सुशील गुप्ता ने प्रदेश में किसानों की व्यथा को लेकर सरकार पर उठाए सवाल भाजपा सरकार ने 2022 तक किसानों की आय डबल करने का वादा किया था : डॉ. सुशील गुप्ता हरियाणा सरकार उदासीन, किसानों के साथ पोर्टल-पोर्टल का चल रहा खेल : डॉ. सुशील गुप्ता भाजपा के राज में किसान की हालत दयनीय, समय पर नहीं मिला मुआवजा : डॉ. सुशील गुप्ता चंडीगढ़, 18 नवंबर – आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने शनिवार में प्रदेश में किसानों की दयनीय स्थिति को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार में हरियाणा के किसानों पर कर्जे का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। बीजेपी की सरकार में 2022 तक किसानों की आय दुगने करने के वादे जुमले ही बनकर रह गए हैं, किसानों का कर्ज तीन गुना बढ़ गया। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री के गृह जिले भिवानी समेत प्रदेश के अधिकतर जिलों में कर्जदार किसानों की संख्या तीन गुना हो चुकी है। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार में प्रदेश का किसान कर्ज के बोझ के नीचे दब गया है। जहां 2022 में 6 लाख 58 हजार किसानों ने कर्ज लिया था, वहीं 2023 में 11 लाख 49 हजार किसान कर्जदार बन गए हैं। किसानों को खट्टर सरकार में न एमएसपी मिला, न मुआवजा मिला और अगर सड़कों पर प्रदर्शन किया तो सिर्फ लट्ठ मिले। हालत ये हो गए हैं कि पिछले एक वर्ष में ही पांच लाख से ज्यादा किसान कर्जदारों की सूची में जुड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार का पिछले 9 सालों से किसानों के साथ पोर्टल पोर्टल का खेल चल रहा है। फसल का बीमा करवाना है तो पोर्टल, फसल की बिक्री करनी है तो पोर्टल और खराब फसल का मुआवजा लेना है तो पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने का फरमान जारी कर दिया जाता है। खट्टर सरकार ने किसानों की मदद करने की बजाय उनको पोर्टल में उलझा कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान खट्टर सरकार से इस कदर परेशान है कि किसानों ने बीजेपी नेताओं को गांव में घुसने तक से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर किसानों से दुश्मनी निभाना बंद करें और किसान हित में सोचकर उनकी मदद करें, नहीं आने वाले समय में किसान ही बीजेपी को आईना दिखाने का काम करेंगे। Post navigation जहरीली शराब बेचने में भाजपा समेत कांग्रेस और जेजेपी के लोगों का हाथ है : अभय सिंह चौटाला हरियाणवी नौजवानों को प्राइवेट सेक्टर में 75% आरक्षण देने की BJP-JJP सरकार की कभी कोई मंशा थी ही नहीं, ये सिर्फ ढकोसला था- दीपेंद्र हुड्डा