महिलाओं व बच्चियों की सुरक्षा करने में गठबंधन सरकार नाकाम

साइबर क्राइम बढ़ने की वजह बनने लगे सरकारी पोर्टल

चंडीगढ़, 05 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में भ्रष्टाचार के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपियों को पकडने के मामले में देश में छठा नंबर आना ही इस बात का प्रमाण है। अगर भ्रष्टाचार कम होता तो भ्रष्टाचारियों को पकड़ने की घटनाएं बढ़ने की बजाए कम होती। राज्य सरकार महिलाओं व बच्चियों की सुरक्षा के प्रति भी गंभीर नहीं है, इसलिए ही इनके खिलाफ दुष्कर्म समेत अन्य घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो एनसीआरबी ने साल 2022 में घटे अपराधों को लेकर रिपोर्ट जारी की है। इसमें हरियाणा में बढ़ती घटनाएं हर किसी को चौंका सकती हैं। इस रिपोर्ट के अध्ययन से साफ है कि प्रदेश में कानून का राज नहीं है, बल्कि यहां पर अपराधियों का खौफ लोगों के बीच बढ़ रहा है। खास तौर पर ऐसे अपराध में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे हर आम आदमी सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था को लेकर भयभीत होने लगता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक ही साल में कर्मचारियों व अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के 246 मामले दर्ज होने से पता चलता है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार किस स्तर पर पहुंच चुका है। भाजपा के 2014 में सत्ता संभालने के बाद से तमाम महकमों में रिश्वत के बढ़ते रेट भी इस बात का सबूत हैं। मुख्यमंत्री के गृह जिले करनाल से ही बार-बार भ्रष्टाचार के मामले सामने आने से साफ है कि इनका कनेक्शन सत्ता में बैठे लोगों तक है और इसमें वे भी बराबर के भागीदार हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में 2022 के दौरान महिलाओं से दुष्कर्म के मामले बढ़े और पुलिस थानों में 1787 मामले रिपोर्ट हुए। इससे साफ है कि हर रोज औसतन 5 महिलाओं की अस्मत से खेला गया। दिनदहाड़े वारदातों के मामले में महाराष्ट्र के बाद हरियाणा देश में दूसरे नंबर पर है। इस मामले में यह यूपी से भी आगे निकल चुका है। इससे साफ है कि पुलिस का कोई भय बदमाशों में नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश से साल भर के दौरान 2640 बच्चे लापता हुए। इनमें से 49 प्रतिशत लड़कियों को पुलिस खोज ही नहीं पाई। वहीं, साइबर क्राइम की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी का कारण हरियाणा सरकार के खुद के पोर्टल बने हैं। जमीनों के इंतकाल व रजिस्ट्री के पोर्टल से लोगों से फिंगर प्रिंट उठाकर उनके बैंक खाते साफ करने के मामले प्रदेश में सामने आ चुके हैं। साथ ही बिजली उपभोक्तओं का डाटा लीक होने और फिर उनके बैंक खाते खाली करने के मामले किसी से छिपे नहीं हैं।

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