चण्डीगढ,24, नवम्बर:-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने ब्यान जारी करते हुए बताया कि परिवहन निदेशालय बगैर अधिकारी के लगभग 2महिने से सुन्ना पङा हुआ है, जिसके कारण मुख्यालय में फाईलों के ढेर लग चूके हैं तथा कोई भी काम समय पर नहीं हो रहा।

राज्य प्रधान दोदवा ने बताया कि परिवहन एक जिम्मेदार व जनहित से जुङा हुआ विभाग है,जिसकी जनता के प्रति काफी जवाबदेही है।

लेकिन बङे अफसोस की बात है कि ऐसे जिम्मेदार विभाग में लगभग 2 महिने से निदेशक का पद खाली पङा हुआ है,जिसके कारण तमाम काम रूका पङा है। ऐसा,विभाग में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि परिवहन निदेशक की कुर्सी कई महिने से खाली चल रही है।

दोदवा ने बताया कि परिवहन निदेशक के पद पर किसी आईएएस अधिकारी को लगाया जाता है। लेकिन जब से सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर एक आईपीएस को लगाया है तब से परिवहन निदेशक के पद पर कोई भी आईएएस लगने को तैयार नहीं है। आखिर तैयार हो भी कैसे क्योंकि एक आईपीएस,आईएएस से जूनियर रैंक का अधिकारी होता है,जिसके कारण एक आईएएस, आईपीएस के नीचे काम करने में अपनी हीनता समझता है जो उचित भी है।

सरकार आईएएस के कैडर पर आईपीएस को लगाकर तमाम आईएएस को अपमानित करने का काम कर रही है,जबकि आज तक किसी भी सरकार में ऐसा नहीं हुआ है। वैसे भी जब से परिवहन विभाग में प्रधान सचिव के पद पर एक आईपीएस को लगाया है तब से कर्मचारी व विभाग का बहुत बङा नुकसान हुआ है,क्योंकि परिवहन के प्रधान सचिव ने सिर्फ नुकसान करने की बजाय आजतक कोई भी ऐसा फैंसला नहीं लिया है जो कर्मचारी व विभाग हित में हो। इमानदारी का ढिंढोरा पीटने वाले प्रधान सचिव, जमकर भ्रष्ट अधिकारियों का साथ दे रहे है तथा प्रमाणों सहित लिखित शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे,बल्कि शिकायत करने वालों को कठोर सजा दे रहे हैं।

इस परिवहन अधिकारी के अन्दर जातिवाद भी कूट-कूट कर भरा हुआ है तथा हर कर्मचारी व अधिकारी पर जातीय आधार पर कार्यवाही करते हैं। एक आईपीएस होने के कारण पुलिस वाला अहंकार भी जमकर भरा हुआ है तथा किसी भी कर्मचारी व अधिकारी से सीधे मूंह बात नहीं करते। इसलिए विभाग में सिर्फ चहेतों को छोड़कर कोई भी कर्मचारी व अधिकारी इनके रवैए से खुश नहीं है। किसी भी अधिकारी का परिवहन निदेशक के पद पर न टिकना भी इसका मुख्य कारण है। इस तरह के अधिकारी विभाग का नुकसान करने के साथ-साथ सरकार की छाती में भी कील ठोकने का काम कर रहे हैं। अगर इस तरह के अधिकारी लम्बे समय तक परिवहन विभाग में टिके रहे तो यह सुनिश्चित है वर्ष 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को कर्मचारियों की नाराजगी का आक्रोश झेलते हुए वोट बैंक का भारी नुकसान उठाना पङेगा।

इसलिए सरकार ने ऐसे अधिकारियों को तुरंत परिवहन विभाग से बदलने का काम करना चाहिए ताकि विभाग व कर्मचारी के हो रहे नुकसान के साथ-साथ सरकार की हो रही बदनामी को भी रोका जा सके।

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