जिले में हर माह नारकोर्टिस कोर्डिनेंस कमेटी की बैठकें आयोजित  करें – संजीव कौशल

– नशे से पीडि़तों का इलाज करवाने और नशा छुड़वाने के सकारात्मक प्रयास किए जाए
– हर गांव, खण्ड एवं जिला स्तर पर साईक्लोथोन चलाया जाए
– मेडिकल स्टोर बिना चिकित्सक के लिखे नशे की दवाई देने के लिए वर्जित 

चण्डीगढ, 14 नवम्बर- हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि जिला स्तर पर हर माह नेशनल नारकोर्टिस कोर्डिनेंस कमेटी की बैठकें आयोजित की जाए तथा उनकी रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की जाएं। इसके अलावा उपायुक्त तिमाही एवं एसडीएम हर माह जिला में कार्यरत नशा मुक्ति केन्द्र की मॉनिटरिंग करें और उसकी जानकारी अवश्य अपलोड करें।       

 मुख्य सचिव आज यहां छठी नेशनल नारकोर्टिस कोर्डिनेंस कमेटी की राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग डा. जी अनुपमा, डीजीपी श्री शत्रुजीत कपूर, एडीजीपी श्री आलोक मितल, श्री ओ.पी. सिंह, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान, श्रीमती आशिमा बराड़, आबकारी एवं कराधान आयुक्त एवं सचिव श्री अशोक मीणा, विशेष सचिव गृह विभाग श्री महावीर कौशिक सहित विभिन्न विभागों के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा, बैठक से पुलिस विभाग के कई अधिकारी ऑनलाईन भी जुड़े।        

 बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कई जिलों के उपायुक्त एवं एसडीएम की  रिपोर्ट लम्बित हैं, उसे जल्द से जल्द पोर्टल पर अपलोड करें। उन्होंने कहा कि एनसीबी द्वारा नशीले पदार्थाे की रोकथाम के लिए नियमित रूप से कार्रवाई की जा रही है। अब तक 3306 केस दर्ज कर 4452 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 40 क्विंटल अफीम भी पकड़ी गई है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थ बेचते हुए पाए जाने वाले मामलों में 15 दिन के लिए एफएसल रिपोर्ट की जानी चाहिए ताकि केसों का निपटारा करने में दिक्कतें पेश न आए।        

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में हरियाणा पुलिस एक्ट 2007 के तहत लीगल एवं आई टी कंसलटेंट नियुक्त किए जाएंगे ताकि मादक पदार्थाे के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम में तेजी लाई जा सके। उन्होंने जिलों में चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्रों को सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं से युक्त बनाने, स्टाफ प्रशिक्षण के लिए एसओपी तैयार करने तथा इसे  अन्य विभागों को भेजे जाने के निर्देश दिये।  इसके अलावा नशा करने वालों को नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए उनकी पहचान कर सहायता की जाए। पुलिस द्वारा अब तक राज्य में  नशे से पीडि़त 12572 व्यक्तियों में से 2293 को नशा मुक्ति केन्द्रो में दाखिल कर स्वास्थ्य सेवाएं दी जाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही मनोचिकित्सकों से भी परामर्श दिलवाया जाए ताकि नशे को जड़ से खत्म किया जा सके।           

 मुख्य सचिव ने कहा कि नशे से पीडि़त व्यक्तियों का इलाज करवाने और नशा छुड़वाने के लिए सकारात्मक प्रयास किए जाए ताकि ऐसे व्यक्तियों के जीवन में उजियारा लाया जा सके। राज्य स्तर पर चलाए गए साईक्लोथोन अभियान के सार्थक परिणाम आए हैं। इसलिए साईक्लोथोन अभियान को हर गांव, खण्ड एवं जिला स्तर पर चलाया जाए और इस अभियान को पब्लिक का हिस्सा बनाकर इससे प्रत्येक व्यक्ति को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि ई-स्पोर्टस नीति के तहत नशे के खिलाफ शैक्षणिक स्तर पर प्रशिक्षण व खेल गतिविधियों को बढावा देकर उन्हें निपुण करने जैसे कार्य किये जाए ताकि नशे की बीमारी बारे पूर्ण रूप से जागरूक किया जा सके। राहगीरी कार्यक्रमों के माध्यम से भी नशे की लत बारे जागरूक किया जा रहा है।       

 मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के 15 जिलों में नशा मुक्ति केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं उनके लाईसेंस नवीनीकरण बारे भी कारवाई अमल में लाई जाए। इसके अलावा अन्य जिलों में भी नशा मुक्ति केन्द्र खोलने बारे प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। इसके अलावा 13 नशा मुक्ति केन्द्र प्राईवेट संस्थाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर पुलिस, आबकारी एवं राजस्व विभाग के राजपत्रित अधिकारियों को एनडीपीएस एक्ट के तहत नशा मुक्ति केन्द्रों की जांच कर कारवाई करने के लिए अधिकृत किया जाए। इसके अलावा बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले नशा मुक्ति केन्द्रों की रेटिंग की जाएगी। इसके लिए नशा मुक्ति केन्द्रों के समक्ष आने वाले समस्याओं का समाधान करने लिए जल्द ही पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।        

श्री कौशल ने कहा कि राज्य में सभी मेडिकल स्टोर पर चिकित्सक के लिखे बिना नशे की दवाई देने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इसके लिए ‘‘साथी’’ एपलीकेशन के माध्यम से पूर्ण मोनिटरिंग की जाएगी। एनडीपीए के विवादों की सुनवाई के लिए सिरसा की तर्ज पर फतेहाबाद, अम्बाला, हिसार, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र व पानीपत सहित सात फास्ट स्पेशल ट्रेक कोर्ट कार्य कर रही हैं तथा राज्य सरकार द्वारा रोहतक, गुरूग्राम, फरीदबाद व यमुनानगर में 4 ओर फास्ट विशेष फास्ट ट्रेक कोर्ट स्थापित करने की दिशा में कदम उठाये गए हैं।

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