गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज : राजनीतिक संरक्षण प्राप्त और अपने धनबल के चलते नियम कानून को ताक पर रखकर सरकारी आदेशों की अवहेलना करना कुछ धनाढ्य व्यवसायियों का फैशन बन गया है। जिनके आगे कानून के रखवाले भी बेबस दिखाई देते हैं। ऐसा ही नजारा शनिवार को फारुखनगर खण्ड के गांव डाबोदा स्थित एक पटाखा गोदाम में सरे आम देखने को मिला। जहां नियमों को ताक पर रख कर न सिर्फ सैक्ड़ों लोगों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है, बल्कि सरेआम टैक्स चोरी करके भी सरकार के खजाने को चूना लगाया जा रहा है। बता दें कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में भयंकर वायु प्रदूषण से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है, ऐसे में प्रशासन ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए सख्त निर्देश दे रखे है। बावजूद इसके डाबोदा की पटाखा फैक्टरी में शासन-प्रशासन और कानून के दिशा-निर्देशों की सरेआम, पुलिस की मौजूदगी में ही धज्जियां उड़ाई जा रही है। फायर वर्क शाॅप के नाम से डाबोधा में चल रही इस फैक्टरी के मालिक महेन्द्र तनेजा से इसी संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा दीपक हमारा मैनेजर है, उससे बात करो वही मौके पर सारी बातों के लिए जवाब देह है। क्षेत्र के जागरूक नागरिक व वरिष्ठ संवादाता विमल ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने पटाखा फैक्टरी में हद से अधिक ग्राहकों की भीड़ देखी, जिससे सड़क पर लम्बा जाम लग गया था और इस जाम को खुलवाने के लिए उन्होंने पटाखा फैक्टरी के संचालनकर्ता व मौजूद कर्मचारी और अन्य से बात की। पत्रकार के सवाल पूछने पर फैकटरी के मैनूजर दीपक ने बड़े ही बेबाकी से कहा कि सड़क पर जाम लगे या कोई मरे कुचले हमें कोई परवाह नही है। हमने पुलिस व प्रशासन को मंथली और पटाखे पहले ही पहचा दिए है। दीपक ने यह भी कहा कि यही तो खास दिन होते हैं जब हमारे पास मीलों दूर, दूसरे राज्य से भी रोजाना सैकड़ों की तादात में चल कर ग्राहक आते है। हमारा इन दिनों लाखों के पटाखे कुछ ही दिन में बिक जाते हैं। पटाखे खरीदने के लिए ग्राहकों का जमावड़ा तो लगता ही है यह कौन सी नई बात है। विमल ने पूछा कि आपके पास इस प्रकार से खुल्लम खुल्ला पटाखे बेचने का लाईसेंस है? तो दीपक ने कहा लाईसेंस हो या न हो इससे कोई फर्क नही पड़ता, पुलिस, फायर ब्रिगेड, और मीडिया वाले सभी महकमें के लोग हमारे यहां से फ्री के पटाखे ले जाते हैं और इसके बदले वो हमारा पूरा ध्यान रखते हैं, अब हमें किसी का कोई डर भय नही है। बड़ी हैरानी और अजीब बिडम्वना है कि डाबोदा जैसे गांव में सरेआम देश के राजस्व को करोड़ों रुपए का चूना मिलीभगत से लगाया जा रहा है। हैरानी तो इस बात की है कि सभी महकमें में बैठे अधिकारी मौन बने हुए है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि दीपक की कही बातें सही हैं। दीपक की माने तो पुलिस, फायर ब्रिगेड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मीडिया के चंद बिकाउ पत्रकार आदि लोगों को दो चार सौ रुपए के पटाखे देकर उनका मुंह बंद कर दिया जाता है और कोई भी ऐसे कानून को ठेंगा दिखाने वालों रोकने या टोकने तक का साहस नही करता है। इन टैक्स चोर, जीएसटी चोर, मनमानी मुनाफाखोरी करने वालों की सच्चाई पर पर्दा जो लोग डालते हैं उन्हें शायद रिश्वत में मिली पटाखों की सौगात ने रोका हो लेकिन जो भी ईमानदार अधिकारी हैं उन्हें मानवताहित और जन जीवन की रक्षार्थ ठोस कदम उठाने ही चाहिए। इस फैक्टरी में रोजाना कई लाख रुपए के पटाखे बिना रसीद के ही बेचे जा रहे हैं। यहां फैक्टरी में कभी भी कोई हादसा या आगजनी की बारदात हो सकती है जिसकी सुरक्षा के भी उचित उपाय देखने को नही मिले लेकिन फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस के लोग फ्री के चंद पटाखों के लालच में अपने दायित्व को ताक पर रखे देखे गए हैं। पटाखा फैक्टरी में आई पुलिस की जिप्सी और मोटर साईकिल पर आए पुलिस कर्मी आदि अपना अपना ईनाम ले जाते स्पष्ट देखे जा सकते हैं जिसकी गवाही कुछ तस्वीरों के माध्यम से देखी जा सकती है। ग्रीन पटाखे की आड़ में प्रतिबंधित पटाखे जमकर बेचे जा रहे हैं। क्या कहते हैं स्थानीय पुलिस अधिकारी व अन्य विभागीय अधिकारी और फैक्टरी के मालिक? फैक्टरी के मालिक महेन्द्र तनेजा ने फोन उठाना ही बंद कर दिया है। स्थानीय पुलिस प्रभारी ने कहा कि मौके पर पुलिस भेजकर कार्रवाई कराई जाएगी। तहसीलदार फारुखनगर ने फोन ही नही उठाया। जब इस बारे में डीसीपी मनबीर से बात की गई तो उनका कहना था कि मुझे जानकारी नहीं है। अगर प्रतिबंधित पटाखे बिक रहे हैं तो उन पर अवश्य ही कार्रवाई कराई जाएगी। जब इस बारे में गुरुग्राम के उपयुक्त निशांत कुमार यादव से उनके फोन पर बार-बार संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया जिनसे उनका पक्ष नहीं लिया जा सका। Post navigation गुरुग्राम जिला में 09 दिसंबर को किया जाएगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन : श्रीमती ललिता पटवर्धन सरस आजीविका मेला 2023…….12 करोड़ के कारोबार के साथ सम्पन्न हुआ