6 दिसंबर, हिसार। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में खाद्य और पोषण सुरक्षा, स्थिरता व स्वास्थ्य (न्यूट्री-2023) विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। विश्वविद्यालय और हरियाणा कला परिषद हिसार मंडल के संयुक्त रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यातिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज रहे। कार्यक्रम में हरियाणा कला परिषद के कलाकारों ने कत्थक, सूफी, भंगड़ा, फॉक इंडियन डांस की बेहतरीन प्रस्तुतियां देकर पंजाब, राजस्थान व हरियाणा की संस्कृति से विदेशी मेहमानों को रूबरू करवाया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में विदेशी मेहमानों में फ्रांस के आईपीसीसी नोबेल पुरस्कार के सह-विजेता प्रोफेसर आर्थर सी. रिडेकर व अमेरिका की टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय के संकाय फेलो प्रोफेसर सर्जिओ सी. कापारेडा, जर्मनी से डॉ. डिटर एच. त्रुट्ज ओस्नाबु्रक सहित अन्य वैज्ञानिकों व शोधार्थियों ने हरियाणवी, राजस्थानी व पंजाबी गानों व नृत्यों का जमकर आनंद लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में देश व विदेश के संस्थानों से आए मेहमानों व विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देकर शपथ दिलाई गई, जिसके बाद खेत्रिका ने बॉलिवुड गानों पर थिरकर सभी का मन मोह लिया। छात्रा रौनक ने नैनो वाले छेड़ा मन का प्याला गाने के बोल पर नृत्य पेश कर समां बांध दिया। इसके बाद कलाकारों ने विदेशी मेहमानों को हरियाणवी, राजस्थानी व पंजाब की संस्कृति, रहन-सहन, वेशभूषा से रूबरू करवाते हुए कई सांस्कृतिक गतिविधियों की सुंदर प्रस्तुतियां दी। छात्र जतिन शर्मा ने गिटार बजाकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। कार्यक्रम में डॉ. संध्या शर्मा ने अपनी मधुर आवाज में लंबी जुदाई-यार दिलों का नामक गाना सुनाकर तालियां बंटोरी। सांस्कृतिक कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र कलाकार महावीर गुड्डू व उनकी टीम द्वारा शिव स्तुति पर नृत्य रहा, जिसके बाद उन्होंने किसानों की समृद्धि, सावन व फागन ऋतुओं की विशेषताओं को डांस के जरिए पेश कर सभी से वाही-वाही लूटी विदेशी मेहमानों ने हाथों में तिरंगा थाम दिया वसुधैव कुटुम्बकम का संदेशहकृवि में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में विदेशी मेहमानों ने हाथों में तिरंगा थामकर वसुधैव-कुटुम्बकम के नारे को पूरक करते हुए पूरा विश्व-एक परिवार का संदेश दिया, जोकि मुख्य आकर्षण का केंद्र बना। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर मुख्यातिथि प्रो. बी.आर. काम्बोज ने विदेशी मेहमानों का आभार जताया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में मंच का संचालन छात्र अंकित व संतोष ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय व इससे जुड़े सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षाविद्, वैज्ञानिक सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे। Post navigation सर्दी के मौसम में राजनीति में गर्मी …….. वो मिट्टी के घर याद आते हैं …….