तीर्थ यात्रा – आध्यात्म की ओर जाने का सुमार्ग – बोधराज सीकरी गुडग़ांव, 10 अक्तूबर – मदनपुरी एवं अन्य स्थानों के लगभग 45 श्रद्धालुओं को गंगा स्नान तीर्थ हेतु जगदीश सचदेव द्वारा बोधराज सीकरी से आग्रह किया | जिसके फलस्वरूप तुरंत सीकरी जी ने तीर्थ यात्रियों के आने-जाने के दौरान जलपान व्यवस्था व हरिद्वार में निशुल्क दो दिन के लिए जामपुर भवन में रहने की सुन्दर व्यवस्था कर तीर्थ यात्रियों का मन जीत लिया | श्रद्धालु सीकरी जी को आशीष देते हुए फूले नहीं समा रहे है | पहले भी सीकरी जी के माध्यम से हरिद्वार व वृन्दावन भेजा गया है | इसके अतिरिक्त अंधविद्यालय से छात्रों को भी तीर्थ पर भेज कर पुण्य कम चुके है | समय-समय पर तीर्थ यात्रा करने से दैनिक जीवन में चल रही परेशानियों से कुछ समय के लिए मुक्ति मिल जाती है। मंदिर में आने वाले भक्तों के नकारात्मक विचार नष्ट होते हैं और सोच सकारात्मक बनती है। आमतौर पर अधिकतर प्राचीन तीर्थ और मंदिर ऐसी जगहों पर बनाए गए हैं, जहां का प्राकृतिक वातावरण हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। प्राचीन संस्कृति को जानने का मौका मिलता है। मंदिर के पंडित और आसपास रहने वाले लोगों से संपर्क होता है, जिससे अलग-अलग रीति-रिवाजों को जानने का अवसर मिलता है। भगवान और भक्ति से जुड़ी मान्यताओं की जानकारी मिलती है। जिसका लाभ दैनिक जीवन की पूजा में मिलता है। Post navigation 62वें दिन भी जारी रहा आशा वर्कर्स का आंदोलन निजी कॉलोनी के उपभोक्ताओं को मांग पर मिलेगा बिजली कनेक्शन