बाढ़ के कारण दोबारा धान की रोपाई के बाद हुए खराबे के लिए सात हजार रुपये प्रति एकड़
फसल बीमा कम्पनियों द्वारा बीमा न करने के बाबजूद भी बैंक से फसली ऋण की काटी गई राशि की भरपाई के लिए किसानों को बैंकों से 15000 रुपये प्रति एकड़ का विशेष पैकेज दिलवाया जाएगा

चण्डीगढ़, 6 अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के जिन जिलों में गुलाबी सुंडी से कपास की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया गया है और साढे 7 हजार से 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाएगा। इसी प्रकार, बाढ़ के कारण जिन किसानों ने धान की दोबारा रोपाई की थी और उसमें खराबा आ गया था, की भरपाई भी सात हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से की जाएगी।

        मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा निवास में एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।

        मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कम्पनियों द्वारा क्लस्टर बनाए गये थे, परंतु सब जगह बीमा कम्पनियां नहीं पहुंच पाई और बैंकों द्वारा फसली ऋण पर बीमें का प्रीमियम काट लिया गया। ऐसी शिकायतें मिली हैं और इसके समाधान के लिए बैंकों से बात की जाएगी और 15000 रुपये प्रति एकड़ की दर से विशेष पैकेज दिलवाया जाएगा। इसके अलावा, जिन किसानों ने फसली ऋण नहीं लिया था, उनकी भरपाई राजस्व आपदा प्रबन्धन विभाग के नियमों के अनुसार की जाएगी।

        मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पहले केवल जिन फसलों की एमएसपी पर खरीद की जाती थी, किसान उन्हीं फसलों का पंजीकरण करता था। बाजरे के मामले में राजस्थान व अन्य राज्यों के किसानों द्वारा भी पंजीकरण करने की शिकायतें मिलीं थी। अब शतप्रतिशत रकबे का पंजीकरण होगा, चाहे जमीन खाली ही क्यों न हो। बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विंटल है। हैफेड द्वारा 2200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से वाणिज्यिक खरीद की जा रही है। सरकार द्वारा 300 रुपये के अंतर की पूर्ति भावांतर भरपाई योजना के तहत की जा रही है।  नैफेड ने भी 2.5 लाख मीट्रिक टन बाजरा खरीदना निर्धारित किया है। सरकार ने इस कोटे को बढ़ाने का अनुरोध किया है। इस बार प्रदेश में 6 लाख मीट्रिक टन बाजरे का उत्पादन होने का अनुमान है।

        फसल अवशेष जलाने के सम्बन्ध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष अवशेष जलाने की घटनाएं कम हो रही हैं। फसल अवशेषों का उपयोग एथनोल बनाने, ऊर्जा बनाने व अन्य कार्यों के लिए हो इसके लिए वाणिज्यिक उपयोग पर जो दिया जा रहा है। किसानों को बेल्लर, ट्रांसपोर्टेशन व वित्तीय प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। इस वर्ष लगभग 200 शिकायतें मिली हैं।

        जीएसटी के सम्बन्ध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा बड़े राज्यों में जीएसटी संग्रहण में नम्बर वन पर है। ऑनलाइन सिस्टम होने के कारण अन्य राज्यों से भी डाटा मिल रहा है।

इस अवसर पर शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता,  मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरूण गुप्ता, ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एके सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अ‌मित अग्रवाल, बिजली निगमों के चेयरमैन श्री पी के दास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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