधिकारियों के बिल निकालने का था अलग नियम

राजपत्रित अधिकारी बिल और सैलरी खुद के साईन से और नॉन गैजेटेड ऑफ़िसर के लिए डीडीओ पॉवर के ज़रिए निकालने का था प्रावधान

चंडीगढ़, 15 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि लोकहित में व्यवस्था परिवर्तन की जब भी कोई बात आएगी, हमारी सरकार उसके लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायक श्री वरुण चौधरी द्वारा लगाए गए प्रश्न का जवाब दे रहे थे।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 1976 से पहले गजेटेड और नॉन गैजेटेड के वेतन, अलाउंस इत्यादि के बिल निकालने का अलग नियम था। इसके अनुरूप राजपत्रित अधिकारी स्वयं के बिल और सैलरी बिल स्वयं साईन करके तथा गैर राजपत्रित अधिकारी डीडीओ के माध्यम से बिल निकलवा सकते थे। लेकिन 1976 में उस समय की सरकार ने 12 जुलाई, 1976 को यह व्यवस्था बंद करके सभी बिल और सैलरी के लिए डीडीओ पावर के लिए एक अधिकारी को ऑथोराइज कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विषय 47 साल पुराना है, लेकिन किसी ने यह विषय कभी नहीं उठाया, जबकि प्रदेश में कांग्रेस की 21.5 साल, आईएनएलडी की 11.5 साल, हरियाणा विकास पार्टी की 3.5 सालों तक सरकारें रही। 1976 में नियमों में जो भी बदलाव किया गया, वह व्यवस्था परिवर्तन के लिए किया गया था और वर्तमान में इसमें किसी प्रकार का बदलाव का कोई विचार नहीं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सदस्य जनहित में व्यवस्था परिवर्तन के लिए कोई प्रस्ताव देंगे तो हम उस पर अवश्य विचार करेंगे।

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