प्रशासन के साथ सामाजिक संगठन, शिक्षण संस्थान, विद्यार्थी और उद्योगपतियों के योगदान से हो रहा शहर का कायाकल्प।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

चंडीगढ़, 21 नवंबर : पंचकूला को विशिष्ट पहचान देने के लिए विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की ओर से शुरू किए गए 7 सरोकार अब जनआंदोलन बन गए हैं। प्रशासनिक मिशनरी के साथ सामाजिक संगठन, शिक्षण संस्थान, विद्यार्थी और उद्योगपतियों ने भी इनमें सक्रिय भूमिका निभानी शुरू कर दी है। अभियान की समीक्षा के लिए विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मंगलवार को जिला प्रशासन और नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में योजना बनी कि सात सरोकारों की कल्पना को सिरे चढ़ाने के लिए ‘मॉडल सेक्टर योजना’ शुरू की जाएगी। इन 7 सरोकारों में शहर को ड्रग, प्रदूषण, प्लास्टिक, स्ट्रे कैटल, स्ट्रे डॉग, अतिक्रमण, स्लम से मुक्त करना है।

विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि बीते कुछ महीनों से 7 सरोकारों की मुहिम रंग ला रही है। इसका असर धरातल पर दिखाई देने लगा है, जो कि पंचकूला के लिए बहुत ही शुभ संकेत है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन्हें सिरे चढ़ाने के लिए अधिक से अधिक नागरिकों और जन-संगठनों का सहयोग लिया जाए।

नशा मुक्त पंचकूला सरोकार पर डीसीपी सुमेर प्रताप सिंह ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि नशाखोरों और इसका धंधा करने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। ऐसे मामलों में अभी तक 126 एफआईआर दर्ज की है। 37 हुक्काबार संचालकों के खिलाफ कार्रवाई कर 272 हुक्का सीज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नशामुक्ति के लिए एक तरफ जहां अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है, वहीं पीड़ितों के पुनर्वास लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रयास से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे अपराधियों की संपत्ति भी नष्ट की जा रही है।

पंचकूला को प्रदूषण मुक्त करने की रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी सुधीर मोहन ने प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि शहर की हवा के साथ-साथ अन्य सभी प्रकार के प्रदूषण को रोकने के लिए जहां बोर्ड विशेष प्रयास कर रहा है वहीं, जागरूकता मुहिम के लिए शिक्षण संस्थानों का भी विशेष सहयोग लिया जा रहा है।

नगर निगम की अतिरिक्त आयुक्त डॉ. रिचा राठी ने प्लास्टिक मुक्त पंचकूला, स्ट्रे कैटल मुक्त पंचकूला, स्ट्रे डॉग मुक्त पंचकूला पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इन समस्याओं से निजात पाने के लिए आरडब्ल्यूए, एनजीओ और बड़े स्तर पर शिक्षण संस्थानों का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 7 सरोकारों की सिरे चढ़ाने के लिए मॉडल गली बनाने पर विचार किया जा रहा है। इस पर विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि मॉडल गली की बजाय मॉडल सेक्टर बनाने होंगे। सभी कसौटियों पर खरे उतरने वाले सेक्टरों के विकास के लिए 50 लाख रुपये तक के पुरस्कार भी दिए जा सकते हैं।

एचएसवीपी के ईओ मानव मलिक ने अतिक्रमण मुक्त पंचकूला बनाने को लेकर की गई कार्रवाई के तथ्य पेश किए। उन्होंने कहा कि शहर से झुग्गियां हटाने के लिए दैनिक आधार पर अभियान चलाया जाता है। बीते एक माह में 281 झुग्गियां हटा दी गई हैं। उन्होंने कहा इसके लिए व्हट्सएप नंबर 7888571296 जारी किया गया है। कोई भी नागरिक इस नंबर पर झुग्गियों को लेकर शिकायत भेज सकता है। ऐसी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। इसको लेकर एचएसवीपी जल्द ही एक एप भी लांच करने वाला है।

एचएसवीपी के एसई राजीव शर्मा ने पंचकूला को स्लम मुक्त करने पर रिपोर्ट पेश की। बैठक में नगर निगम के आयुक्त सचिन गुप्ता, पुलिस उपायुक्त सुमेर प्रताप सिंह, अतिरिक्त जिला उपायुक्त वर्षा खांगवाल, नगर निगम की अतिरिक्त आयुक्त डॉ. रिचा राठी, उप नगर निगम आयुक्त अपूर्व चौधरी, सहायक पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह, एचएसवीपी के ईओ मानव मलिक, एनएचएआई की डीजीएम प्रियंका मीणा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी सुधीर मोहन, ज़िला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक, चिकित्सा विभाग की उप सिविल सर्जन डॉ. स्नेह सिंह, डॉ. विनेश, एटीपी/डीटीपी नेहा यादव, एचएसवीपी के कार्यकारी अभियंता रोहताश सिंह, एसई राजीव शर्मा, मोहित, अविनाश सिंगला समेत अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।

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