पटौदी में महर्षि वाल्मीकि की याद में किया गया रात्रि जागरण
शोभा यात्रा में लव कुश हनुमान राम दरबार व अन्य झांकियां रही शामिल 
 शोभा यात्रा वार्ड नंबर 6 से आरंभ होकर रेवाड़ी रोड वाल्मिकी मंदिर में पहुंची 

 फतह सिंह उजाला                                     

पटौदी । पटौदी में महर्षि वाल्मीकि जयंती महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया । इस मौके पर पटौदी के आश्रम हरी मंदिर संस्कृत महाविद्यालय के निकट वार्ड नंबर 6 में वाल्मीकि मोहल्ला में वाल्मीकि समाज के द्वारा रात्रि जागरण का आयोजन किया गया । इसके उपरांत महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर आधारित शोभा यात्रा धूम धाम के साथ निकाली गई।   

इस वाल्मीकि महोत्सव के मुख्य अतिथि पटौदी नागरिक अस्पताल के आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा ने कहा हम सभी को महर्षि वाल्मीकि के जीवन आदर्शो को अपने जीवन में भी आत्मसात करना चाहिए । उन्होंने कहा महर्षि वाल्मीकि जिनको आदि कवि भी कहा गया है । उनके द्वारा रामायण की रचना की गई । इससे पहले डॉक्टर सुशांत शर्मा पटौदी नागरिक अस्पताल की नर्सिंग ऑफिसर श्रीमती राजबाला, पूर्व पार्षद कैलाश, वाल्मीकि समाज के प्रधान लक्ष्मण, उपप्रधान हरीश, सुंदर, अनिल ढकिया, धर्म सिंह सहित 36 बिरादरी के लोग और प्रबुद्ध नागरिकों की मौजूदगी में शोभा यात्रा को रिबन काटकर रवाना किया । इस शोभायात्रा में लव कुश, बजरंगबली हनुमान, राम दरबार सहित अन्य मनभावन झांकियां शामिल रही । यह शोभा यात्रा वार्ड नंबर 6 आश्रम हरी मंदिर के पास से आरंभ होकर पटौदी पालिका क्षेत्र के विभिन्न वार्डों और महत्वपूर्ण मार्गों से होते हुए रेवाड़ी रोड पर मौजूद वाल्मीकि मंदिर में पहुंची ।    

 इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा और श्रीमती राजबाला को आयोजकों के द्वारा महर्षि वाल्मीकि के चित्र भेंट कर स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए । इस मौके पर डॉक्टर सुशांत शर्मा ने कहा महर्षि वाल्मीकि दूरदर्शी ऋषि थे । उन्होंने समाज को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया। महर्षि वाल्मीकि के द्वारा समाज में जात-पात और ऊंच नीच के भेदभाव को समाप्त करने के लिए अनुकरणीय कार्य किए गए । महर्षि वाल्मीकि जिनको की भगवान वाल्मीकि का भी दर्जा दिया गया, उनका जीवन सत्य मर्यादा प्रेम भाईचारे कि आज भी हम सभी को शिक्षा सहित प्रेरणा प्रदान करता है । उन्होंने आजीवन बुराई को त्याग कर अच्छाई पर चलने का संदेश दिया । डॉक्टर सुशांत शर्मा ने कहा आज के समय में महर्षि वाल्मीकि के द्वारा दी गई शिक्षा और उनके द्वारा किए गए मार्गदर्शन का अपना एक अलग ही महत्व है ।