ज्यादातर सरकारी स्कूलों में कमरे, शौचालय, बिजली और पीने का पानी नहीं होने पर पांच लाख का जुर्माना

पवन कुमार बंसल

गुरुग्राम – आश्चर्यजनक रूप से हरियाणा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान शुरू किया था lऔर हरियाणा सरकार ने गरीब करदाताओं के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। प्रमुख अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्रों में “सशक्त महिलाएँ – हरियाणा में अग्रणी परिवर्तनकारी परिवर्तन” शीर्षक से पूरे पृष्ठ के विज्ञापन जारी किए गए।

पुरानी कहावत है कि आँकड़े बिकनी की तरह हैं जो सब कुछ प्रकट कर देता है प्रमुख बातों को छिपा देता है, l यही इस विज्ञापन में है lजबकि उन स्कूलों की दुर्दशा का उल्लेख नहीं करता है जिनमें शौचालय, बिजली, कमरे और पीने के पानी की सुविधा नहीं है, मनोहर लाल को एक चैंपियन के रूप में उजागर और प्रोजेक्ट करता है। जिन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाया था. यह गर्व से कहता है, “2015 में, मनोहर लाल को राष्ट्रव्यापी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू करने का काम सौंपा गया था, जो कि पानीपत की ऐतिहासिक भूमि से शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या के मुद्दों को संबोधित करना और लड़कियों की शिक्षा और भलाई को बढ़ावा देना था।

और जिन स्कूलों में पीने का पानी, कमरे, बिजली और शौचालय की बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं, वहां लड़कियों को किस तरह की शिक्षा मिलेगी?

छात्रों की ओर से वकील प्रदीप कुमार रापडिया द्वारा दायर याचिका में कैथल जिले के बालू में स्कूल के मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने हरियाणा सरकार पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया हैऔर प्रधान सचिव, शिक्षा को व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष उपस्थित होने और “सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे और बुनियादी सुविधाओं के लंबित स्वीकृत कार्यों को पूरा करने की समयसीमा” निर्दिष्ट करते हुए हलफनामा दाखिल करने के लिए बुलाया।

अदालत ने “सरकारी स्कूलों में छात्रों को बुनियादी सुविधाएँ/सुविधाएँ प्रदान करने में बड़ी संख्या में विसंगतियाँ और निष्क्रियता” देखीl शर्म की बात है कि मनोहर लाल ने मोलेस्टेशन के आरोपी मंत्री संदीप सिंह को अदालत का फैसला आने से पहले ही गंगा जल की तरह पवित्र बता दिया और उनकी पुलिस ने मंत्री के विक्टिम महिला कोच पर लगाए आरोप की जांच के लिए जांच कमिटी बना दी l मनोहर लाल कहते हैं गीता पढ़ो और उसपर अमल करो लेकिन भूल गए कि द्रौपदी के अपमान का बदला लेने के लिए महाभारत का युद्ध हुआ था l

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