चंडीगढ़, 15 नवंबर: हरियाणा सरकार ने सतर्कता विभाग हरियाणा में मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) के पद पर क्रमशः प्रतिनियुक्ति और अनुबंध के आधार पर सेवारत व सेवानिवृत्त अधिकारियों को नियुक्त किया है। मुख्य सतर्कता अधिकारी के पद पर नियुक्त सेवारत अधिकारियों में श्री दीपक बुरा, जिला अटॉर्नी (डीए), एचआरडी, हरियाणा सिविल सचिवालय, श्री दिनेश राठी, एस.ई., सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग तथा श्री कृष्ण कुमार, संयुक्त निदेशक, तकनीकी शिक्षा शामिल हैं। सेवानिवृत्त अधिकारियों में श्री जरनैल सिंह बोपाराय, ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त), भारतीय वायु सेना, श्री महावीर सिंह, जीएम-सह-सीवीओ (सेवानिवृत्त), एचएसआईआईडीसी, श्री राजेंद्र कुमार मलिक, महानिरीक्षक (सेवानिवृत्त), एचएजी, श्री शशि कांत शर्मा, अतिरिक्त निदेशक (सेवानिवृत्त), अभियोजन, श्री रामेश्वर मेहरा, अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त (सेवानिवृत्त), श्री संजीव कुमार जैन, डीए (सेवानिवृत्त), अभियोजन विभाग, श्री सतीश कुमार जैन, एचसीएस (सेवानिवृत्त) और श्री अशोक कुमार शर्मा, आईएएस (सेवानिवृत्त), एमडी, एचएसडब्ल्यूसी शामिल हैं। हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल द्वारा इस संबंध में जारी परिपत्र में कहा गया है कि सीवीओ किसी संगठन के सतर्कता प्रभाग का प्रमुख होगा और सभी सतर्कता मामलों पर प्रशासनिक सचिव/विभागाध्यक्ष के विशेष सहायक/सलाहकार के रूप में कार्य करेगा। सीवीओ की भूमिका में निवारक सतर्कता कार्य शामिल हैं, जिसका लक्ष्य संभावित भ्रष्टाचार के स्थानों और स्रोतों की पहचान करके भ्रष्ट प्रथाओं को विफल करना है। सीवीओ भ्रष्टाचार से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करने, हितधारकों को संवेदनशील बनाने और भ्रष्ट प्रथाओं के खिलाफ जागरूकता को बढ़ावा देने के कार्य भी उनकी भूमिका का हिस्सा होगा। इसके अलावा, मौके पर जांच और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के साथ ही संबंधित अनुशासनात्मक प्राधिकारी के विचार के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करना भी शामिल है। सीवीओ एक मजबूत तंत्र की स्थापना और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसमें आम जनता से जानकारी एकत्र करने के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का निर्माण और कार्यान्वयन शामिल है। इन प्रक्रियाओं का हरियाणा सरकार द्वारा उल्लिखित दिशानिर्देशों के अनुसार कड़ाई से पालन करना चाहिए। सीवीओ संबंधित विभाग में जांच निरीक्षण और औचक जांच करेंगे। साथ ही, अभियोजन स्वीकृति मामलों की कड़ी निगरानी, सतर्कता रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनात्मक मामलों की निगरानी, रिपोर्टों की सावधानीपूर्वक जांच करने के साथ साथ निरीक्षण रिपोर्ट, शिकायतों और आरोपों की समीक्षा भी करेंगे। इसके अलावा, सीवीओ वार्षिक आधार पर, विशेष रूप से जनवरी में, संदिग्ध संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले अधिकारियों की सूची (ऑफिसर्स ऑफ डाउटफुल इंटीग्रिटी) की सूची को संकलित करने और अद्यतन करने के लिए जिम्मेदार होंगे। साथ ही, सीवीओ की विभाग के अंदर संवेदनशील पदों की पहचान और कर्मचारियों का समय-समय पर रोटेशन की प्रक्रिया, वार्षिक संपत्ति रिटर्न की जांच और भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें की जांच व आगामी कार्रवाई की जिम्मेवारी होगी। सतर्कता प्रभाग के प्रमुख के रूप में कार्यरत सीवीओ, अपने संबंधित विभाग/बोर्डों/निगमों के भीतर सतर्कता विंग की गतिविधि और कार्यप्रणाली पर त्रैमासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। Post navigation पलवल में भव्य तरीके से मनाई जाएगी झलकारी बाई की जयंती: डा. बनवारी लाल चालक राजबीर के परिवार के सदस्य को स्थाई नौकरी व 15 लाख मुआवजा देने पर सहमति