लाखों शिकायतें पेंडिंग भ्रष्टाचार को मिला बढ़ावा

 मुख्यमंत्री को चाहिए कि इस योजना का नाम बदलकर करप्शन विंडो कर देना चाहिए

चंडीगढ़, 13 दिसंबर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर हरियाणा सरकार द्वारा 09 वर्ष पूर्व संचालित सीएम विंडो योजना जनता को गुमराह करने के अलावा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली योजना साबित होकर रह गई है।

यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कही। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 9 वर्ष पूर्व सीएम विंडो के नाम से एक योजना शुरू की गई जिसके माध्यम से लोगों की शिकायतों का 1 महीने के भीतर से समाधान का दावा किया गया लेकिन हकीकत में देखा जाए तो लोगों की शिकायतें कई सालों से लंबित पड़ी है इसके अलावा अनेक शिकायतों को संबंधित विभाग के अधिकारी बिना जांच पड़ताल किए ही बंद कर रहे हैं जो कि शिकायतकर्ताओं के साथ भद्दा मजाक उड़ाया जा रहा है। प्रदेश के मुखिया ने जनता की समस्याएं व शिकायतें धरातल पर जाकर सुनने की बजाय एक वेबसाइट का सहारा लेकर अपना पीछा छुड़वाया ताकि लोगों के बीच में जाएंगे तो उनसे सवाल-जवाब करने पड़ेंगे।

सत्ता में रहकर इस वेबसाइट के सहारे सरकार चलाते रहे और सीधा संपर्क बंद कर दिया जैसे ही चुनावों का समय आया तो पूरे मंत्रिमंडल को जन संवाद की याद आई है।  हरियाणा के प्रत्येक जिलों की पेंडिंग सीएम विंडो की शिकायतों का जिक्र करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि लगभग 12 लाख 60 हजार शिकायतें पोर्टल पर दर्ज हुई जिनमें से 11 लाख शिकायतों को निपटाने का दावा किया गया है इसी प्रकार तीन लाख 33000 शिकायतों को समय पर समाधान किए जाने का दावा किया गया है इतना ही नहीं सीएम विंडो पोर्टल पर 85000 शिकायतों को अंडर प्रोसेस अंडर ओवर डयू दर्शाया जा है जिससे साबित हो रहा है कि पोर्टल पर फर्जी डाटा अपलोड करके वाही वाही लूटी जा रही है तथा लगभग 15000 शिकायतों को अंडर प्रोसेस निर्धारित समय अवधि में दर्शाई जा रही है ।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार नई-नई योजनाओं को लागू तो कर रही है लेकिन अमलीजामा पहनाने की बजाय मीडिया की सुर्खियां बन रही है। सीएम विंडो में दर्ज शिकायतों की पूरी जांच की जाए तो सरकार की कार्य प्रणाली व फर्जी डाटा मुख्यालय में बैठे बड़े अधिकारियों को कटघरे में लाकर खड़ा कर रही है। कुमारी सैलजा ने कहा कि सीएम विंडो का संचालन कर रहे अधिकारी भ्रष्टाचार की दलदल में फंसते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस विभाग के अधिकारी से खिलाफ शिकायत मुख्यालय पहुंचती है तो उसे संबंधित मामले की फाइल लेकर मुख्यालय बनाया जा रहा है और जांच के नाम पर भ्रष्टाचार का नंगा खेल खेला जा रहा है। ऐसी अनेकों घटनाएं हैं जिनकी जांच पूरी न करके शिकायतकर्ताओं को भटकाया जा रहा है जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि सीएम विंडो की आड़ में निचले अधिकारी से लेकर उच्च अधिकारी तक भ्रष्टाचार के हमाम में डूबे हुए हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीएम विंडो में अनेकों ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें जिस अधिकारी से संबंधित शिकायत दर्ज करवाई जाती है उसके अधीनस्थ अधिकारी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है और ऐसी शिकायतों में जांच के दौरान शिकायतकर्ता को बिना सूचित किए और बिना सीएम एमिनेंट पर्शन की अनुशंसा के शिकायतों को क्लोज किया जा रहा हैं जोकि सीएम विंडो के नियमों के कतई विरुद्ध है। कुमारी सैलजा ने कहा कि इस समय पूरे प्रदेश में सीएम एमिनेंट पर्सन का पद निरस्त किया हुआ है लेकिन इसके बावजूद भी शिकायतों का निपटारा संबंधित विभाग के अधिकारी अपनी मनमर्जी से कर रहे हैं यहां तक की शिकायत कर्ताओं को जांच में शामिल नहीं किया जा रहा है और अपनी मनमर्जी से शिकायतें क्लोज की जा रही हैं जो कि सीएम विंडो की धज्जियां उड़ाने से कम नहीं है। सीएम विंडो में हो रही घोर लापरवाही व भ्रष्टाचार को लेकर कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि इस योजना का नाम बदलकर करप्शन विंडो कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता काबिज होने के उपरांत ऐसी योजनाओं में पारदर्शिता लाई जाएगी या इसे बंद कर दिया जाएगा ।

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