प्रभावित अन्य किसानों को भी जल्द से जल्द मुआवजा राशि जारी करे  गठबंधन सरकार

गुलाबी सुंडी से खराब हुई कपास फसल का मुआवजा भी जल्द जारी करे सरकार

चंडीगढ़, 15 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार का जबसे गठन हुआ है वह किसानों को खून के आंसू रूला रही है, किसानों का शोषण और उन्हें प्रताड़ित करने का कोई भी मौका नहीं चूक रही है। पांच माह पूर्व भारी बरसात और बाढ़ से खराब हुई फसलों का मुआवजा राशि जारी करने की घोषणा की है जो आधी अधूरी है, 1.41 लाख किसानों ने मुआवजा देने की मांग की थी मगर सरकार ने 34511 किसानों के लिए मुआवजा राशि जारी की है ऐसे में सरकार वंचित रहे किसानों के लिए जल्द से जल्द मुआवला राशि जारी करे। उन्होंने कहा कि सरकार को मुआवजा देने में भेदभाव नहीं करना चाहिए। जो किसान रह गए है उनकी खराब हुई फसलों की मुआवजा राशि भी जल्द जारी की जाए।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि एक ओर गठबंधन सरकार दावा करती है कि सबका साथ, सबका विकास और बिना किसी भेदभाव के काम करती है पर धरातल पर कुछ और ही दिखाई देता है। पांच माह पहले भारी बरसात और बाढ़ से फसलों को भारी नुकसान हुआ था, किसान स्वयं को लुटा-पिटा मानकर बैठ गया था, किसानों ने मुआवजा राशि की मांग की। जिसके लिए सरकार विशेष गिरदावरी की बात करती रही फिर अधिकारियों से सर्वे कराया। मुआवजे के लिए 1.41 लाख किसानों ने मांग की थी पर सरकार ने 34511 किसानों के लिए मुआवजा राशि जारी की। कहा गया कि सरकार ने 99039 एकड़ में नुकसान माना, 49842 एकड़ में 25 प्रतिशत नुकसान मानते हुए ही मुआवजा राशि जारी की गई। उन्होंने कहा कि सरकार को हर पीड़ित किसान को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों ने सरकार को बताया था कि उनकी 6.87 लाख एकड़ में फसल खराब होने का दावा किया था। सरकार ने 16444 एकड़ में 25 से 49 प्रतिशत, 28693 एकड़ में 75 से 100 प्रतिशत, 4705 एकड़ में 50 से 74 प्रतिशत नुकसान माना है। कुमारी सैलजा ने कहा कि नरमा कपास की फसल पर गुलाबी सुंडी का प्रकोप हुआ था जिससे फसल बुरी से खराब हो गई थी जो बची आज उसे कोई खरीदने को तैयार नहीं है। आर्थिकरूप से टूट चुका किसान सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठा है कि कब सरकार नरमा-कपास से खराब हुई फसलों के मुआवजे का ऐलान करेगी। सरकार ने बाढ़ से प्रभावित हुई फसलों को लेकर किसानों को आधी अधूरी राहत दी है ऐसे में उसे संशय है कि नरमा कपास की फसल को मुआवजा देने में भी सरकार मनमानी और भेदभाव करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को बिना भेदभाव और बिना क्षेत्रवाद के पीड़ित किसानों को मुआवजा रूपी राहत राशि प्रदान करनी चाहिए।

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